"जर्जर हुआ हूँ मैं -अरुन अनन्त": अवतरणों में अंतर
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09:51, 19 फ़रवरी 2015 का अवतरण
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जर्जर हुआ हूँ मैं -अरुन अनन्त
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पूरा नाम | अरुन शर्मा अनन्त |
जन्म | 10 जनवरी, 1984 |
जन्म भूमि | (नई दिल्ली) |
मुख्य रचनाएँ | सम्पादन- # शब्द व्यंजना (www.shabdvyanjana.com) हिंदी मासिक ई-पत्रिका # सारांश समय का (80 कविओं की कविताओं का संकलन) |
भाषा | हिंदी |
शिक्षा | स्नातक |
नागरिकता | भारतीय |
सम्प्रति- | रियल एस्टेट कंपनी में प्रबंधक |
सम्पर्क | गुडगाँव हरियाणा फ़ोन-09899797447, ई-मेल- revert2arun@gmail.com |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
सुखों की श्रृंखला से वस्तुतः बाहर हुआ हूँ मैं, कि जबसे प्रेम के पथ पर सुनो तत्पर हुआ हूँ मैं, मेरा प्रतिरूप बनकर अब निरंतर साथ चलते हैं, दुखों को इस तरह कुछ आजकल रुचिकर हुआ हूँ मैं, हवाले मृत्यु के कर दो या जीवन दान दो मुझको, तुम्हारे फैसलों पर अंततः निर्भर हुआ हूँ मैं, मुझे पत्थर समझकर छूने की कोशिश नहीं करना, बिखर जाऊंगा निश्चिततौर पर जर्जर हुआ हूँ मैं, मेरे अपनों ने मुझसे मित्रता ऐसी निभाई है, कि प्रतिपल शत्रुओं के वास्ते अवसर हुआ हूँ मैं, ग़ज़ल के रूप में परिपूर्ण हो तुम मेरे ही कारण, कई हिस्सों में बँटकर टूटकर शेअर हुआ हूँ मैं |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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