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*दत्तक पुत्र दामोदर राव को गोद लेने के बाद [[21 नवम्बर]], 1853 को राजा गंगाधर राव की मृत्यु हो गयी। | *दत्तक पुत्र दामोदर राव को गोद लेने के बाद [[21 नवम्बर]], 1853 को राजा गंगाधर राव की मृत्यु हो गयी। | ||
*[[अंग्रेज़]] [[गवर्नर-जनरल]] [[लॉर्ड डलहौज़ी]] की राज्य हड़प नीति के अन्तर्गत ब्रिटिश राज ने बालक दामोदर राव को [[झाँसी]] का उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया तथा झाँसी राज्य को ब्रिटिश राज्य में मिलाने का निश्चय कर लिया। | *[[अंग्रेज़]] [[गवर्नर-जनरल]] [[लॉर्ड डलहौज़ी]] की राज्य हड़प नीति के अन्तर्गत ब्रिटिश राज ने बालक दामोदर राव को [[झाँसी]] का उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया तथा झाँसी राज्य को ब्रिटिश राज्य में मिलाने का निश्चय कर लिया। | ||
*अंग्रेज़ों ने झाँसी को अपने अधिकार में लेने के लिए झाँसी पर आक्रमण कर दिया। | *अंग्रेज़ों ने झाँसी को अपने अधिकार में लेने के लिए झाँसी पर आक्रमण कर दिया। रानी लक्ष्मीबाई राज्य की रक्षा करते हुए और वीरतापूर्वक शत्रुओं का सामना करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गईं। | ||
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08:37, 6 मई 2015 के समय का अवतरण
गंगाधर राव निम्बालकर झाँसी के महाराज थे। सन 1842 ई. में उनका विवाह मनुबाई के साथ हुआ था, जो बाद में भारतीय इतिहास की वीरांगनाओं में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के नाम से प्रसिद्ध हुई थीं।
- सन 1838 ई. में गंगाधर राव झाँसी के राजा घोषित किये गए थे।
- गंगाधर राव ने सन 1842 में काशी की कन्या मनुबाई से विवाह किया। विवाह के बाद मनुबाई का नाम रानी लक्ष्मीबाई रखा गया।
- सन 1851 में गंगाधर राव एक पुत्र के पिता बने, किन्तु चार महीने की आयु में ही पुत्र की मृत्यु हो गयी।
- पुत्र की मृत्यु से गंगाधर राव शोकाकुल रहने लगे। 1853 में उनका स्वास्थ्य बहुत अधिक बिगड़ जाने पर उन्हें अंग्रेज़ों की राज्य हड़प नीति से बचने के लिए दत्तक पुत्र लेने की सलाह दी गयी।
- दत्तक पुत्र दामोदर राव को गोद लेने के बाद 21 नवम्बर, 1853 को राजा गंगाधर राव की मृत्यु हो गयी।
- अंग्रेज़ गवर्नर-जनरल लॉर्ड डलहौज़ी की राज्य हड़प नीति के अन्तर्गत ब्रिटिश राज ने बालक दामोदर राव को झाँसी का उत्तराधिकारी मानने से इनकार कर दिया तथा झाँसी राज्य को ब्रिटिश राज्य में मिलाने का निश्चय कर लिया।
- अंग्रेज़ों ने झाँसी को अपने अधिकार में लेने के लिए झाँसी पर आक्रमण कर दिया। रानी लक्ष्मीबाई राज्य की रक्षा करते हुए और वीरतापूर्वक शत्रुओं का सामना करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गईं।
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