कांगेर घाटी नेशनल पार्क छत्तीसगढ़ कांगेर घाटी की 34 किलोमीटर लंबी तराई में स्थित है। यह एक 'बायोस्फीयर रिजर्व' है।
- कांगेर घाटी नेशनल पार्क भारत के सर्वाधिक सुंदर और मनोहारी नेशनल पार्कों में से एक है। यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और अनोखी समृद्ध जैव विविधता के कारण प्रसिद्ध है।
- कांगेर घाटी को 1982 में 'नेशनल पार्क' का दर्जा दिया गया।
- वन्य जीवन और पेड़ पौधों के अलावा पार्क के अंदर पर्यटकों के लिए अनेक आकर्षण हैं। जैसे -कुटुमसार की गुफाएं, कैलाश गुफाए, डंडक की गुफाए और तीर्थगढ़ जलप्रपात।
- कांगेर धारा और भीमसा धारा,[1] दो सुंदर और अद्भुत पिकनिक रिजॉर्ट हैं।
- इस पार्क में बड़ी संख्या में जनजातीय आबादी भी रहती है और प्रकृति प्रेमियों, अनुसंधानकर्ताओं, वैज्ञानिकों के अलावा छत्तीसगढ़ के सर्वोत्तम वन्य जीवन का दर्शन करने का इच्छुक लोगों के लिए यह एक आदर्श पर्यटन स्थल है, जहाँ क्षेत्र की अनोखी जनजातियों को भी देखा जा सकता हैं।
- पार्क की वनस्पतियों में मिश्रित नम पतझड़ी प्रकार के वन हैं, जिसमें मुख्यत: साल, टीक और बांस के पेड़ हैं।
- वास्तव में कांगेर धाटी भारतीय उपमहाद्वीप में एकमात्र ऐसा स्थान है जहाँ अब तक इन अछूते और पहुँच से दूर वनों का एक हिस्सा बचा हुआ है।
- कांगेर घाटी नेशनल पार्क में पाए जाने वाले प्रमुख जीव जंतु हैं - बाघ, चीते, माउस डीयर, जंगली बिल्ली, चीतल, सांभर, बार्किंग डीयर, भेडिए, लंगूर, रिसस मेकाका, स्लॉथ बीयर, उड़ने वाली गिलहरी, जंगली सुअर, पट्टीदार हाइना, खरगोश, अजगर, कोबरा, घडियाल, मॉनिटर छिपकली तथा सांप।
- कांगेर घाटी नेशनल पार्क में मुख्य रूप से पहाड़ी मैना, चित्तीदार उल्लू, लाल जंगली बाज़, रैकिट टेल्ड ड्रोंगो, मोर, तोते, स्टैपी इगल, लाल फर वाला फाल, फटकार, भूरा तीतर, ट्री पाइ और हेरॉन पक्षी पाए जाते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ घडियालों का एक पार्क