"सदस्य वार्ता:प्रोफेसर महावीर सरन जैन": अवतरणों में अंतर

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प्रोफेसर महावीर सरन जैन' (जन्म: 17 जनवरी, 1941) हिन्दी के अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वान एवं प्रख्यात भाषावैज्ञानिक हैं। वे भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
प्रोफेसर महावीर सरन जैन' (जन्म: 17 जनवरी, 1941) हिन्दी के अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वान एवं प्रख्यात भाषावैज्ञानिक हैं। वे भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।
अनुक्रम
==परिचय==
 
    1 जीवनी
    2 कार्यक्षेत्र
    3 भाषा-ज्ञान एवं शैक्षिक योग्यताएँ
    4 प्रमुख कृतियाँ
    5 बाहरी कड़ियाँ
 
[[जन्म]]
 
महावीर सरन जैन का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में 17 जनवरी, 1941 को हुआ था । उनके परिवार में इला ( पत्नी), ऋचा ( बेटी) एवं मनु ( बेटा) हैं।
महावीर सरन जैन का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में 17 जनवरी, 1941 को हुआ था । उनके परिवार में इला ( पत्नी), ऋचा ( बेटी) एवं मनु ( बेटा) हैं।
[[कार्यक्षेत्र एवं कार्य अनुभव]]
प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक, रोमानिया के बुकारेस्त विश्वविद्यालय के हिन्दी के विजिटिंग प्रोफेसर तथा जबलपुर के विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग के लैक्चरर, रीडर तथा प्रोफेसर एवं अध्यक्ष के रूप में सन 1964 से 2001 तक कार्य किया तथा हिन्दी के अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान तथा हिन्दी के प्रचार-प्रसार-विकास के क्षेत्रों में भारत एवं विश्व स्तर पर योगदान दिया है। सेवा निवृत्त निदेशक, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, भारत सरकार, आगरा, पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग, विश्वविद्यालय, जबलपुर .पूर्व अधिष्ठाता, कला संकाय, विश्वविद्यालय, जबलपुर,पूर्व विजिटिंग प्रोफेसर (हिन्दी), बुकारेस्त विश्वविद्यालय, बुकारेस्त, रोमानिया देश विदेश के अनेक सम्मानों से सम्मानित प्रो. जैन ने मौलिक ग्रंथ, शोध निबंध, समीक्षा, भूमिका तथा लेख सभी कुछ लिखा है। विभिन्न विषयों पर आपकी पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक, रोमानिया के बुकारेस्त विश्वविद्यालय के हिन्दी के विजिटिंग प्रोफेसर तथा जबलपुर के विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग के लैक्चरर, रीडर तथा प्रोफेसर एवं अध्यक्ष के रूप में सन 1964 से 2001 तक कार्य किया तथा हिन्दी के अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान तथा हिन्दी के प्रचार-प्रसार-विकास के क्षेत्रों में भारत एवं विश्व स्तर पर योगदान दिया है। सेवा निवृत्त निदेशक, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, भारत सरकार, आगरा, पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग, विश्वविद्यालय, जबलपुर .पूर्व अधिष्ठाता, कला संकाय, विश्वविद्यालय, जबलपुर,पूर्व विजिटिंग प्रोफेसर (हिन्दी), बुकारेस्त विश्वविद्यालय, बुकारेस्त, रोमानिया देश विदेश के अनेक सम्मानों से सम्मानित प्रो. जैन ने मौलिक ग्रंथ, शोध निबंध, समीक्षा, भूमिका तथा लेख सभी कुछ लिखा है। विभिन्न विषयों पर आपकी पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
 
==भाषा-ज्ञान==
[[भाषा-ज्ञान]]
 
हिन्दी, संस्कृत, पालि, अंग्रेजी, रोमानियन।
हिन्दी, संस्कृत, पालि, अंग्रेजी, रोमानियन।
[[ शैक्षिक योग्यताएँ]]
====शैक्षिक योग्यताएँ====
शैक्षिक योग्यतायें : एम.ए. (हिन्दी) (1960), डी.फिल. (हिन्दी-भाषाविज्ञान) (1962), डी.लिट्. (हिन्दी-भाषाविज्ञान) (1967)।
शैक्षिक योग्यतायें : एम.ए. (हिन्दी) (1960), डी.फिल. (हिन्दी-भाषाविज्ञान) (1962), डी.लिट्. (हिन्दी-भाषाविज्ञान) (1967)।
[[प्रोफेसर महावीर सरन जैन का प्रकाशित साहित्यः]]
प्रोफेसर महावीर सरन जैन का प्रकाशित साहित्यः
[[(क)ग्रंथ एवं पुस्तकेः]]
(1) विचार, दृष्टिकोण एवं संकेत (निबन्धों का संकलन):
- विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा (1965)
(2) अन्य भाषा शिक्षण (Second Language Teaching):
      - विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा (1966)
(3) बुलन्दशहर  एवं खुर्जा तहसीलों की बोलियों का संकालिक
अध्ययन (ब्रजभाषा एवं खड़ी बोली का संक्रान्ति क्षेत्र):
(Synchronic Study of the dialects of Buland Shahr and Khurja Tehsils
– a transitional area of Brij and Khari Boli of Hindi language)
      -  हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद (1967)
(4) परिनिष्ठित हिन्दी का ध्वनिग्रामिक अध्ययनः (Phonemic Study
      Of Standard Hindi)
            - लोक भारती, इलाहाबाद (1974)
(5)  परिनिष्ठित हिन्दी का रूपग्रामिक अध्ययनः (Morphemic Study
          Of Standard Hindi)
            -लोक भारती, इलाहाबाद (1967)
(6) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पूर्व परीक्षणः (Hindi Bridge Course-Pre Test) (1978)
(7) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पश्चात् परीक्षणः(Hindi Bridge Course-Post Test) (1978)
(8) हिन्दी ब्रिज कोर्स-पूर्व एवं पश्चात् परीक्षण: (Hindi Bridge Course-Pre and Post Tests) (1978)
(9) हिन्दी ब्रिज कोर्स-परीक्षण (अध्यापक पुस्तिका): (Hindi Bridge Course-Tests : Teacher's Primer) (1978)
(10) हिन्दी ब्रिज कोर्स-श्रवणबोधनः (Hindi Bridge Course-Listening Comprehension) (1978)
(11) हिन्दी ब्रिज कोर्स-श्रवण एवं टिप्पण निर्माण बोधन (क): (Hindi Bridge Course-Listening  and Note taking Competence (A) (1978)
(12) हिन्दी ब्रज कोर्स-श्रवण एवं टिप्पण निर्माण बोधन (ख): (Hindi Bridge Course-Listening and Note taking Competence (B) (1978)
(13) हिन्दी ब्रज कोर्स-पठन बोधन: (Hindi Bridge Course-Reading Comprehension ) (1978)
(14) हिन्दी ब्रिज कोर्स-निर्देशित निबंध-लेखन: (Hindi Bridge Course-Guided Composition) (1978)
(15) हिन्दी ब्रिज कोर्स-सार लेखन (अंग्रेजी से हिन्दी):(Hindi Bridge Course – Epitimized Writing (from English to Hindi)(1978)
(16) हिन्दी ब्रिज कोर्स-सार लेखन (हिन्दी से अंग्रेजी ): (Hindi Bridge  Course – Epitimized Writing (from Hindi to English)  ) (1978)
(17) हिन्दी ब्रिज कोर्स-अध्यापक निर्देश पुस्तिकाः (Hindi Bridge Course – Teachers Guide Book) (1978)
(18)  आवरण के परे: 1.क्षमा 2. मार्दव 3.आर्जव 4. सत्य 5. शौच  6. संयम 7. तप  8. त्याग  9. आकिंचन्य  10. ब्रह्मचर्य
        - श्री दि0 जैन सभा, जबलपुर (1979)
(19) सूरदास एवं सूर सागर की भाव योजना:
        - मदनमहल ज0स्ट0, जबलपुर (1982)
(20) गद्य सुषमाः (सम्पादन)         
  - मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल (1983)
(21)  भाषा एवं भाषा विज्ञान: (Language & Linguistics)     
          -लोक भारती, इलाहाबाद (1985)
(22) विश्व शान्ति एवं अहिंसा:
        - श्री अखिल भारतीय जैन विद्वत्परिषद् एवं सम्यग्ज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर (ज्ञान-प्रसार पुस्तक माला क्रमांक-72 (अक्टूबर, 1990)
(23) हिन्दीः रचना और प्रयोग: (सम्पादन) मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा अनुदान आयोग द्वारा प्रायोजित, मध्य प्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, भोपाल (1992)
(24) विश्व चेतना तथा सर्वधर्म समभाव:
      - वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली (1996)
(25) भगवान महावीर एवं जैन दर्शन:         
      -लोक भारती, इलाहाबाद (2006)
Bhagwan Mahaveer Jeevan Aur Darshan
books.google.com/books?isbn=8180310809
Mahaveer Saran Jain – 2006
(26)Antiquity of Jainism
Antiquity of Jainism(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/22566494/Antiquity-of-Jainism
(27) The Essence of Dharma
The Essence of Dharma(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/22538183/The-Essence-of-Dharma
(28) हिन्दी-उर्दू
Hindi-Urdu(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/22142436/Hindi-Urdu
(29)  हिन्दी की अंतरराष्ट्रीय भूमिका
Hindi as an International language(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/22573933/Hindi-kee-antarraashtreeya-bhoomikaa
(30) संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दी
Hindi should be a UNO language(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/22142721/Hindi-should-be-a-uno-language
(31) भगवान श्री कृष्ण
Shree Krishna(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/105305790/Shree-Krishna
(32) हिन्दी भाषा-क्षेत्र
Hindi Language Area(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/105906549/Hindi-Divas-Ke-Avasa
(33) गाँधी दर्शन की प्रासंगिकता
Relevanve of Gandhian Philosophy(Link)Edit
http://www.hindi.mkgandhi.org/article/GandhiDarshanKeePraasangikataa.pdf
http://www.scribd.com/doc/108950780/Gandhee-Darshan-Kee-Praasangikataa
(34) भाखा बहता नीर
Language Change with reference to Hindi language(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/110501224/Bhakhaa-Bahataa-Neer
(35) भाषा-परिवार एवं विश्व-भाषाएँ
Language-Families and Languages. (भाषा-परिवार एवं विश्व-भाषाएँ)(Link)Edit
http://www.pravakta.com/language-family-and-world-languages
(36) भारोपीय भाषा-परिवार
The Indo-European Family of Languages(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/120501020/The-Indo-European-Fa
(37) भारत की भाषाएँ
http://www.scribd.com/doc/111370112/Languages-of-India
(38) भारत की बहुभाषिकता और भाषिक एकता
http://rachanakar.blogspot.com/2009/09/blog-post_20.html
http://www.scribd.com/doc/22141758/Hindi-bahubhaashikataa
(39) भगवान शिव एवं शैव दर्शन
Lord Shiva and Shaivism(Link)Edit
http://www.scribd.com/doc/133662684/Lord-Shiva-and-Shai
(40) स्वामी विवेकानन्द
Swami Vevekananda(Link)Edit (स्वामी विवेकानन्द)
http://www.scribd.com/doc/159750362/Swami-Vivekananda
(41)दशलक्षण धर्म
http://www.scribd.com/doc/170828415/Daslakshan-Dharma-or-ten-virtues-दश-लक्षण-धर्म
(42) हिन्दी की अन्तर-क्षेत्रीय, सार्वदेशीय एवं अन्तरराष्ट्रीय भूमिका : http://www.rachanakar.org/2010/07/blog-post_8861.html
(43) कर्म सिद्धांत का सामाजिक संदर्भः
http://www.jainlibrary.org/elib_master/article/210000_article_hindi/Karm_aur_Samajik_Sandarbh_229891.pdf
[[(ख) शोध निबन्ध:]]
1. बुलन्दशहर की बोलियों का ध्वनिग्रामिक अध्ययन:  हिन्दुस्तानी, भाग 22, अंक 3-4, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद  पृ0 75-92 (1961)
2. हिन्दी संज्ञा: आकारान्त शब्द - पदग्रामिक विश्लेषण एवं वर्गबंधनः नागरी प्रचारिणी पत्रिका, मालवीय शती विशेषांक,वर्ष 66, अंक 2-3-4, नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी पृ0 462-472  (1961)
3. ब्रज भाषा के सर्वनाम पदः मध्य भारती, बुलेटिन सं0-1, भाषा एवं शोध संस्थान, जबलपुर पृ0 107-114 (1962)
4. ध्वनिग्राम शास्त्र एवं पदग्राम शास्त्र: हिन्दुस्तानी, भाग 23, अंक 2, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद पृ0 107-112 (1962)
5. खड़ी बोली एवं ब्रज भाषा के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों का ध्वनिग्रामिक अध्ययन: (भाषा शास्त्र की रूपरेखा-डॉ0 उदयनारायण तिवारी), लीडर प्रेस, इलाहाबाद पृ0 231-245 (1963)
6. ब्रज भाषा एवं खड़ी बोली के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों के विशेषणः मध्य भारती, बुलेटिन सं0 2, अंक 2, भाषा एवं शोध संस्थान, जबलपुर पृ0 182-197  (1963)
7. ब्रज भाषा एवं खड़ी बोली के संक्रान्ति क्षेत्र में उपलब्ध संध्यक्षरों का अध्ययनः भारतीय साहित्य, वर्ष 8, अंक 3, क0मु0 हिन्दी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ, आगरा विश्वविद्यालय, आगरा पृ0 95-99 (1963)
8. ब्रज भाषा एवं खड़ी बोली के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों का संज्ञा-विभक्तिमय अध्ययनः भाषा, वर्ष 3, अंक 2,  केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, शिक्षा मन्त्रालय,  भारत सरकार, नई दिल्ली पृ0 56-70 (1963)
9. काव्य भाषा का स्वरूप: कल्पना, नं0-145, सुलतान बाजार, हैदराबाद पृ0 56-70 (1963)
10. महादेव के काव्य की पीड़ा में निहित प्रेम तत्वः महादेवी अभिनन्दन ग्रन्थ, भारती परिषद्, प्रयाग पृ0 159-163 (1964)
11. प्रत्ययः अधुनातम भाषाशास्त्र के संदर्भ में: हिन्दुस्तानी, भाग 25, अंक 1-4, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद पृ0 363-364 (जनवरी-दिसम्बर, 1964)
12. हिन्दी सीखने में तमिल भाषियों की कठिनाइयाँ: गवेषणा, वर्ष 2, अंक 3, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा  पृ0 31-44 (मार्च, 1964)
13. कामायनी में भाव एवं रस योजना: विचार, दृष्टिकोण एवं संकेतः विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा पृ0 232-240 (1965)
14. नाट्य परम्पराएँ एवं प्रसाद के नाटकों का वस्तु एवं शिल्प स्तर: विचार, दृष्टिकोण एवं संकेतः विनोद पुस्तक मंदिर,आगरा पृ0 301-311 (1965)
15. भाषिक भूगोल एवं बोली विज्ञान: विचार, दृष्टिकोण एवं संकेत: विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा पृ0 510-518 (1965)
16. हिन्दी अक्षरः मध्य भारती, बुलेटिन सं0 3, नं0 3, भाषा एवं शोध संस्थान, जबलपुर पृ0 175-192  (1965)
17. भारतवर्ष में अन्य भाषा शिक्षण का महत्व: भारतीय शिक्षा, अष्टम अंक, प्रथम वर्ष, भारतीय शिक्षक संघ, कानपुर पृ0 48-51 (अक्टूबर,1965)
18. भारतवर्ष में अन्य भाषा शिक्षण की समस्याएँ: जन शिक्षण, वर्ष 30, अंक 10-11, विद्या भवन सोसाइटी, उदयपुर  पृ0 8-27 (अक्टूबर-नवम्बर, 1965)
19. भाषा का प्रश्न और भारत की एकताः कुछ प्रश्न एवं दिशा बोध: आलोचना, पूर्णांक 35, नवांक 9, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली पृ0 137-142  (जनवरी, 1966)
