"सकहा शंकर मंदिर": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
पंक्ति 17: पंक्ति 17:
{{शिव मंदिर}}
{{शिव मंदिर}}
{{उत्तर प्रदेश के मन्दिर}}
{{उत्तर प्रदेश के मन्दिर}}
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल]][[Category:हिन्दू मन्दिर]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]]
[[Category:उत्तर प्रदेश]][[Category:उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थल]][[Category:हिन्दू मन्दिर]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]


__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

12:17, 21 मार्च 2014 का अवतरण

सकहा शंकर मंदिर हरदोई

सकहा शंकर मंदिर उत्तर प्रदेश के हरदोई जनपद मुख्यालय से लगभग पच्चीस तीस किलोमीटर दूर सकहा नामक स्थान में स्थित है।

  • जिसका पुराना नाम सोनिकपुर था तथा यहां पर शंकासुर नामक दैत्य रहा करता था जो हरदोई के शासक हिरण्यकशिपु का सहयोगी था।
  • भक्त प्रह्लाद के आह्वान पर जब भगवान ने नरसिंह रूप धारण कर हिरण्यकशिपु का वध किया तो शंकासुर भी ने भी यह स्थान छोड दिया। इस स्थान पर शिवलिंगों की एक पिरामिड जैसी आकृति उभर आयी जिस पर भगवान शंकर का मंदिर स्थापित हुआ।
सकहा स्थित शंकर जी का लिंग शीर्ष
  • यह एक प्राचीन मंदिर था जिसका जीर्णोधार लगभग सत्तर वर्ष पूर्व इस क्षेत्र में तैनात रहे कोतवाल द्वारा कराया गया था।
  • इसके संबंध में यह भी किंवदंती है कि आजादी से कई वर्ष पूर्व लाला लाहौरीमल नामक एक व्यापारी के पुत्र को फांसी की सजा हुयी थी जिसकी माफी के लिये लाला लाहौरीमल ने यहां दरकार लगायी थी और मनौती पूरी होने के पश्चात उनके द्वारा यहां पर शंकर जी का मंदिर बनवाया गया।
  • कालान्तर में यहां पर आवासीय संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना हुयी जो आज भी सुचारू रूप से गतिमान है। वर्तमान में इस मंदिर की व्यवस्था आदि का काम स्थानीय महंत श्री उदयप्रताप गिरि द्वारा देखा जा रहा है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख