"विदेश मंत्रालय": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 28: पंक्ति 28:
|अद्यतन={{अद्यतन|18:53, 18 मार्च 2015 (IST)}}
|अद्यतन={{अद्यतन|18:53, 18 मार्च 2015 (IST)}}
}}
}}
'''विदेश मंत्रालय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ministry of Defence'') मुख्यतः [[साउथ ब्लॉक]] में अवस्थित है जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय और [[रक्षा मंत्रालय]] भी है। विदेश मंत्रालय के कुछ कार्यालय अकबर भवन, शास्त्री भवन, पटियाला हाउस तथा आई एस आई एल भवन में भी स्थित है। रायसीना पहाड़ी पर राजपथ की एक ओर साउथ ब्लॉक एवं दूसरी ओर नार्थ ब्लॉक 1931 में निर्मित किए गए थे। 20वीं सदी के प्रारंभ में [[ब्रिटेन]] के एक सुविख्यात वास्तुकार हरबर्ट बेकर द्वारा अभिकल्पित सचिवालय की दोनों भव्य इमारतें सेंट्रल विस्टा के दोनों ओर [[राष्ट्रपति भवन]] के पार्श्व में स्थित हैं। साउथ ब्लॉक मेहराबदार सीढियों और ऊँची छत वाले गलियारों की भूलभूलैया है। विशाल गुम्बजों वाले स्तम्भश्रेणियों तथा सपाट छतें इस भवन की उल्लेखनीय विशेषताएं हैं। हरबर्ट बेकर के साथ-साथ एडविन लुटियन, जिन्होंने [[नई दिल्ली]] के लिए सरकारी भवनों को अभिकल्पित किया है, ने "जाली" और "छज्जा" जैसे विशिष्ट भारतीय वास्तुशिल्प का इस्तेमाल किया है। जाली, जो कि एक जटिल कटावदार सजावटी पत्थरों का आवरण है, भारतीय जलवायु की विषम परिस्थतियों के लिए अनुकूल है। छज्जा जो कि पत्थरों की एक पतली परत का विस्तार है, दीवारों और खिड़कियों को गर्मी में चमकीली धूप और मानसून की भारी [[वर्षा]] से रक्षा करती है। वास्तुकारों द्वारा अपनाई गई एक तीसरी विशेषता "छतरी" अथवा छतरी के आकार का गुम्बज है जो कि सपाट, क्षैतिज रूपरेखा की नीरसता को तोड़ता है। ये सारी विशेषताएं साउथ ब्लॉक में देखी जा सकती है।  
'''विदेश मंत्रालय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ministry of External Affairs'') मुख्यतः [[साउथ ब्लॉक]] में अवस्थित है जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय और [[रक्षा मंत्रालय]] भी है। विदेश मंत्रालय के कुछ कार्यालय अकबर भवन, शास्त्री भवन, पटियाला हाउस तथा आई एस आई एल भवन में भी स्थित है। रायसीना पहाड़ी पर राजपथ की एक ओर साउथ ब्लॉक एवं दूसरी ओर नार्थ ब्लॉक 1931 में निर्मित किए गए थे। 20वीं सदी के प्रारंभ में [[ब्रिटेन]] के एक सुविख्यात वास्तुकार हरबर्ट बेकर द्वारा अभिकल्पित सचिवालय की दोनों भव्य इमारतें सेंट्रल विस्टा के दोनों ओर [[राष्ट्रपति भवन]] के पार्श्व में स्थित हैं। साउथ ब्लॉक मेहराबदार सीढियों और ऊँची छत वाले गलियारों की भूलभूलैया है। विशाल गुम्बजों वाले स्तम्भश्रेणियों तथा सपाट छतें इस भवन की उल्लेखनीय विशेषताएं हैं। हरबर्ट बेकर के साथ-साथ एडविन लुटियन, जिन्होंने [[नई दिल्ली]] के लिए सरकारी भवनों को अभिकल्पित किया है, ने "जाली" और "छज्जा" जैसे विशिष्ट भारतीय वास्तुशिल्प का इस्तेमाल किया है। जाली, जो कि एक जटिल कटावदार सजावटी पत्थरों का आवरण है, भारतीय जलवायु की विषम परिस्थतियों के लिए अनुकूल है। छज्जा जो कि पत्थरों की एक पतली परत का विस्तार है, दीवारों और खिड़कियों को गर्मी में चमकीली धूप और मानसून की भारी [[वर्षा]] से रक्षा करती है। वास्तुकारों द्वारा अपनाई गई एक तीसरी विशेषता "छतरी" अथवा छतरी के आकार का गुम्बज है जो कि सपाट, क्षैतिज रूपरेखा की नीरसता को तोड़ता है। ये सारी विशेषताएं साउथ ब्लॉक में देखी जा सकती है।  
==जवाहरलाल नेहरू भवन==
==जवाहरलाल नेहरू भवन==
{{main|जवाहरलाल नेहरू भवन}}
{{main|जवाहरलाल नेहरू भवन}}

13:32, 18 मार्च 2015 के समय का अवतरण

विदेश मंत्रालय
भारत का कुलचिह्न
भारत का कुलचिह्न
विवरण भारत का विदेश मंत्रालय मुख्यतः साउथ ब्लॉक में अवस्थित है जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय भी है।
न्याय सीमा भारत सरकार
मुख्यालय रायसीना हिल, नई दिल्ली
वर्तमान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
संबंधित लेख वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
अद्यतन‎

विदेश मंत्रालय (अंग्रेज़ी: Ministry of External Affairs) मुख्यतः साउथ ब्लॉक में अवस्थित है जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय और रक्षा मंत्रालय भी है। विदेश मंत्रालय के कुछ कार्यालय अकबर भवन, शास्त्री भवन, पटियाला हाउस तथा आई एस आई एल भवन में भी स्थित है। रायसीना पहाड़ी पर राजपथ की एक ओर साउथ ब्लॉक एवं दूसरी ओर नार्थ ब्लॉक 1931 में निर्मित किए गए थे। 20वीं सदी के प्रारंभ में ब्रिटेन के एक सुविख्यात वास्तुकार हरबर्ट बेकर द्वारा अभिकल्पित सचिवालय की दोनों भव्य इमारतें सेंट्रल विस्टा के दोनों ओर राष्ट्रपति भवन के पार्श्व में स्थित हैं। साउथ ब्लॉक मेहराबदार सीढियों और ऊँची छत वाले गलियारों की भूलभूलैया है। विशाल गुम्बजों वाले स्तम्भश्रेणियों तथा सपाट छतें इस भवन की उल्लेखनीय विशेषताएं हैं। हरबर्ट बेकर के साथ-साथ एडविन लुटियन, जिन्होंने नई दिल्ली के लिए सरकारी भवनों को अभिकल्पित किया है, ने "जाली" और "छज्जा" जैसे विशिष्ट भारतीय वास्तुशिल्प का इस्तेमाल किया है। जाली, जो कि एक जटिल कटावदार सजावटी पत्थरों का आवरण है, भारतीय जलवायु की विषम परिस्थतियों के लिए अनुकूल है। छज्जा जो कि पत्थरों की एक पतली परत का विस्तार है, दीवारों और खिड़कियों को गर्मी में चमकीली धूप और मानसून की भारी वर्षा से रक्षा करती है। वास्तुकारों द्वारा अपनाई गई एक तीसरी विशेषता "छतरी" अथवा छतरी के आकार का गुम्बज है जो कि सपाट, क्षैतिज रूपरेखा की नीरसता को तोड़ता है। ये सारी विशेषताएं साउथ ब्लॉक में देखी जा सकती है।

जवाहरलाल नेहरू भवन

गौरवपूर्ण लाल बलुआ पत्थर तथा धौलपुर पत्थर के कारीगरी से निर्मित, जवाहरलाल नेहरू भवन, विदेश मंत्रालय का नया आवास है, जिसका निर्मित क्षेत्र 60,000 वर्ग मीटर है और नई दिल्ली के जनपथ तथा मौलाना आज़ाद चौराहे पर, दक्षिण खण्ड से मात्र कुछ ही दूरी पर, शीघ्र ही निर्मित हो रहा है।

जवाहरलाल नेहरू भवन

इसमें हरित विशेषतापूर्ण मेजबान का समायोजन होगा, यह भारत में प्रथम सरकारी भवन होगा, जिसमें 100% डिजिटल प्रावधान होगा और 10 जीबी डाटा हस्तानांतरण की सुविधा के लिए, तैयार ढाँचागत संरचना उपलब्ध होगी। एक्स पी मण्डल भी इसी भवन में होगा और संचार माध्यमों को विज्ञप्ति सार उपलब्ध कराने के लिए, आधुनिकतम् सुविधायें प्रदान करेगा।

भारतीय विदेश सेवा

भारतीय विदेश सेवा की बुनियाद, ब्रिटिश शासन के दौरान उस समय रखी गई जब ‘विदेशी यूरोपीय शक्‍तियों’ के साथ कार्य संचालन के लिए विदेश विभाग का सृजन किया गया था। वस्‍तुत: 13 सितंबर, 1783 को ईस्‍ट इंडिया कंपनी के निदेशक मंडल ने फोर्ट विलियम, कलकत्‍ता (अब कोलकाता) में एक ऐसे विभाग के सृजन हेतु संकल्‍प पारित किया जो वारेन हेस्टिंग्स प्रशासन पर अपने ‘गुप्‍त और राजनैतिक कार्य संचालन’ पर पड़ रहे दबाव को ‘कम करने में सहायक’ हो।

साउथ ब्लॉक

तदुपरांत ‘भारतीय विदेश विभाग’ नामक इस विभाग ने ब्रिटिश हितों की रक्षा हेतु, जहां आवश्‍यक ‘हुआ’ राजनयिक प्रतिनिधित्‍व का विस्‍तार किया। 1843 में गवर्नर जनरल एलनबारो ने प्रशासनिक सुधार किया जिसके तहत सरकार के सचिवालय को चार विभागों विदेश, गृह, वित्‍त और सैन्‍य में व्‍यवस्‍थित किया गया। प्रत्‍येक विभाग का अध्‍यक्ष, सचिव स्‍तर का अधिकारी था। विदेश विभाग के सचिव को ‘सरकार के विदेशी और आंतरिक राजनयिक संबंधों के बारे में हर प्रकार का पत्राचार करने’ का कार्य सौंपा गया था।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख