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'''बदरिकाश्रम''' [[उत्तराखण्ड|उत्तराखण्ड राज्य]] के [[गढ़वाल]] के अन्तर्गत एक प्रसिद्ध [[हिन्दू]] [[तीर्थ स्थल]] है, जहाँ किसी समय नर-नारायण ऋषियों ने तपस्या की थी।
'''बदरिकाश्रम''' [[उत्तराखण्ड|उत्तराखण्ड राज्य]] के [[गढ़वाल]] के अन्तर्गत एक प्रसिद्ध [[हिन्दू]] [[तीर्थ स्थल]] है, जहाँ किसी समय नर-नारायण ऋषियों ने तपस्या की थी।


*जब [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] ने द्वारकापुरी का निर्माण किया था, तब उनके सखा [[उद्धव]] उनके साथ द्वारका आये थे। श्रीकृष्ण उन्हें सदैव अपने साथ रखते थे तथा राज्यकार्य में उनसे सहयोग लिया करते थे। स्वधाम पधारने के पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने उद्धव को तत्त्वज्ञान का उपदेश दिया और उन्हें 'बदरिकाश्रम' जाकर रहने की आज्ञा दी।
*जब [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] ने द्वारकापुरी का निर्माण किया था, तब उनके सखा [[उद्धव]] उनके साथ [[द्वारका]] आये थे। श्रीकृष्ण उन्हें सदैव अपने साथ रखते थे तथा राज्यकार्य में उनसे सहयोग लिया करते थे। स्वधाम पधारने के पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने उद्धव को तत्त्वज्ञान का उपदेश दिया और उन्हें 'बदरिकाश्रम' जाकर रहने की आज्ञा दी।
*श्रीकृष्ण के स्वधाम पधारने पर उद्धव पहले [[मथुरा]] आये और फिर भगवान के कहे अनुसार अपने एक स्वरूप से 'बदरिकाश्रम' चले गये और दूसरे सूक्ष्म रूप से [[गोवर्धन]] के पास लता-गुल्मों में छिपकर निवास करने लगे।
*श्रीकृष्ण के स्वधाम पधारने पर उद्धव पहले [[मथुरा]] आये और फिर भगवान के कहे अनुसार अपने एक स्वरूप से 'बदरिकाश्रम' चले गये और दूसरे सूक्ष्म रूप से [[गोवर्धन]] के पास लता-गुल्मों में छिपकर निवास करने लगे।
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13:14, 27 जून 2015 के समय का अवतरण

बदरिकाश्रम उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल के अन्तर्गत एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल है, जहाँ किसी समय नर-नारायण ऋषियों ने तपस्या की थी।

  • जब श्रीकृष्ण ने द्वारकापुरी का निर्माण किया था, तब उनके सखा उद्धव उनके साथ द्वारका आये थे। श्रीकृष्ण उन्हें सदैव अपने साथ रखते थे तथा राज्यकार्य में उनसे सहयोग लिया करते थे। स्वधाम पधारने के पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने उद्धव को तत्त्वज्ञान का उपदेश दिया और उन्हें 'बदरिकाश्रम' जाकर रहने की आज्ञा दी।
  • श्रीकृष्ण के स्वधाम पधारने पर उद्धव पहले मथुरा आये और फिर भगवान के कहे अनुसार अपने एक स्वरूप से 'बदरिकाश्रम' चले गये और दूसरे सूक्ष्म रूप से गोवर्धन के पास लता-गुल्मों में छिपकर निवास करने लगे।


इन्हें भी देखें: उत्तराखंड के पर्यटन स्थल, कृष्ण, उद्धव एवं गोपी


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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