20. ध्वनि विज्ञान एवं हिन्दी ध्वनियों का अध्ययन: क्षेत्रीय शिक्षा महाविद्यालय, भोपाल द्वारा प्रकाशित (1966) 
21. अन्य भाषा शिक्षण में व्याकरण एवं अनुवाद पद्धति का उपयोग: नया शिक्षक, भाषा शिक्षण विशेषांक, वर्ष 9, अंक 2-3, शिक्षा विभाग, राजस्थान, बीकानेर  पृ0 170-175  (अक्टूबर, 1966-जनवरी,67)
22. नव्यतर आर्य भाषाओं एवं द्रविड़ भाषाओं के मध्य भाषात्मक समानताएँ: माध्यम, वर्ष 3, अंक 10, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद पृ0-56-58 (फरवरी,1967)
23. अन्य भाषा शिक्षण तथा ध्वनि विज्ञान: भाषा शिक्षण तथा भाषा विज्ञान, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा पृ0 43-47 (1969)
24. Gender in Hindi Language: Bulletin of Centre for Advanced Study in Education, University of Baroda (Restricted Publication) (1970)
25. हिन्दी संज्ञा वाक्यांशः केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा द्वारा साइक्लोस्टाइल्ड (1971)
26. हिन्दी के उपवाक्य  % Report of Language Workshop, National Academy of Administration, Govt. of India, Mussoorie (Restricted publication) (1972)
27. हिन्दी संज्ञाः भाषा (हिन्दी भाषाविज्ञान विशेषांक), केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली पृष्ठ 142 – 152 (1973)
28. हिन्दी के स्वर ध्वनिग्राम %  Jabalpur University Research Journal, VolI, No. I, pp. 13-28 (June, 1973)
29. हिन्दी की उपवाक्य संरचना % Journal of LBS National Academy of Administration, Vol. XIX, pp. 87 - 92 (1974)
30.  तुलसीदास और रामचरितमानसः माय मराठी, मानस चतुः शताब्दी विशेषांक, वर्ष 40, अंक 8, वृहत् महाराष्ट्र मण्डल, नई दिल्ली, पृष्ठ 43 - 47  (अगस्त, 1974)
31. जैन दर्शन की आधारभित्ति-अनेकांतावाद एवं स्याद्वादः The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, महावीर विशेषांक, Vol. XVIII, No. 2 & 4, पृष्ठ 53 – 61 (May & Nov., 1974)
32. भगवान महावीर का संदेश एवं आधुनिक जीवन संदर्भ: महाराष्ट्र मानस, भगवान महावीर विशेषांक, महाराष्ट्र सरकार, बम्बई, पृ0 55-71  (1975)
33. अन्य भाषा के रूप में हिन्दी का शिक्षण: भाषा, वर्ष 14, अंक 3-4, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, भारत सरकार, नई दिल्ली,  पृ0 162-172  (1975)
34. हिन्दीः स्वरूप एवं वर्तनी: प्रकाशित मन, वर्ष 2, अंक 2, दिल्ली पृ0 11-14  (जुलाई, 1975),
35. भाषा और साहित्य: वीणा, वर्ष 49, अंक 4, इन्दौर, पृ0 17-24  (अप्रेल, 1976)
36. हिन्दी भाषा के रूप: दिनमान, टाइम्स ऑफ इण्डिया प्रकाशन, दिल्ली, पृ0 11-13 (अगस्त, 1976)
37. हिन्दी ब्रिज कोर्स परियोजना: जबलपुर विश्वविद्यालय, जबलपुर (11 सितम्बर, 1976)
38. प्राकृत एवं अपभ्रन्शः संस्कृत-प्राकृत जैन व्याकरण और कोश की परम्परा-आचार्य श्री कालूगणी स्मृति ग्रन्थ, छापर (राजस्थान), पृ0 287-302  (फरवरी, 1977)
39. प्राकृत एवं अपभ्रन्श का आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं पर प्रभाव: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXI, No. 2 & 4, pp. 73-88  (May & Nov., 1977)
40. अनुसंधान की अनेकांतवादी दृष्टिः संभावना, हिन्दी शोध और समीक्षा की अन्तर्राष्ट्रीय दृष्टियुक्त अर्द्ध वार्षिकी, शोध-तन्त्र विशेषांक, वर्ष 3, अंक 5-6, हिन्दी विभाग, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, पृ0 34-36  (1977)
41. महावीर पूर्व जैन धर्म की परम्पराः श्री राजेन्द्र ज्योति, राजेन्द्र सूरीश्वर जन्म सार्ध शताब्दी समिति, मध्यप्रदेश, चतुर्थ खण्ड पृ0 114-117  (1977)
42. देवनागरी लिपि एवं हिन्दी की वर्तनी: नागरी लिपि सम्मेलन स्मारिका, नागरी लिपि परिषद्, राजघाट, नई दिल्ली, पृ0 41-46  (अप्रेल, 1977)
43. आत्मा का परब्रह्मत्व स्वरूप: महावीर जयन्ती स्मारिका, राजस्थान जैन सभा, जयपुर, पृ0 15-23  (1978)
44. हिन्दी शब्दानुशासन का संदर्भ तथा अपनी बात: आचार्य किशोरीदास वाजपेयी अभिनन्दन ग्रन्थ, कनखल, हरिद्वार, पृ0 189-198  (1978)
45. सूरसागर की भावयोजना का आध्यात्मिक आधार: ‘‘सूरदास’’ - मध्यप्रदेश साहित्य परिषद, भोपाल, पृ0 71-87  (1978)
46. समता समाज: श्रमणोपासक, समता विशेषांक, श्री अ0भा0सा0जै0संघ, बीकानेर, पृ0 199-206  (1978)
47. भाषा-परिवर्तन:  पत्राचार अध्ययन एवं अनवरत शिक्षा संस्थान, जयपुर विश्वविद्यालय, जयपुर (1978)
48. हिन्दी व्याकरण: पत्राचार पाठ्यक्रम एवं अनुवर्ती शिक्षा विद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय  (1978)
49. महावीर की वाणी का मंगलमय क्रान्तिकारी स्वरूप: तीर्थंकर महावीर स्मृति ग्रन्थ, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, पृ0 43-50  (1978)
50. हिन्दी में रूपग्रामिक विश्लेषण की कुछ समस्याएँ: गवेषणा, वर्ष 16, अंक 31, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा, पृष्ठ 63-70 (1978)
51.  भगवान महावीर: जीवन दर्शन और सिद्धान्त: (भगवान महावीर के 2500 वें  निर्वाण दिवस पर आयोजित भाषण माला के अंश), अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा  (म0प्र0), पृ0 8-33  (1978)
52. तद दो प्रवाह एकः मुनि नथमल जी की रचना दृष्टि: महाप्रज्ञ-व्यक्तित्व एवं कृतित्व, मित्र परिषद्, कलकत्ता-700 073,  पृ0 140-142  (जनवरी, 1980)
53. भाषा-सांस्कृतिक चिह्नक: परिषद्-पत्रिका, शोध त्रैमासिक, वर्ष 19, अंक 4, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना, पृ0 159-160 (जनवरी, 1980)
54. प्रेमचन्द के उपन्यासों की भाषा: शताब्दी चर्चा, प्रेमचन्द जन्मशती विशेषांक, जबलपुर (जुलाई, 1980)
55. हिन्दी पद रचना: भारतीय साहित्य (डॉ0 विश्वनाथ प्रसाद स्मृति विशेषांक), वर्ष 21, अंक 1-4, क0मु0 हिन्दी तथा भाषा विज्ञान विद्यापीठ, आगरा विश्वविद्यालय, आगरा, पृ0 31-42 (फरवरी, 1981)
56. महावीर-वाणी का क्रान्तिकारी स्वरूप: जिनवाणी, वर्ष 38, अंक 4, सम्यज्ञान प्रचारक मण्डल, जयपुर, पृ0 13-19  (अप्रेल, 1981)
57.  भाषावैज्ञानिक अनुसंधान-क्षेत्र एवं दिशाएँ: परिषद् पत्रिका, वर्ष 21, अंक 2, बिहार राष्ट्र भाषा परिषद्, पटना, पृ0 119-124 (जुलाई, 1981)
58.  चरित्र निर्माण की आवश्यकता एवं बाल संस्कार: श्रमणोपासक
    (बाल संस्कार शिक्षा संगोष्ठी विशेषांक), वर्ष 19, अंक 6-7,
    बीकानेर, पृ0 17-30  (अक्टूबर, 1981)
59. अहिंसा, अपरिग्रह एवं अनेकांतवाद: पार्श्वनाथ नवयुवक मण्डल स्मारिका, जयपुर, पृ0 1-21 (1981)
60. प्रेमचन्द के उपन्यासों की भाषा: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXV No. 2 & 4), pp. 85-92 (May & November, 1981)
61. प्रेमचन्द के उपन्यासों में भाषिक प्रयोग: शोध (साहित्य-संस्कृति-गवेषणा-प्रधान पत्रिका), प्रेमचन्द अंक, नागरी प्रचारिणी सभा, आरा (भोजपुर: बिहार), पृष्ठ 54-60  (1981-82)
62. कृष्ण काव्य परम्परा में भक्ति, प्रेम एवं संगीत: संकीर्तनांक-पंचदश वार्षिक बसन्तोत्सव, वर्ष 15, अंक 9, प्रकाशकः श्री श्याम-सरोवर, कलकत्ता (1982)
63. जैन धर्म और दर्शन की प्रासंगिकता:  महावीर जयन्ती स्मारिका, अंक 19, द्वितीय खण्ड, राजस्थान जैन सभा, जयपुर, पृष्ठ 21-29  (1982)
64. प्रेमचन्द के उपन्यास: भाषा वैज्ञानिक अध्ययन: प्रज्ञा: प्रेमचन्द स्मृति अंक, अंक 27 (भाग 2) एवं अंक 28 (भाग 1), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, पृष्ठ 143-150 (1982)
65. भाषा के विविध रूप एवं प्रकार: The Vikram : Journal of Vikram University, Ujjain, Vol. XXVII No. 2, pp. 1-16  (May, 1983)
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88. श्री शंकर दयाल सिंहः समन्वय, अंक 37, वर्ष 37, पृ0 85-90 (1996)
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91. विदेशों में हिन्दी भाषा और साहित्य: राजभाषा पुष्पमाला, वर्ष 9, अंक 108, राजभाषा विभाग, गृह मन्त्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली-110003, पृष्ठ 2-9 (1997)
92. अनुवादः प्रकृति, सिद्धान्त एवं समस्याएँ: विकल्प, अनुवाद विशेषांक, वर्ष 6, संयुक्तांक-अक्टूबर, 1996 से मार्च 1997, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून-248005,पृष्ठ 55-56 (1996 – 1997)
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101. प्रज्ञा पुरुष मोटूरि सत्य नारायण (प्रयोजन मूलक हिन्दी के विशेष संदर्भ में): स्रवंति, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा-आन्ध्र, हैदराबाद, पृ0 90-93 (2002-2003)
102. हिन्दी की अन्तर क्षेत्रीय, अन्तर्देशीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय भूमिका: सातवां विश्व हिन्दी सम्मेलन स्मारिका, भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद्, नई दिल्ली, पृ0 13-23 (जून, 2003)
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http://www.herenow4u.net/index.php?id=cd7697  Jain, Dr. Mahavir Saran  : Substance Of Dharma: Individual And Social Levels
111.  हिन्दी भाषा के प्रयोक्ताओं की संख्या: हिन्दी जगत, वर्ष 7, अंक 1, विश्व हिन्दी न्यास, 54, पैरी हिल रोड, न्यूयार्क (यू0एस0ए0),  पृ0 31-33 (2006)
112. प्रज्ञा पुरुष मोटूरि सत्य नारायण एवं प्रयोजनमूलक हिन्दी: विकल्प, प्रयोजनमूलक हिन्दी विशेषांक, भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून, पृष्ठ 45-46 (जुलाई - सितम्बर, 2006)
113.  डॉ० उदय नारायण तिवारी: बहुवचन, वर्ष 8, अंक 4, महात्मा गाँधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, पृ० 32 - 38 (जनवरी - मार्च, 2006)
114.  मध्ययुगीन संतों का निर्गुण भक्ति काव्यः कुछ प्रश्न: संकल्य, वर्ष 35, अंक 1, हिन्दी अकादमी, हैदराबाद, पृ० 35 – 38  (जनवरी - मार्च, 2007)
115. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दीः साहित्य अमृत, वर्ष 12, अंक 12, नई दिल्ली, पृ० 18 – 21 (जुलाई, 2007)
116. हिन्दी - उर्दू का अद्वैत: संस्कृति, अंक 13 - 14, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, पृ० 21 – 30 (2007)
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117. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दीः (सृजनगाथा, 01 अगस्त, 2007)
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118. भविष्य का धर्म एवं दर्शनः स्वरूप एवं प्रतिमान , (सृजनगाथा, 01 अप्रैल, 2008) http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee1_Apr2k8
119. रामधारी सिंह “दिनकर” का काव्य: राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना की सशक्त अभिव्यक्तिः संकल्य, वर्ष 36, अंक 2, हिन्दी अकादमी, हैदराबाद,  पृ० 30 - 33 ( अप्रैल-जून, 2008)
120. Antiquity of Jainism (24.09.2008)
http://www.herenow4u.net/index.php?id=65998  Jain, Dr. Mahavir Saran : Antiquity of Jainism
121. विज्ञान और प्रोद्योगिकी का विकास एवं हिन्दीः (सृजनगाथा, 01 अक्टूबर, 2008)
http://www.srijangatha.com/HindiWishwa2_Oct2k8
122. गाँधी की प्रासंगिकता (हिन्दी वेब दुनिया, 30 जनवरी, 2009)
hindi.webdunia.com/.../गाँधी-की-प्रासंगिकता-1090130017_1. Htm
123. डॉ. उदयनारायण तिवारीः व्यक्तित्व एवं भाषावैज्ञानिक चिंतन (सृजनगाथा, 01 फरवरी, 2009)
http://www.srijangatha.com/Hastakshar_Feb2k9
124. रामधारी सिंह 'दिनकर' का काव्य (हिन्दी वेब दुनिया, 03 फरवरी, 2009)
hindi.webdunia.com/.../रामधारी-सिंह-दिनकर-का-काव्य- 1090203056_1.htm
125. भविष्य का धर्म एवं दर्शन – भाग – 1 (हिन्दी वेब दुनिया, 07 फरवरी, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090207049_1.htm
126. भविष्य का धर्म एवं दर्शन – भाग – 2 (हिन्दी वेब दुनिया, 10 फरवरी, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090210032_1.htm 
127. धर्म – दर्शन एवं विज्ञान (हिन्दी वेब दुनिया,  13 फरवरी,
    2009)
hindi.webdunia.com/.../धर्म-दर्शन-एवं-विज्ञान-1090213061_1. htm
128. धर्म – दर्शन एवं लोकतंत्र (हिन्दी वेब दुनिया,  18 फरवरी,
    2009)
hindi.webdunia.com/.../धर्म-दर्शन-एवं-लोकतंत्र-1090218027_1. Htm
129. The Concept of Embodied Soul And Liberated Soul In Jain Philosophy  (10.03.2009)
http://www.herenow4u.net/index.php?id=67938    Jain, Dr. Mahavir Saran : The Concept Of Embodied Soul And Liberated Soul In Jain Philosophy
130. Concept of Physical Substance (Pudgala) in Jain Philosophy  (19.03.2009)
http://www.herenow4u.net/index.php?id=68030 Jain, Dr. Mahavir Saran : Concept of Physical Substance (Pudgala) in Jain Philosophy
131. भगवान महावीर एवं जैन दर्शन (हिन्दी वेब दुनिया, 06, अप्रेल,
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hindi.webdunia.com/religion/occasion/.../06/1090406061_1.htm
132. भविष्य का धर्म (रचनाकार, 26 मई, 2009)
www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_26.html
133. भारत की भाषाएँ (रचनाकार, 26 मई, 2009)
www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_9270.html
134. संयुक्त राष्ट्र संघ की आधारिक भाषाएँ एवं हिन्दी (रचनाकार, 26 मई, 2009)
http://www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_5569.html
135. रामधारी सिंह दिनकर का काव्यः काव्य के माध्यम से राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना की सशक्त अभिव्यक्ति (रचनाकार, 27 मई, 2009)
www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_1993.html
136. सर्व धर्म समभाव (रचनाकार, 31 मई, 2009)
www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_4379.html
137. राम साध्य हैं; साधन नहीं (रचनाकार, 02 जून, 2009)
www.rachanakar.org/2009/06/blog-post_02.html
138. बच्चन के काव्य में निहित मानवीय दृष्टि एवं सामाजिक चेतना (रचनाकार, 03 जुलाई, 2009)
www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_03.html
139. प्रयोजनमूलक हिन्दी की संकल्पना के प्रवर्तक मोटूरि सत्यनारायण (रचनाकार, 17 जुलाई, 2009)
www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_17.html
140. संसार के भाषा- परिवार (रचनाकार, 25 अगस्त, 2009)
http://www.rachanakar.org/2009/08/blog-post_25.html
141. अध्यात्म एवं विज्ञान (रचनाकार, 07 सितम्बर, 2009)
http://www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_5417.html
142. विदेशी विद्वानों द्वारा हिन्दी वाड्.मीमांसापरक अध्ययन (फिलॉलाजिकल स्टडीज़) (सन् 1940 ईस्वी तक) (रचनाकार, 12 सितम्बर, 2009)
http://www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_176.html
143. मध्ययुगीन संतों का निर्गुण-भक्ति-काव्य (रचनाकार, 04 अक्टूबर, 2009)
www.rachanakar.org/2009/10/blog-post_1347.html
144. भारत की बहुभाषिकता और भाषिक एकता (रचनाकार, 14 अक्टूबर, 2009)
www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_20.html
145. विदेशों में हिन्दी शिक्षणः समस्याएँ और समाधान (हिन्दी वेब दुनिया, 28 अक्टूबर, 2009)
hindi.webdunia.com/.../विदेशों-में-हिन्दी-शिक्षण- समस्याएँ-और-समाधान-1091028028_1.htm
146. कबीर की साधना (रचनाकार, 17 नवम्बर, 2009)
http://www.rachanakar.org/2009/11/blog-post_17.html
147. आत्मा एवं परमात्मा का भेद तात्त्विक नहीं है; भाषिक है (रचनाकार, 25 नवम्बर, 2009)
http://www.rachanakar.org/2009/11/blog-post_25.html
148. सोलह कलाओं के अवतार श्री कृष्णः (रचनाकार, 03 जनवरी, 2010)
www.rachanakar.org/2010/01/blog-post_03.html
149. भगवान महावीर (रचनाकार, 28 मार्च, 2010)
www.rachanakar.org/2010/03/blog-post_3876.html
150. हिन्दी भाषा का क्षेत्र एवं हिन्दी के क्षेत्रगत रूपः (रचनाकार, 05 जुलाई, 2010)
http://www.rachanakar.org/2010/07/1.html
151. हिन्दी एवं उर्दू का अद्वैतः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)
http://www.rachanakar.org/2010/07/2.html
152. हिन्दी की अन्तरदेशीय भूमिकाः रूपः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)
http://www.rachanakar.org/2010/07/3.html
153. विदेशी विद्वानों द्वारा हिन्दी वाङ्मीमांसापरक अध्ययनः (फिलॉलाजिकल स्टडीज) (सन् 1940 ईस्वी तक) रूपः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)
http://www.rachanakar.org/2010/07/4.html
154. विदेशों में हिन्दी शिक्षण : समस्याएँ और समाधान  (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)
http://www.rachanakar.org/2010/07/5.html
155. द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् विदेशों में हिन्दी भाषापरक अध्ययनः (रचनाकार, 06 जुलाई, 2010)
http://www.rachanakar.org/2010/07/6.html
156. द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् विदेशों में हिन्दी साहित्य सृजन एवं साहित्य समीक्षाः (रचनाकार, 07 जुलाई, 2010)
http://www.rachanakar.org/2010/07/7.html
157. द्वितीय महायुद्ध के पश्चात् हिन्दी की साहित्यिक कृतियों का विदेशी भाषा में तथा विदेशी साहित्यिक कृतियों/लोककथाओं का हिंदी में अनुवादः (रचनाकार, 07 जुलाई, 2010)
http://www.rachanakar.org/2010/07/8_07.html
158.  संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषाएँ एवं हिन्दीः विश्व हिन्दी पत्रिका, विश्व हिन्दी सचिवालय, मॉरीशस, पृष्ठ 17 – 22
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http://vishwahindi.com/hi/downloads/vhp/vhp2011.pdf
159. गाँधी दर्शन (रचनाकार, 05 अक्टूबर, 2012)
www.rachanakar.org/2012/10/blog-post_1635.html
160. हिन्दी भाषा के विविध रूप (रचनाकार, 14 सितम्बर, 2012)
www.rachanakar.org/2012/09/blog-post_3077.html
161. भाखा बहता नीरः साहित्य अमृत, प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली,  (अक्टूबर, 2012)
162. हिन्दी में वैज्ञानिक लेखन एवं प्रौद्योगिकी के विकास के लिए करणीयः विचारार्थ कुछ विचार (रचनाकार, 12 फरवरी, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/02/blog-post_9501.html
163. भगवान शिव एवं शैव दर्शनः (रचनाकार, 05 अप्रैल, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_3823.html
164. भारत में प्राचीन काल में नारी की स्थितिः (रचनाकार, 12 अप्रैल, 2013)
www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_12.html
165. भारोपीय भाषा- परिवारः (रचनाकार, 30 अप्रैल, 2013) http://www.rachanakar.org/2013/04/blog-post_4978.html
166. भाषा-परिवार एवं विश्व- भाषाएः (प्रवक्ता, 04 मई, 2013)
http://www.pravakta.com/language-family-and-world-languages
167. भारत की भाषाओं के अध्ययन की रूपरेखा एवं भाषाओं के विवरण के आधारः (प्रवक्ता, 17 मई, 2013)
http://www.pravakta.com/study-design-of-indian-languages-and-description-of-the languages
168. संस्कृत भाषा काल में विभिन्न समसामयिक अन्य लोकभाषाओं / जनभाषाओं का व्यवहारः (रचनाकार, 25 मई, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/05/blog-post_5218.html
169. पालि भाषाः व्युत्पत्ति, भाषा-क्षेत्र एवं भाषिक प्रवृत्तियाँ (रचनाकार, 30 मई, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/05/blog-post_8285.html
170. मध्य भारतीय आर्य-भाषाओं का प्रथम विकास-कालः अभिधान एवं काल-सीमा (रचनाकार, 03 जून, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_5248.html
171. साहित्यिक प्राकृतों (शौरसेनी, महाराष्ट्री, मागधी, अर्ध-मागधी, पैशाची) को भिन्न भाषाएँ मानने की परम्परागत मान्यताः पुनर्विचार (रचनाकार, 07 जून, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_1496.html
172. अपभ्रंशः भाषिक वैविध्य, सम्पर्क-भाषा एवं भाषिक विशेषताएँ (रचनाकार, 21 जून, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/06/blog-post_946.html
173. स्वाधीनता संग्राम के युग में दक्षिण-भारत में हिन्दी का प्रचार-प्रसार (रचनाकार, 28 जुलाई, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/07/blog-post_4027.html
174. भारोपीय परिवार की भारतीय आर्य भाषाएँ : (प्रवक्ता, 01 अगस्त, 2013)
http://www.pravakta.com/indian-aryan-languages-of-the-indo-european-family
175. प्रेमचन्द का कथा-साहित्यः भावगत और भाषिक प्रदेयः (रचनाकार, 01 अगस्त, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/08/blog-post.html
176. तुलसीदास के रामः (रचनाकार, 13 अगस्त, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/08/blog-post_7677.html
177. स्वामी विवेकानन्दः मानव सेवा एवं सर्व धर्म समभाव (रचनाकार, 30 अगस्त, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/08/blog-post_9241.html
178. भवानी प्रसाद मिश्रः सामान्य से दिखने वाले असाधारण कवि (रचनाकार, 02 सितम्बर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/09/blog-post_2.html
179. हिन्दी-उर्दू का अद्वैतः अभिनव इमरोज़, वर्ष – 3, अंक – 17, सभ्या प्रकाशन, नई दिल्ली, पृष्ठ 34 – 43 (जनवरी, 2014)
180. The Doctrine of Karma in Jain Philosophy (Posted: 09.03.2014)
      http://www.herenow4u.net/index.php?id=98354
181. Meaning of Karma in Jain Philosophy (Posted: 10.03.2014)
        http://www.herenow4u.net/index.php?id=98355
182. The bondage from point of view of karmic-flow in Jain Philosophy (Posted: 11.03.2014)
      http://www.herenow4u.net/index.php?id=98356
183. How an abstract and spiritual be related with concrete and material (Posted: 11.03.2014)
        http://www.herenow4u.net/index.php?id=98386
184. How the effects of concrete karmas are possible on abstract soul (Posted: 11.03.2014)      http://www.herenow4u.net/index.php?id=98387
185.  Types of karma in Jain Philosophy (Posted: 12.03.2014)
      http://www.herenow4u.net/index.php?id=98388
186. The process of attachment of Karma matter with the soul (Posted: 13.03.2014)
      http://www.herenow4u.net/index.php?id=98389
187.  The Scientific and Psychological study of the doctrine of karma (Posted: 14.03.2014)
        http://www.herenow4u.net/index.php?id=98391
188.  The root causes of the influx and bondage of the karma in Jain Philosophy (Posted: 15.03.2014)      http://www.herenow4u.net/index.php?id=983921
189. Types of bondage in Jain Philosophy (Posted: 16.03.2014)      http://www.herenow4u.net/index.php?id=98393 
190. Sayog Kevali Jin or an Arhanta (Posted: 17.03.2014)      http://www.herenow4u.net/index.php?id=98394
191. द्रविड़ परिवार की भारतीय भाषाएँ (प्रवक्ता, 24 मार्च, 2014)
http://www.pravakta.com/the-dravidian-family-of-indic-languages
192. आग्नेय परिवार (आस्‍ट्रो-एशियाटिक) की भारतीय भाषाएँ (रचनाकार, 28 मार्च 2014)
http://www.rachanakar.org/2014/03/blog-post_28.html
[[(ग) चयनित लेख:]]
1. भाषा शास्त्रीय संदर्भ में भाषा-विधेयक के समर्थकों को प्रत्युत्तर: प्राच्य भारती, वर्ष 4, अंक 45, हिन्दी निर्माण परिषद्, मन्दार विद्यापीठ, भागलपुर (अक्टूबर, 1963)
2. आधुनिक विचारधारा और साहित्य: समन्वय, वर्ष 5, अंक 5, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा (1963-64)
3. समसामयिक परिस्थितियों में भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान की आवश्यकता: चेतावनी, बुलन्दशहर, गणतन्त्र विशेषांक (26 जनवरी, 1964)
4. भारत में नाटकों की परम्परा का आरम्भ: प्राच्य भारती, वर्ष 5, अंक 56, हिन्दी निर्माण परिषद्, मंदार विद्यापीठ, भागलपुर (अक्टूबर, 1964)
5. लोक साहित्य: प्राच्य भारती, वार्षिक विशेषांक, वर्ष 6, अंक 58-59, हिन्दी निर्माण परिषद्, मंदार विद्यापीठ, भागलपुर (1964-65)
6. मैथिलीशरणगुप्त - व्यक्तित्व और कृतित्व: साप्ताहिक बुलन्दशहर टाइम्स (दिसम्बर, 1964)
7. शिक्षण एवं प्रशासन के माध्यम का प्रश्न: मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन विवरणिका, तृतीय अधिवेशन, जबलपुर (जनवरी, 1965)
8. हिन्दी के विद्वानों से: साहित्य परिचय, हिन्दी अंक, वर्ष 1, अंक 3, साहित्य परिचय, डॉ0 रांगेय राघव मार्ग, आगरा (मार्च, 1966)।
9. कुछ विचार: आलोक, महावीर जयन्ती के अवसर पर विशेष प्रकाशन, जबलपुर (3 अप्रेल, 1966)
10. गुरु नानक की विचारधारा: गुरु नानक प्रकाश, श्री गुरु नानक देव जी की पंचम जन्मशताब्दी पर विशेष प्रकाशन, यंग खालसा एसोसिएशन, जबलपुर (1967)
11. हिन्दी की सार्वदेशिकता एवं राष्ट्रीय चेतना: नवभारत, जबलपुर (जुलाई, 1967)
12. कविवर सेनापति: जनपद के साहित्यांचल से, बुलन्दशहर (1968)
13. आधुनिक परिस्थितियाँ एवं भगवान महावीर का सन्देश: परिव्राजक की धर्म यात्रा, जैन नवयुवक सभा, जबलपुर (31 मार्च, 1969)
14. भारतवर्ष में अन्य भाषा शिक्षण: हिन्दी ज्योति, हिन्दी शिक्षण योजना (मध्य क्षेत्र) विवरणिका, जबलपुर (2 अक्टूबर, 1972)
15. स्थिति और दिशा दृष्टि: अग्रसेन जयन्ती पत्रिका, अंक 6, जबलपुर (1973)
16. भगवान महावीर का संदेश: तीर्थंकर, मुनि श्री विद्यानंद विशेषांक, इन्दौर (अप्रेल, 1974)
17. भारतीय संस्कृति एवं शिक्षा: पं0 उदय अभिनन्दन ग्रन्थ, कानौड़ (राजस्थान) (1974)
18. महावीर की वाणी का मंगलमय - क्रान्तिकारी स्वरूप: वीर निर्वाण विचार सेवा, इन्दौर (नवम्बर, 1974)
19. महाकवि निराला - व्यक्तित्व एवं कृतित्व: निराला साहित्य परिषद् वार्षिकी, वाराणसी (1975)
20. महावीर की विचारधारा में मानवीय उन्नयन एवं सामाजिक समता की भावना: महावीर निर्वाण स्मारिका, जैन समाज, खेतड़ीनगर (1976)
21. आत्मानुसंधान की यात्रा: पं0 सुमेरुचंद दिवाकर अभिनंदन ग्रन्थ, जबलपुर (1976)
22. महावीर का संदेश एवं आधुनिक संदर्भ:  तुलसी प्रज्ञा, (स्मृति विशेषांक), अंक 6, जैन विश्व भारती, लाडनू, राजस्थान (1976)
23. सव्वै जीवामित्ति में भूएसू: जैन जगत, भारत जैन महामण्डल, बम्बई (1977)
24. देवनागरी लिपि: राष्ट्रभाषा संदेश, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद (नवम्बर, 1977)
25. ईश्वर - परिकल्पित निरर्थकता, आत्मा का परब्रह्मत्व स्वरूप: महावीर जयन्ती स्मारिका, जयपुर (1978)
26. जैन धर्म: श्री महावीर जयंती समारोह स्मारिका, कलकत्ता-7 (अप्रेल, 1979)
27. प्राकृत एवं अपभ्रन्श का आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं पर प्रभाव: श्री पुष्कर मुनि अभिनन्दन ग्रन्थ, षष्ठम खण्ड, अ0ग्रं0स0, बम्बई-उदयपुर (1980)
28. कोई भाषा बदबूदार नहीं होती: नवभारत, जबलपुर (26 जनवरी, 1981)
29. संसार की सबसे विशाल प्रतिमा: नवभारत, जबलपुर (22 फरवरी, 1981)
30. विद्या मन्दिर की आधारशिला में सहभागी होने का गर्व: डी0ए0वी0 स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बुलन्दशहर की रजत जयन्ती स्मारिका, बुलन्दशहर (1981)
31. अहिंसा: जीवन का विधानात्मक मूल्य: सरयू सौरभ, जबलपुर (1982)
32. जैन धर्म बनाम विश्व धर्म: जय गुंजार, वर्ष 5, अंक 11, ब्यावर (राजस्थान) (फरवरी, 1982)
33. कर्मवाद और सामयिक स्थितियाँ: जिनवाणी, कर्म-सिद्धान्त विशेषांक, जयपुर (1982)
34. हिन्दी भाषा का अर्थ: युगचक्र (राष्ट्रभाषा हिन्दी: समस्या और समाधान) वर्ष-1, अंक-2, अलीगढ़ (1983)
35. धर्म: सार्वभौम चेतना का सत्संकल्प: श्रमणोपासक, वर्ष 22, अंक 5, श्री अ0भा0सा0 जैन संघ, समता भवन, बीकानेर (1984)
36. Culturi Infratite : CRONICA, Anul XXII, No. 49 (1140), Iasi (Romania) (1987)
37. प्रतिभा पुंज: स्वामी विवेकानन्द: श्री रामकृष्ण आश्रम, जबलपुर स्मारिका (दुर्गोत्सव) (1988)
38. बच्चों के लिए नैतिक शिक्षा का महत्व: बाल दर्शन (बालहित चेतना का प्रमुख हिन्दी मासिक), वर्ष 15, अंक 11, कानपुर-दिल्ली  (नवम्बर,1989)
39. चरित्र निर्माण में अभिभावक, शिक्षक एवं समाज का दायित्व: बाल दर्शन, वर्ष 15, अंक 12, कानपुर-दिल्ली (दिसम्बर, 1989)
40. विश्व धर्म के रूप में जैन धर्म की प्रासंगिकता: प्रभावना - पंच कल्याणक प्रतिष्ठा एवं गजरथ महोत्सव के अवसर पर प्रकाशित स्मारिका, गोटेगांव, (जिला) नरसिंहपुर, (म0प्र0) (1989)
41. आत्मानुसंधान की प्रक्रिया एवं स्थिति: श्री जैन सभा, भगवान महावीर जयन्ती समारोह स्मारिका, कलकत्ता (1990)
42. विश्व यात्री की महायात्रा: समन्वय, वर्ष-37, अंक-37, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा (1995-1996)
43. डॉ0 शंकर दयाल सिंह, इस्पात भाषा भारती (स्वर्गीय शंकर दयाल सिंह की स्मृति में विशेषांक), वर्ष-17, पूर्णांक-50 (1996)
44. राग चेतना के गायक: द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी: हिन्दी प्रचार वाणी, वर्ष-19, अंक-10, कर्नाटक महिला हिन्दी सेवा समिति, बेंगलौर (फरवरी, 1999)
45. अलग नहीं हैं - भाषा-बोली: अक्षर पर्व, वर्ष-2, अंक-6, देशबंधु प्रकाशन विभाग का मासिक आयोजन, रायपुर (दिसम्बर, 1999)
46. प्राच्य विद्याचार्य डॉ0 हीरालाल जैन: हिन्दी प्रचार वाणी, वर्ष-20, अंक-8, बेंगलोर (दिसम्बर, 1999)
47. जबलपुर में डॉ0 हीरालाल जैन: प्राच्य विद्याचार्य डॉ0 हीरालाल जैन जन्म शताब्दी स्मारिका, जबलपुर (1999-2000)
48. जनसंख्या, पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन: स्वर्ण जयन्ती स्मारिका, नेशनल चेम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एण्ड कामर्स, आगरा (1999-2000)
49. लघु कृषि एवं ग्रामीण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा सम्मेलन पर प्रकाशित स्मारिका में हिन्दी भाषा के सम्बन्ध में विचार, आगरा (2000)
50. सर्वधर्म समभाव: शुभ कल्याणिका, द्वितीय अंक, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जनवरी, 2000)
51. हिन्दी की भूमिका: प्रेरणा, वर्ष-7, अंक-1, केन्द्रीय जालमा कुष्ठ संस्थान, आगरा (मार्च, 2000)
52. हिन्दी: राजभाषा से जनभाषा: प्रेरणा, (राजभाषा विशेषांक), वर्ष-7, अंक-3, आगरा (2000)
53. राजभाषा हिन्दी: भारतवाणी, राजभाषा विशेषांक, वर्ष 45, अंक-6, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, कर्नाटक शाखा, धारवाड़ (सितम्बर, 2000)
54. हिन्दी भाषा का महत्व: संकल्पायन, दशम अंक, देहरादून (2001)
55. वसुधैव कुटुम्बकम्: शुभ कल्याणिका, वर्ष-3, अंक-3,  श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जनवरी, 2002)
56. हिन्दी भाषा: एन0सी0एल0 आलोक, राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला, पुणे (सितम्बर, 2002)
57. आत्मानुसंधान की यात्रा: शुभ कल्याणिका, वर्ष 4, अंक-3, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (2003)
58. Essence of Hinduism: Vedic Sandesh, Twentieth Anniversary, Fremont, C.A., U.S.A. (August, 2003)
59. Substance of Dharma: India Post, Vol. 9, No. 471, Voice of Indians Worldwide, U.S.A. (15th August, 2003)
60. Twenty First Century belongs to Hindi: India Post, Vol. 9, No. 480, U.S.A. (October 17, 2003)
61. क्षमा: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-1, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (2003)
62. कांतिभाई पटेल: सद् गृहस्थ संत: श्री कांति भाई पटेल अभिनन्दन ग्रन्थ, आगरा (2003)
63.  डॉ0 शिव गोपाल मिश्र: हिन्दी के विकास के लिए समर्पित व्यक्तित्व: डॉ0 शिव गोपाल मिश्र की 70 वीं वर्षगाँठ पर अभिनन्दन ग्रन्थ, विज्ञान परिषद्, प्रयाग (2003)
64.  मार्दव: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-2, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जनवरी, 2004)
65.  आर्जव: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-3, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (जून, 2004)
66.  सत्य: शुभ कल्याणिका, वर्ष-5, अंक-4, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (सितम्बर, 2004)
67.  शौचः शुचिता, स्वच्छता, पवित्रता और निर्मलता: शुभ कल्याणिका, वर्ष-6, अंक-1, श्री कल्याण सेवा आश्रम, जबलपुर (दिसम्बर, 2004)
68.  हिन्दी और भारतीय चेतना: केरल ज्योति, केरल हिन्दी प्रचार समा, तिरुवनंतपुरम, (2004)
69.  विश्व हिन्दी न्यास के तृतीय वार्षिक अधिवेशन का मुख्य व्याख्यानः सूचना भारती, अंक 3, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली (2004 - 2005)
70.  क्रोध से बचें, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (30, अगस्त,
    2005)
71.  क्षमा करना सीखें, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (13,
    सितम्बर, 2005)
72.  सत्य, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (8, नवम्बर, 2005)
73.  सत्य ही आनन्द, ब्रह्म एवं ईश्वर, दैनिक समाचार पत्र अमर
    उजाला (29, नवम्बर, 2005)
74.  हिन्दी संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा हो: बहुवचन, वर्ष-7, अंक-13, 
    महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा (अक्टूबर –
