"छत्तीसगढ़ सामान्य ज्ञान 4": अवतरणों में अंतर
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{[[छत्तीसगढ़]] | {[[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कौन-सा है? | ||
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+[[गुरु घासीदास नेशनल पार्क|गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान]] | +[[गुरु घासीदास नेशनल पार्क|गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान]] | ||
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||[[चित्र:Chital.jpg|right|120px|चीतल]]'गुरु घासीदास नेशनल पार्क' का 60 प्रतिशत हिस्सा [[छत्तीसगढ़]] राज्य के कोरिया ज़िले में स्थित है। इस नेशनल पार्क में मिश्रित पतझड़ी वनों के अंदर पीक, साल और [[बांस]] के पेड़ बहुत बड़ी संख्या में पाये जाते हैं। इस क्षेत्र में विविध प्रकार के स्तनधारी जीव पाए जाते हैं। यहाँ पाये जाने वाले जीवों में [[बाघ]], चीते, [[चीतल]], [[चिंकारा]], नील गाय, [[भेडिया|भेडिए]], सांभर, जंगली बिल्ली, साही, [[बंदर]], पट्टीदार हाइना और जंगली कुत्तों आदि की प्रजातियाँ मुख्य रूप से शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु घासीदास नेशनल पार्क|गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान]] | ||[[चित्र:Chital.jpg|right|120px|चीतल]]'गुरु घासीदास नेशनल पार्क' का 60 प्रतिशत हिस्सा [[छत्तीसगढ़]] राज्य के कोरिया ज़िले में स्थित है। इस नेशनल पार्क में मिश्रित पतझड़ी वनों के अंदर पीक, साल और [[बांस]] के पेड़ बहुत बड़ी संख्या में पाये जाते हैं। इस क्षेत्र में विविध प्रकार के स्तनधारी जीव पाए जाते हैं। यहाँ पाये जाने वाले जीवों में [[बाघ]], चीते, [[चीतल]], [[चिंकारा]], नील गाय, [[भेडिया|भेडिए]], सांभर, जंगली बिल्ली, साही, [[बंदर]], पट्टीदार हाइना और जंगली कुत्तों आदि की प्रजातियाँ मुख्य रूप से शामिल हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु घासीदास नेशनल पार्क|गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] | {[[छत्तीसगढ़]] में [[सोयाबीन]] की फ़सल का प्रमुख उत्पादक ज़िला कौन-सा है? | ||
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-[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]] | -[[राजनांदगाँव ज़िला|राजनांदगाँव]] | ||
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-पानी बचाओ आंदोलन | -पानी बचाओ आंदोलन | ||
{[[छत्तीसगढ़]] | {[[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] के 'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' की स्थापना किस सन् में हुई? | ||
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-1940 | -[[1940]] | ||
-1949 | -[[1949]] | ||
+1987 | +[[1987]] | ||
-1975 | -[[1975]] | ||
||[[चित्र:Colourful-Peanut-Gujarat.jpg|right|120px|रंग-बिरंगी मूँगफ़ली]][[छत्तीसगढ़]] में लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बाग़वानी फ़सलें उगाई जाती हैं। राज्य में 'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' प्रमुख [[कृषि]] कार्य के बारे में विस्तारपूर्वक शोध करता है। विश्वविद्यालय की स्थापना 20 जनवरी, सन् 1987 को की गई थी। यह कृषि विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा प्रदान करता है। यह विश्वविद्यालय 9 महाविद्यालयों, 8 अनुसंधान केन्द्रों तथा 4 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से काम कर रहा है। इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य है- 'कृषि शिक्षा अनुसंधान और उसका प्रसार'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[चित्र:Colourful-Peanut-Gujarat.jpg|right|120px|रंग-बिरंगी मूँगफ़ली]][[छत्तीसगढ़]] में लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बाग़वानी फ़सलें उगाई जाती हैं। राज्य में 'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' प्रमुख [[कृषि]] कार्य के बारे में विस्तारपूर्वक शोध करता है। विश्वविद्यालय की स्थापना [[20 जनवरी]], सन् [[1987]] को की गई थी। यह कृषि विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा प्रदान करता है। यह विश्वविद्यालय 9 महाविद्यालयों, 8 अनुसंधान केन्द्रों तथा 4 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से काम कर रहा है। इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य है- 'कृषि शिक्षा अनुसंधान और उसका प्रसार'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] में तेन्दुपत्ता सर्वाधिक किस उद्योग में प्रयुक्त होता है? | {[[छत्तीसगढ़]] में तेन्दुपत्ता सर्वाधिक किस उद्योग में प्रयुक्त होता है? | ||
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+बीड़ी उद्योग | +बीड़ी उद्योग | ||
-गोंद उद्योग | -गोंद उद्योग | ||
-चमड़ा रंगने का आरोप | -[[चमड़ा उद्योग|चमड़ा]] रंगने का आरोप | ||
