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12:13, 21 मार्च 2014 का अवतरण
गौरैया एक पक्षी है जो यूरोप और एशिया में सामान्य रूप से हर जगह पाया जाता है। यह विश्व में सबसे अधिक पाए जाने वाले पक्षियों में से है। लोग जहाँ भी घर बनाते हैं देर सबेर गौरैया के जोड़े वहाँ रहने पहुँच ही जाते हैं। गोरैया एक छोटी चिड़िया है। यह हल्की भूरे रंग या सफेद रंग में होती है। इसके शरीर पर छोटे-छोटे पंख और पीली चोंच व पैरों का रंग पीला होता है। नर गोरैया का पहचान उसके गले के पास काले धब्बे से होता है। 14 से 16 से.मी. लंबी यह चिड़िया मनुष्य के बनाए हुए घरों के आसपास रहना पसंद करती है।
धार्मिक महत्त्व
भारतीय पौराणिक मान्यताओं अनुसार यह चिड़ियां जिस भी घर में या उसके आंगन में रहती है वहां सुख और शांति बनी रहती है। खुशियां उनके द्वार पर हमेशा खड़ी रहती है और वह घर दिनोंदिन तरक्की करता रहता है। इसके अलावा भी हिंदू धर्म में ऐसे और भी पक्षी हैं जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व माना गया है। पक्षियों को हिंदू धर्म में देवता और पितर माना गया है। कहते हैं जिस दिन आकाश से पक्षी लुप्त हो जाएंगे उस दिन धरती से मनुष्य भी लुप्त हो जाएगा। किसी भी पक्षी को मारना अपने पितरों को मारना माना गया है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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