    दिसम्बर, 2005)
75.  प्रज्ञा पुरुष: राजर्षि परमानन्द भाई पटेल स्मृतिग्रंथ, जबलपुर,
    (2006)
76.  मेरे गुरु डॉ0 उदय नारायण तिवारी: बहुवचन, वर्ष-8, अंक-14, महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा (जनवरी -मार्च,
2006)
77.  अहंकार, गर्व,  मद एवं कठोरता, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (13, दिसम्बर, 2005)
78.  भौतिक पदार्थों के प्रति ममत्व का त्याग, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (10, जनवरी, 2006)
79.  लोभ से सभी सद्गुणों का नाश, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (7, फरवरी, 2006)
80.  पवित्रता, शुचिता, और आत्मशुद्धि, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (7मार्च, 2006)
81.  आध्यात्मिक दृष्टि से त्याग, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला
  (30, मई, 2006)
82. क्षमा (सृजनगाथा, 01 सितम्बर, 2007)
  http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee2_Sep2k7
83. क्रोध (सृजनगाथा, 01 सितम्बर, 2007)
http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee1_Sep2k7
84. अतिरेक और समाधान (सृजनगाथा, 01 अक्टूबर, 2008)
http://www.srijangatha.com/Vichaarveathee1_May2k8
85. ऐसे राजनेता नहीं चाहिए, दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला (08 दिसम्बर, 2008 )
86. राम साध्य हैं; साधन नहीं (हिन्दी वेब दुनिया, 21 जनवरी, 2009)
hindi.webdunia.com/.../राम-साध्य-हैं-साधन-नहीं-1090121027_1. Htm
87. महात्मा गाँधीः (हिन्दी वेब दुनिया, 30 जनवरी, 2009)
http://hindi.webdunia.com/1090130017_1.htm
88. सर्व धर्म समभावः  (हिन्दी वेब दुनिया, 26 फरवरी, 2009)
hindi.webdunia.com/.../सर्वधर्म-समभाव-1090226033_1.htm
89. डॉ. उदयनारायण तिवारी (सृजनगाथा, 01 फरवरी, 2009)
http://www.srijangatha.com/Hastakshar_Feb2k9
90. भगवान महावीर का जन्मः पुनर्भवों की साधना का परिणामः (हिन्दी वेब दुनिया, 10 फरवरी, 2009)
hindi.webdunia.com/.../भगवान-महावीर-का-जन्म-1130420020_1.htm
91. प्राणी मात्र के कल्याण के लिए भगवान महावीर का संदेशः (हिन्दी वेब दुनिया, 06 अप्रैल, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/occasion/.../06/1090406055_1.htm
92. विश्व में हो सद्भावना का विकास – 1, (हिन्दी वेब दुनिया, 01 मई, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090501088_1.htm
93.  विश्व में हो सद्भावना का विकास – 2, (हिन्दी वेब दुनिया, 02 मई, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090502115_1.htm
94.  विश्व में हो सद्भावना का विकास – 3, (हिन्दी वेब दुनिया, 06 मई, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090506059_1.htm
95.  विश्व में हो सद्भावना का विकास – 4, (हिन्दी वेब दुनिया, 12 मई, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090512081_1.htm
96.  विश्व में हो सद्भावना का विकास – 5, (हिन्दी वेब दुनिया, 16 मई, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090516053_1.htm
97. सुखी जीवन के लिए क्रोध से बचें (हिन्दी वेब दुनिया, 15 मई, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090515084_1.htm
98. आतंकवाद को निर्मूल करने के लिए सर्व धर्म समभावः (रचनाकार, 31 मई, 2009)
www.rachanakar.org/2009/05/blog-post_4379.html
99. विकास का रास्ता स्वयं बनाएँ (हिन्दी वेब दुनिया, 09 जून, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090609077_1.htm
100. सुखी जीवन के लिए निष्कपटताः (हिन्दी वेब दुनिया, 26 जून, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090626025_1.htm
101. धर्म-दर्शन एवं अन्योन्याश्रित व्यवस्था - 01 (हिन्दी वेब दुनिया, 30 जून, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090630054_1.htm
102. धर्म-दर्शन एवं अन्योन्याश्रित व्यवस्था – 02  (हिन्दी वेब दुनिया, 01 जुलाई, 2009)
hindi.webdunia.com/religion/religion/article/.../1090701051_1.htm
103. डॉ. उदयनारायण तिवारी (रचनाकार, 09 जुलाई, 2009)
www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_09.html
104. प्रज्ञा पुरुष परमानन्द भाई पटेल (रचनाकार, 11 जुलाई, 2009)
www.rachanakar.org/2009/07/blog-post_1476.html
105. क्या उत्तर-प्रदेश एवं बिहार हिन्दी भाषी राज्य नहीं हैं ? (रचनाकार, 08 सितम्बर, 2009)
www.rachanakar.org/2009/09/blog-post_08.html
106. हिन्दी चैनलों ने बनाया हिन्दी को लोकप्रिय (रचनाकार, 22 अक्टूबर, 2009)
हिन्दी चैनलों ने बनाया हिन्दी को लोकप्रिय 
hindi.webdunia.com/miscellaneous/nri/.../22/1091022059_1.htm
107. दुनिया में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा कौन (वेब दुनिया, 18 नवम्बर, 2009)
दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा कौन ...
quest.webdunia.com/hindi/2/21536/question.html
108. अध्यात्म एवं विज्ञानः (कर्मभूमि, वर्ष 2, अंक – 7, हिन्दी यू. एस. ए. की त्रैमासिक ई-पत्रिका, नवम्बर, 2009)
karmabhoomiOct09.pdf
http://hindiusa.org/index.php?option=com_docman&task=doc_download&gid=73
109. खजुराहोः मिथुनाचार को अंकित करने वाली प्रतिमाएँ (रचनाकार, 04 दिसम्बर, 2009)
www.rachanakar.org/2009/12/blog-post_04.html
110. भगवान महावीर (रचनाकार, 28 मार्च, 2010)
www.rachanakar.org/2010/03/blog-post_3876.html
111. विश्व में हिन्दी की स्थिति (01 जनवरी, 2012)
विश्व में हिंदी की स्थिति | kavita meri shaan
nishtanish18.wordpress.com/.../विश्व-में-हिंदी-की-स्थिति/‎
112.  हिन्दी दिवस पर संदेश (रचनाकार, 14 सितम्बर, 2012)
www.rachanakar.org/2012/09/blog-post_3077.html
113. रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ.डी.आई.) (रचनाकार, 25 सितम्बर,
    2012)
www.rachanakar.org/2012/09/blog-post_25.html
114. गाँधी दर्शनः (रचनाकार, 05 अक्टूबर, 2012)
www.rachanakar.org/2012/10/blog-post_1635.html
115. रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (दैनिक देशबंधु, 28 नवम्बर,
    2013)
http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/3363/10/0
116. मुम्बई विद्यापीठ के कुलपति डॉ. मोरेश्वर दिनकर पराडकरः स्मृतियों को नमन (रचनाकार, 19 जनवरी, 2013)
www.rachanakar.org/2013/01/blog-post_8717.html
117. जयपुर में साहित्य महोत्सव के बहाने से रचनाकारों से सवालः (रचनाकार, 29 जनवरी, 2013)
www.rachanakar.org/2013/01/blog-post_29.html
118. डॉ. जे. पी. शुक्ल – स्मृतियों को नमन (रचनाकार, 15 फरवरी, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/02/blog-post_13.html
119. वसंत पंचमी का पर्व और विद्या की अधिष्ठात्रीः (रचनाकार, 15 फरवरी, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/02/blog-post_15.html
120. देश की राजनीतिः दशा और दिशा (प्रवक्ता, 13 मई, 2013)
http://www.pravakta.com/the-countrys-politics-status-and-direction
121. हिन्दी भाषा के सम्बन्ध में कुछ विचार  (प्रवक्ता, 20 जून, 2013)
http://www.pravakta.com/reflections-in-relation-to-hindi-language
122. हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार (उगता भारत, 26 जून, 2013)
http://www.ugtabharat.com
123. “सेकुलर” अर्थात् धर्मनिरपेक्षता: लोकतंत्रात्मक दर्शन का मूल्य अथवा पूर्वाग्रह एवं विचारों की जकड़बंदी (रचनाकार, 11 जुलाई, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/07/blog-post_11.html
124. धर्मनिरपेक्षताः संवैधानिक मूल्य (प्रवक्ता, 14 जुलाई, 2013)
http://www.pravakta.com/secular-ie-secularism-demonic-spirit-or-constitutional-value
125. आधुनिकताः सार्वदेशिक प्रत्यय (प्रवक्ता, 22 जून, 2013)
http://www.pravakta.com/adhunikta-universal-idea-suffix
126. हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार (उगता भारत, 26 जून,
    2013)
http://www.ugtabharat.com
127. देश का भविष्य और विकासः (प्रवक्ता, 27 जुलाई, 2013)
http://www.pravakta.com/the-countrys-future-development
128. भवानी प्रसाद मिश्र (रचनाकार, 02 सितम्बर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/09/blog-post_2.html
129. हिन्दी देश को जोड़ने वाली भाषा है (रचनाकार, 14 सितम्बर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/09/blog-post_14.html
130. हिन्दी देश को जोड़ने वाली भाषा है; इसे उसके अपने ही घर में न तोड़ें (प्रवक्ता, 14 सितम्बर, 2013)
http://www.pravakta.com/hindi-is-the-language-of-hindustan
131. क्षमा (रचनाकार, 24 सितम्बर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/09/1.html
132. मार्दव (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2014)
http://www.rachanakar.org/2013/09/2_28.html
133. आर्जव (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/09/3_28.html
134. सत्य (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/09/4.html
135. शौच (रचनाकार, 28 सितम्बर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/09/5.html
136. संयम (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/10/6.html
137. तप (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/10/7.html
138. त्याग (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/10/8.html
139. आकिंचन्य (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/10/9.html
140. ब्रह्मचर्य (रचनाकार, 06 अक्टूबर, 2013)
http://www.rachanakar.org/2013/10/10.html
141.  कीचड़ को कीचड़ से साफ नहीं किया जा सकता (दैनिक देशबंधु, 07 अक्टूबर, 2013)
http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4018/10/0
142. तथाकथित साधुओं का पाखंड भरा आचरण (दैनिक देशबंधु, 15 अक्टूबर, 2013)
http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4039/10/0
143. भाजपा का सुशासन और शुचिता (दैनिक देशबंधु, 22 अक्टूबर, 2013)
http://www.deshbandhu.co.in/newsdetail/4055/10/0
144. राजेन्द्र यादवः खट्टी मीठी यादें (रचनाकार, 31 अक्टूबर, 2013)
http://www.rachanakar.org/
145. भारत की राजनीति का भविष्यः (देशबंधु समाचार पत्र, देशबंधु अवकाश अंक, रविवार, 10 नवम्बर, 2013)
146. हिन्दी भाषा के सम्बंध में कुछ विचार: विश्व हिन्दी पत्रिका, पाँचवा अंक, विश्व हिन्दी सचिवालय, भारत सरकार व मॉरीशस सरकार की द्विपक्षीय संस्था, मॉरीशस (2013)
147. प्रो॰एन॰ई॰विश्वनाथ अय्यर: स्मृतियों को नमन (रचनाकार, 12 मार्च 2014)
http://www.rachanakar.org/2014/03/blog-post_12.html
[[ ग)  भूमिका/आमुख / समीक्षा:]]
[[समीक्षा:]]
1.  भाषा और भाषिकी - डॉ0 देवीशंकर द्विवेदी की भाषा शास्त्र की पुस्तक: हिन्दुस्तानी, भाग 26, अंक 3-4, हिन्दुस्तानी एकेडेमी, इलाहाबाद (जुलाई-दिसम्बर, 1965)