||[[छत्तीसगढ़]] की | ||[[छत्तीसगढ़]] की [[लघु उद्योग]] इकाइयों का राष्ट्रीय परिदृश्य पर प्रभाव छोड़ना शेष है, लेकिन [[हथकरघा उद्योग]] यहाँ फल-फूल रहा है, और [[साड़ी]] बुनने, ग़लीचे व बर्तन बनाने तथा [[सोना|सोने]] के रसायन उत्पादन की भी कुछ इकाइयाँ हैं। [[भारत]] में बीड़ी बनाने का उद्योग भी बड़े पैमाने पर होता रहा है। [[मध्य प्रदेश]], [[उड़ीसा]] और [[छत्तीसगढ़]] राज्यों में तेन्दुपत्ता एक बड़ी मात्रा में उगाया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य में इस पत्ते का अधिकतर प्रयोग बीड़ी बनाने में किया जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] का सर्वाधिक साक्षर ज़िला कौन-सा है? | {[[छत्तीसगढ़]] का सर्वाधिक साक्षर ज़िला कौन-सा है? | ||
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-[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]] | -[[बिलासपुर ज़िला|बिलासपुर]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] | {[[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] में वन अनुसंधान की स्थापना कहाँ प्रस्तावित है? | ||
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-[[रायपुर]] | -[[रायपुर]] | ||
+[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | +[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
-जगदलपुर | -जगदलपुर | ||
-रायगढ़ | -[[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़]] | ||
||[[चित्र:Tiger.jpg|right|120px|बाघ]]18वीं शाताब्दी में [[मराठा|मराठों]] द्वारा अधिकार किये जाने से पहले [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]], [[गोंडा ज़िला|गोंड]] राज्य की राजधानी था। इसके उत्तर में स्थित रतनपुर, [[छत्तीसगढ़]] के [[हिन्दू]] राजवंश [[हैहय वंश|हैहय]] की प्राचीन राजधानी थी। इसके ध्वंसावशेष आठवीं शाताब्दी के हैं। बिलासपुर में 1867 में नगरपालिका गठित की गई थी। बिलासपुर प्राचीनकाल में मछियारों की छोटी-सी बस्ती मात्र था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||[[चित्र:Tiger.jpg|right|120px|बाघ]]18वीं शाताब्दी में [[मराठा|मराठों]] द्वारा अधिकार किये जाने से पहले [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]], [[गोंडा ज़िला|गोंड]] राज्य की राजधानी था। इसके उत्तर में स्थित रतनपुर, [[छत्तीसगढ़]] के [[हिन्दू]] राजवंश [[हैहय वंश|हैहय]] की प्राचीन राजधानी थी। इसके ध्वंसावशेष आठवीं शाताब्दी के हैं। बिलासपुर में 1867 में नगरपालिका गठित की गई थी। बिलासपुर प्राचीनकाल में मछियारों की छोटी-सी बस्ती मात्र था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] | {[[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] को '''धान का कटोरा''' कहा जाता है। यहाँ [[धान]] की उत्पादकता औसत प्रति हेक्टेयर कितने क्विंटल है? | ||
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-30 क्विंटल | -30 क्विंटल | ||
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+14 क्विंटल | +14 क्विंटल | ||
-10 क्विंटल | -10 क्विंटल | ||
||[[चित्र:Wheat-1.jpg|right|120px|गेहूँ की खेती]][[छत्तीसगढ़]] में 80 प्रतिशत आबादी [[कृषि]] और उससे जुडी गतिविधियों में शामिल है। 137.9 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से कुल कृषि क्षेत्र कुल क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत है। खेती का प्रमुख मौसम ख़रीफ हैं। [[चावल]] यहाँ की मुख्य फ़सल है। इस राज्य को 'धान का कटोरा' कहकर भी सम्मानित किया गया है, क्योंकि यहाँ धान का सर्वाधिक भंडार मौजूद है। यहाँ प्रति हेक्टेयर 14 क्विंटल धान का उत्पादन होता है। अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं- [[मक्का]], [[गेंहूँ]], [[मूँगफली]] और दलहन।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||[[चित्र:Wheat-1.jpg|right|120px|गेहूँ की खेती]][[छत्तीसगढ़]] में 80 प्रतिशत आबादी [[कृषि]] और उससे जुडी गतिविधियों में शामिल है। 137.9 लाख हेक्टेयर भौगोलिक क्षेत्र में से कुल कृषि क्षेत्र कुल क्षेत्र का लगभग 35 प्रतिशत है। खेती का प्रमुख मौसम ख़रीफ हैं। [[चावल]] यहाँ की मुख्य फ़सल है। इस राज्य को 'धान का कटोरा' कहकर भी सम्मानित किया गया है, क्योंकि यहाँ [[धान]] का सर्वाधिक भंडार मौजूद है। यहाँ प्रति हेक्टेयर 14 क्विंटल धान का उत्पादन होता है। अन्य महत्त्वपूर्ण फ़सलें हैं- [[मक्का]], [[गेंहूँ]], [[मूँगफली]] और दलहन।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]] | ||
{ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से 'छत्तीसगढ़ विधानसभा' द्वारा विधेयक कब पारित किया गया था? | {ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से 'छत्तीसगढ़ विधानसभा' द्वारा विधेयक कब पारित किया गया था? | ||
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+19 अप्रैल, 2000 | +[[19 अप्रैल]], [[2000]] | ||
- | -[[10 अप्रैल]], [[2001]] | ||
-15 मार्च, 2000 | -[[15 मार्च]], 2000 | ||
-18 मार्च, 2002 | -[[18 मार्च]], [[2002]] | ||
{[[छत्तीसगढ़]] का एकमात्र कैंसर चिकित्सा केंद्र कहाँ स्थित है? | {[[छत्तीसगढ़]] का एकमात्र कैंसर चिकित्सा केंद्र कहाँ स्थित है? |
13:46, 17 जुलाई 2014 का अवतरण
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