"प्रयोग:गोविन्द6": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(पन्ने को खाली किया)
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
<noinclude>{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
|-</noinclude>
| style="background:transparent;"|
{| style="background:transparent; width:100%"
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">एक व्यक्तित्व</font>
|-
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
[[चित्र:Mohan-Rakesh.jpg|right|100px|link=मोहन राकेश|border]]
<poem>
        '''[[मोहन राकेश]]''' 'नई कहानी आन्दोलन' के साहित्यकार थे। [[हिन्दी]] [[नाटक]] के क्षितिज पर मोहन राकेश का उदय उस समय हुआ, जब स्वाधीनता के बाद पचास के दशक में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का ज्वार देश में जीवन के हर क्षेत्र को स्पन्दित कर रहा था। उनके नाटकों ने न सिर्फ़ नाटक का आस्वाद, तेवर और स्तर ही बदल दिया, बल्कि हिन्दी [[रंगमंच]] की दिशा को भी प्रभावित किया। आधुनिक हिन्दी साहित्य काल में मोहन राकेश ने अपने लेखन से दूर होते [[हिन्दी साहित्य]] को रंगमंच के क़रीब ला दिया और स्वयं को [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]] और [[जयशंकर प्रसाद]] के समकक्ष खड़ा कर दिया। [[मोहन राकेश|... और पढ़ें]]
</poem>
----
<center>
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3"
|-
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| [[जयशंकर प्रसाद]] ·
| [[रामधारी सिंह 'दिनकर']] ·
| [[सूरदास]] ·
| [[सरदार पटेल]]
|}</center>
|}<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>

14:07, 23 दिसम्बर 2014 का अवतरण

एक व्यक्तित्व

        मोहन राकेश 'नई कहानी आन्दोलन' के साहित्यकार थे। हिन्दी नाटक के क्षितिज पर मोहन राकेश का उदय उस समय हुआ, जब स्वाधीनता के बाद पचास के दशक में सांस्कृतिक पुनर्जागरण का ज्वार देश में जीवन के हर क्षेत्र को स्पन्दित कर रहा था। उनके नाटकों ने न सिर्फ़ नाटक का आस्वाद, तेवर और स्तर ही बदल दिया, बल्कि हिन्दी रंगमंच की दिशा को भी प्रभावित किया। आधुनिक हिन्दी साहित्य काल में मोहन राकेश ने अपने लेखन से दूर होते हिन्दी साहित्य को रंगमंच के क़रीब ला दिया और स्वयं को भारतेन्दु हरिश्चंद्र और जयशंकर प्रसाद के समकक्ष खड़ा कर दिया। ... और पढ़ें


पिछले लेख जयशंकर प्रसाद · रामधारी सिंह 'दिनकर' · सूरदास · सरदार पटेल