2.  जैन आगम साहित्य में भारतीय समाज - डॉ0 जगदीशचन्द्र जैन:
माध्यम, वर्ष-5, अंक 11, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहाबाद (1969)
3. कविवर बनारसीदास - डॉ0 रवीन्द्र कुमार जैन का शोध-प्रबंध:
साहित्य संदेश, आगरा (1969)
4.  मेरा धर्म: केन्द्र और परिधि - आचार्य तुलसी: साहित्य संदेश, आगरा (1969)
5.  नैतिकता का गुरुत्वाकर्षण - मुनि नथमल: साहित्य संदेश, आगरा (1969)
6.  तट दो प्रवाह एक - मुनि नथमल: साहित्य संदेश, आगरा (1969)
7.  व्यंग्य सतसई - मिश्रीलाल: साहित्य संदेश, आगरा (1969)
8.  प्रेमचन्द के उपन्यासों का शिल्प-विधान -  डॉ. कमल किशोर गोयनकाः
  (वीणा, वर्ष- 48, अंक 4 – 5, मध्य भारत हिन्दी समीति, इन्दौर (1975)
9.  बघेली भाषा और साहित्य – डॉ. भगवती प्रसाद शुक्लः प्रकर, वर्ष 11,
  अंक-11, दिल्ली (नवम्बर, 1979)
10. भारतवर्ष की भाषा समस्या - डॉ0 रामविलास शर्मा: प्रकर, वर्ष 11, अंक-11, दिल्ली (नवम्बर, 1979)
11.  शैली विज्ञान और प्रेमचन्द की भाषा - डॉ0 सुरेश कुमार का शोध प्रबन्ध: प्रकर, वर्ष 12, अंक 1, दिल्ली (जनवरी, 1980)
12.  नर्मदा का नरम कंकर - आचार्य श्री विद्यासागर महाराज की काव्य कृति: युगधर्म, जबलपुर (मार्च, 1989)
[[भूमिकाः]]
13. मुक्ति पथ का राही - डॉ0 विमला जैन की नाट्य कृति, जैन पुस्तक भवन, कलकत्ता (1981)
14. काव्यांजलि - डॉ0 शकुन्तला चैधरी की काव्य कृति, प्रसाद प्रकाशन, जबलपुर (1992)
15. हिन्दी रीडर - भाग एक से भाग चार, विकास पब्लिशिंग हाउस प्रा0 लि0, नई दिल्ली (1995-1996)
16. प्रेम की पुकार: रमाकान्त महन्त का काव्य संकलन, उत्कल साहित्य परिषद् प्रकाशन, उड़ीसा (1997)
17. अनुभूति: डॉ0 सत्या सक्सेना का काव्य संग्रह, जयपुर हाउस, आगरा (2003)
18.  अन्तर्यात्रा: श्री कांति भाई पटेल के निबंधों का संकलन, आगरा (2006)
19. पत्रकारिता के क्षितिज – डॉ. सतीश शर्मा जाफरावादी एवं डॉ. अर्जुन सिंह शिशौदिया द्वारा सम्पादित, तक्षशिला प्रकाशन, नई दिल्ली (2011)
[[ आमुख: केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा से प्रकाशित ग्रन्थों का आमुख लेखन:]]
20. प्रयोजन मूलक हिन्दी व्याकरण - रवीन्द्र नाथ श्रीवास्तव एवं शारदा भसीन, द्वितीय संशोधित संस्करण  (1992)
21. मनोभाषा विज्ञान - पुष्पा श्रीवास्तव, प्रथम संस्करण  (1992)
22. बालक में भाषा का विकास - सुगन भाटिया, द्वितीय संस्करण  (1993)
23. समसामयिकता और आधुनिक हिंदी कविता - डॉ0 रघुवंश, द्वितीय संस्करण  (1993)
24. बैंकिंग हिन्दी पाठ्यक्रम - अमर बहादुर सिंह (संपा0), श्रीशचंद जैसवाल व भारत भूषण (ले0) चतुर्थ संस्करण  (1993)
25. गवेषणा, रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव स्मृति अंक, अंक 63-64  (1994)
26. अद्यतन हिंदी साहित्य: एक परिप्रेक्ष्य - रमासूद व कृष्ण गोपाल कपूर, प्रथम संस्करण  (1995)
27. भाषा अधिगम - मनोरमा गुप्त, द्वितीय संशोधित संस्करण  (1995)
28. हिन्दी काव्य संग्रह - रामवीर सिंह, हेमा उप्रेती व मीरा सरीन (संपा0), तृतीय संशोधित संस्करण  (1996)
29. संपर्क भाषा हिन्दी: विविध आयाम - सुरेश कुमार व ठाकुरदास,  (1996)
30. हिंदी शिक्षण का इतिहास और विकास - रामलाल वर्मा, प्रथम संस्करण  (1996)
31. आधुनिक कहानी संग्रह - सरोजिनी शर्मा (संपा0)  (1996)
32. प्रशासनिक पत्राचार - सुरेश कुमार (संपादक), ठाकुरदास व कृष्ण कुमार गोस्वामी (लेखक)  (1997)
33. हिंदी रूपांतरणात्मक व्याकरण के कुछ प्रकरण - यमुना काचरू, द्वितीय संस्करण (1997)
34. हिंदी की आधारभूत शब्दावली - वी0रा0 जगन्नाथन, तृतीय संस्करण  (1997)
35. साहित्य में बाह्य प्रभाव: भारतीय साहित्य के परिप्रेक्ष्य में, द्वितीय संस्करण    (1997)
36. हिंदी-मिजो अध्येता कोश - अमर बहादुर सिंह व रविप्रकाश श्रीवास्तव, प्रथम संस्करण  (1997)
37. माध्यमिक स्तरीय पाठ्य-पुस्तक-दो: निर्माण एवं संकलन - शम्भुनाथ पाण्डेय, सम्पादन-अमर बहादुर सिंह, पुनर्सम्पादन-सरोजिनी शर्मा, संशोधित संस्करण (1997)
38. अनुवाद और पारिभाषिक शब्दावली - सुरेश कुमार (संपादक), सुरेश कुमार, ललित मोहन बहुगुणा व कृष्ण कुमार गोस्वामी (लेखक) प्रथम संस्करण (1997)
39. व्यावहारिक हिंदी व्याकरण और वार्तालाप- चतुर्भुज सहाय व अरूण चतुर्वेदी, प्रथम संस्करण (1998)
40. नाच मेरी गुड़िया (हिंदी के शिशु गीत) - सुरेश कुमार (संपादक) प्रथम संस्करण (1998)
41. आओ मिलकर गाएँ (हिंदी के शिशु गीत) - सुरेश कुमार (संपादक) प्रथम संस्करण (1998)
42. उगता सूरज खिलती कलियाँ (हिंदी के बालगीत) - सुरेश कुमार (संपादक) प्रथम संस्करण (1998)
43. हिन्दी शब्दावली और प्रयोग (खण्ड-एक)- सीताराम शास्त्री, द्वितीय संशोधित संस्करण  (1998)
44. हिन्दी शब्दावली और प्रयोग (खण्ड-दो)- सीताराम शास्त्री, द्वितीय संशोधित संस्करण (1999)
45. मानक हिंदी का शिक्षण: उपागम एवं उपलब्धियाँ - (खण्ड-एकः सैद्धान्तिक उपागम)- मदनलाल वर्मा, सीताराम शास्त्री (संपादक), प्रथम संस्करण (1999)
46. बैंकिंग हिन्दी पाठ्यक्रम (बैंकिंग शब्दावली सहित) - पंचम संशोधित सं0, प्रथम संस्करण से चतुर्थ संस्करण के सम्पादक - अमर बहादुर सिंह, लेखक - श्रीशचन्द्र जैसवाल एवं भारत भूषण, पंचम संशोधित संस्करण के सम्पादक - कृष्ण कुमार गोस्वामी, निर्माण में सहयोगी-पुष्पा बूलचंदानी,  सुनीता शर्मा, आशुतोष शुक्ल (1999)
47. आधुनिक निबन्ध संग्रह - सुरेश कुमार (संपादक), पंचम संस्करण  (1999)
48. आधुनिक एकांकी संग्रह - सुरेश कुमार (संपादक), पंचम संस्करण (1999)
49. मानक हिन्दी का शिक्षण: उपागम एवं उपलब्धियाँ - (खण्ड-2: शिक्षण एवं प्रविधि)- मदनलाल वर्मा, सीताराम शास्त्री (संपादक), प्रथम संस्करण  (1999)
50. मानक हिन्दी का शिक्षण: उपागम एवं उपलब्धियाँ - (खण्ड- तीनः समस्याएँ एवं समाधान) मदनलाल वर्मा, सीताराम शास्त्री (संपादक), प्रथम संस्करण (1999)
51. विश्व भाषा हिंदी – महावीर सरन जैन (प्रधान सम्पादक), वशिनी शर्मा (संपादक), प्रथम संस्करण  (1999)
52. व्यावहारिक हिन्दी संरचना और अभ्यास -  महावीर सरन जैन (प्रधान सम्पादक),  चतुर्भुज सहाय व अरुण चतुर्वेदी (सम्पादक),  रामलाल वर्मा, अरुण चतुर्वेदी व राजबली पाठक (लेखक), तृतीय संशोधित संस्करण (1999)
53. महादेवी का काव्य, कला और दर्शन - रश्मि दीक्षित, प्रथम संस्करण (1999)
54. शैली और शैली विज्ञान - सुरेश कुमार  (2000)
55. भाषा सेतु (मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अन्तर्गत भाषा संस्थानों/संस्थाओं की गतिविधियों की पत्रिका का प्रवेशांक) - महावीर सरन जैन (प्रधान सम्पादक), ठाकुरदास (सम्पादक), वशिनी शर्मा (सहसम्पादक),  रश्मि दीक्षित (सहायक सम्पादक),  आशुतोष शुक्ल (सम्पादन सहयोग)  (20000)
56. भारतीय बहुभाषिक परिवेश और हिन्दी: समाज भाषा वैज्ञानिक अध्ययन (भारत व्यापी हिन्दी के स्वरूप के सर्वेक्षण पर आधारित परियोजना का प्रतिवेदन)
(क) परिकल्पना: प्रो0 बाल गोविंद मिश्र
(ख) मार्गदर्शक  (प्रभारत्व - कालक्रम से): डॉ0 श्री कृष्ण शर्मा, प्रो0 कृष्ण कुमार शर्मा, प्रो0 कीर्तिलता दत्त, प्रो0 सुरेश कुमार, प्रो0 अमर बहादुर सिंह
(ग) पाइलट सर्वे: डॉ0 कृष्ण कुमार शर्मा, डॉ0 श्री कृष्ण शर्मा,  डॉ0 एम0 ज्ञानम, डॉ0 सुशीला थामस
(घ) प्रश्नावली : डॉ0 श्री कृष्ण शर्मा, डॉ0 एम0 ज्ञानम, डॉ0 हेमा उप्रेति, डॉ0 घनश्याम शर्मा,  डॉ0 भरत सिंह
(च) सर्वेक्षण :  डॉ0 एम0 ज्ञानम,  डॉ0 सुशीला थामस
(छ) विश्लेषणः डॉ0 एम0 ज्ञानम, डॉ0 सुशीला थामस, डॉ0 भरत सिंह, डॉ0 हरिवंश सिंह सोलंकी, डॉ0 घनश्याम शर्मा, सुश्री पुष्पा बूलचंदानी, सुश्री वीणा माथुर, श्री मिथिलेश कुमार मिश्र
(ज) मूल रिपोर्ट लेखन :  डॉ0 एम0 ज्ञानम, डॉ0 सुशीला थामस, डॉ0 भरत सिंह, सुश्री पुष्पा बूलचंदानी
(झ) रिपोर्ट लेखन: मार्गदर्शन - प्रो0 अमर बहादुर सिंह
(ट) रिपोर्ट लेखन : पर्यवेक्षण - डॉ0 टी0के0 नारायण पिल्लै
(ठ) रिपोर्ट लेखन: सम्पादन - डॉ0 एम0 ज्ञानम
(ड) रिपोर्ट लेखन : सह संपादन -  डॉ0 हरिवंश सिंह सोलंकी, सुश्री पुष्पा बूलचंदानी, सुश्री वीणा माथुर, सुश्री संघमित्रा
प्रथम संस्करण (2001)
[[पुरस्कार एवं अलंकरणः]]
1.उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा राज्य साहित्यिक पुरस्कार
2. भारतीय शिक्षा परिषद्, उत्तर प्रदेश द्वारा परिषद् की सर्वोच्च मानद उपाधि (साहित्य  वाचस्पति) से लखनऊ में अलंकृत
3.American Biographical Institute द्वारा 'International Cultural Diploma  of Honor' से अलंकृत
4. डॉक्टर भीमराव अम्बेदकर विश्वविद्यालय, आगरा द्वारा भाषा
एवं संस्कृति के क्षेत्र में योगदान के लिए आगरा में ब्रज विभूति
सम्मान से अलंकृत
5. भारतीय राजदूतावास, बुकारेस्त (रोमानिया) द्वारा बुकारेस्त
विश्वविद्यालय में हिन्दी शिक्षण में योगदान के लिए स्वर्ण-पदक से
अलंकृत
[[सम्मानः]]
1.आन्ध्र प्रदेश हिन्दी प्रचार सभा , हैदराबाद
2. भारतीय संस्कृति संस्थान, दिल्ली
3. असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति  गोवाहाटी
4.  केरल हिन्दी प्रचार सभा  तिरुवनंतपुरम्
5. विशाखा हिन्दी परिषद्  विशाखापत्तनम्
6. चैन्नई की हिन्दी की संस्थाओं द्वारा दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार
सभा, चैन्नई में सम्मानित
7.मणिपुर हिन्दी परिषद, इम्फाल
8. प्रमुख भाषाविद्, साहित्य मनीषी, भारतीय संस्कृति के पुरोधा,
विद्वद्वरेण्य, सर्वधर्म समभाव के पक्षधर, पूर्वाग्रह-विग्रह-विरहित,
माननीय प्रोफेसर (डॉ0) महावीर सरन जैन का आगरा में नागरिक
सम्मान
9. विश्व हिन्दी न्यास (अमेरिका) द्वारा अमेरिका के कैलिफोर्निया
राज्य के फ्रीमाण्ट में  सम्मान ।
[[डी. लिट. एवं पी-एच. डी. उपाधियों के लिए शोधकों का शोध निर्देशन]]
उन शोधकर्ताओं के नाम एवं उनके शोध प्रबन्धों के शीर्षक जिनको प्रोफेसर महावीर सरन जैन के निर्देशन में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से डी0लिट् एवं पी-एच0डी0 की उपाधियाँ प्राप्त हुई हैं।
[[(क) डी0लिट् उपाधि प्राप्त करने वाले शोधकर्ताओं के नाम एवं उनके शोध प्रबन्धों के शीर्षक]]
1. डॉ0 जी0 गोपीनाथन : हिन्दी और मलयालम के परस्पर अनुवाद की भाषावैज्ञानिक  समस्याएँ
2. डॉ0 नज़ीर मुहम्मद   :  संत साहित्य का अभिव्यंजनापरक अध्ययन
3. डॉ0 श्यामा कान्त  द्विवेदी : मध्ययुगीन हिन्दी निर्गुण-भक्ति साहित्य की दार्शनिक विवेचना
4. डॉ0 राजा राम सोनी   : छायावादोत्तर हिन्दी काव्य
[[ (ख) पी-एच0 डी0 उपाधि प्राप्त करने वाले शोधकर्ताओं के नाम एवं उनके शोध प्रबन्धों के शीर्षक]]
5. डॉ0 रामलखन गुप्ता : अवधी एवं कन्नौजी के संक्रान्ति क्षेत्र की बोलियों का संकालिक अध्ययन 
6. डॉ0 पुष्पा भूरा : सूर सागर में वर्णित अन्तर्कथायें : स्रोत एवं सूरसागर में  उनका  स्थान                                                                                               
7. डॉ0 कुन्तल गोयल : नृतत्व एवं समाजशास्त्र के आधार पर छत्तीसगढ़ के लोकगीतों का अध्ययन
8. डॉ0 किरण जैन : रीतिकालीन हिन्दी जैन काव्य


9. डॉ0 मोतीलाल चतुर्वेदी : रेल विभाग में प्रयुक्त प्रशासनिक हिन्दी का शब्दकोषीय एवं व्याकरणिक अध्ययन
10.डॉ0 श्यामाकान्त द्विवेदी : नाथ संत सम्प्रदाय पर योगतन्त्र के प्रभाव
11. डॉ0 रामभोट्ला वीरभद्रराव : हिन्दी नाटकों में हास्य एवं व्यंग्य योजना
                             
12. डॉ0 विष्णु प्रसाद नेमा : कृपालुदास और उनका काव्य
13. डॉ0 त्रिभुवननाथ शुक्ल : रामचरित मानस के शब्दों का अर्थ-तात्त्विक अध्ययन
14. डॉ0 उमा शंकर तिवारी : पन्त की काव्य भाषा का अध्ययन
15. डॉ0 रामायणप्रसाद गर्ग : अवधी एवं बघेली बोलियों के संक्रान्ति-क्षेत्र का संकालिक अध्ययन
   
प्रोफेसर महावीर सरन जैन


==स्वागत==
==स्वागत==

09:48, 3 अप्रैल 2014 का अवतरण

प्रोफेसर महावीर सरन जैन' (जन्म: 17 जनवरी, 1941) हिन्दी के अंतरराष्ट्रीय स्तर के विद्वान एवं प्रख्यात भाषावैज्ञानिक हैं। वे भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

परिचय

महावीर सरन जैन का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में 17 जनवरी, 1941 को हुआ था । उनके परिवार में इला ( पत्नी), ऋचा ( बेटी) एवं मनु ( बेटा) हैं। प्रोफेसर जैन ने भारत सरकार के केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक, रोमानिया के बुकारेस्त विश्वविद्यालय के हिन्दी के विजिटिंग प्रोफेसर तथा जबलपुर के विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग के लैक्चरर, रीडर तथा प्रोफेसर एवं अध्यक्ष के रूप में सन 1964 से 2001 तक कार्य किया तथा हिन्दी के अध्ययन, अध्यापन एवं अनुसंधान तथा हिन्दी के प्रचार-प्रसार-विकास के क्षेत्रों में भारत एवं विश्व स्तर पर योगदान दिया है। सेवा निवृत्त निदेशक, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, भारत सरकार, आगरा, पूर्व प्रोफेसर एवं अध्यक्ष, स्नातकोत्तर हिन्दी एवं भाषा विज्ञान विभाग, विश्वविद्यालय, जबलपुर .पूर्व अधिष्ठाता, कला संकाय, विश्वविद्यालय, जबलपुर,पूर्व विजिटिंग प्रोफेसर (हिन्दी), बुकारेस्त विश्वविद्यालय, बुकारेस्त, रोमानिया देश विदेश के अनेक सम्मानों से सम्मानित प्रो. जैन ने मौलिक ग्रंथ, शोध निबंध, समीक्षा, भूमिका तथा लेख सभी कुछ लिखा है। विभिन्न विषयों पर आपकी पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

भाषा-ज्ञान

हिन्दी, संस्कृत, पालि, अंग्रेजी, रोमानियन।

शैक्षिक योग्यताएँ

शैक्षिक योग्यतायें : एम.ए. (हिन्दी) (1960), डी.फिल. (हिन्दी-भाषाविज्ञान) (1962), डी.लिट्. (हिन्दी-भाषाविज्ञान) (1967)।


स्वागत

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भारतखोज

प्रोफेसर महावीर सरन जैन जी
आप अपने सभी लेख भारतखोज, जो भारतकोश की तरह ही भारतडिस्कवरी मिशन का एक अंग है पर लिख सकते हैं। जो स्वतंत्र लेखन-मुक्त विचार के लिए ही 'भारतकोश' के सदस्यों की माँग को ध्यान में रखते हुए बनाया गया। आपको वहाँ नया खाता खोलने की आवश्यकता नहीं है। अत: भारतकोश के सदस्य नाम और पासवर्ड से ही आप वहाँ सम्पादन कर सकते हैं। कृपया संदेश का जवाब अवश्य दें। गोविन्द राम - वार्ता 13:34, 30 जून 2013 (IST)