"नतिमापी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''नतिमापी''' (अंग्रेज़ी:Inclinometer या clinometer)...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
पंक्ति 19: पंक्ति 19:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{वैज्ञानिक उपकरण}}
{{वैज्ञानिक उपकरण}}
[[Category:हिंदी विश्वकोश]]
[[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
[[Category:भौतिक विज्ञान]]
[[Category:भौतिक विज्ञान]]
[[Category:विज्ञान_कोश]][[Category:वैज्ञानिक उपकरण]]
[[Category:विज्ञान_कोश]][[Category:वैज्ञानिक उपकरण]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

11:02, 1 अगस्त 2015 का अवतरण

नतिमापी (अंग्रेज़ी:Inclinometer या clinometer) एक उपकरण है जिसकी सहायता से गुरुत्व के सापेक्ष किसी वस्तु का झुकाव (नति) मापा जाता है। इसे 'टिल्ट मीटर', 'टिल्ट इंडिकेटर', 'स्लोप गेज', 'प्रवणता मापी' आदि भी कहते हैं। नतिमापी के द्वारा धनात्मक तथा ऋणात्मक दोनों नतियाँ मापी जा सकती हैं।[1]

परिचय

पूर्णत: मुक्त रूप से लटका हुआ चुंबक, क्षितिज से जो कोण बनाता है उसे प्रेक्षणस्थल की 'नति' या 'चुंबकीय डिप' कहते हैं। दूसरे शब्दों में, चुंबकीय सदिश (magnetic vector) और क्षैतिज समतल के बीच के कोण को 'डिप' या 'नति' कहते हैं। डिप या नति का निर्धारण करने के लिए जिस उपकरण का प्रयोग किया जाता है उसे नतिमापी कहते हैं। नतिमापी एक पतली, कीलित, यंत्रसंतुलित, और क्षैतिज धारुकों (bearings) पर चढ़ी हुई सरल सुई हैं। जब उपकरण के घूर्णन का समतल चुंबकीय याम्योत्तर में हो, तब सुई उस स्थान की परिणामी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में स्थिर हो जाती है और एक ऊर्ध्वाधर वृत्ताकार मापनी का डिप का कोण या नति का संकेत करती है। खान सर्वेक्षण में चुंबकीय पदार्थों की पहचान के लिए इस सरल उपकरण का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है।[1]

यंत्र का प्रयोग

इस यंत्र से पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की क्षितिज से नति तथा कुल बल नापा जा सकता है। चुंबकीय पदार्थों की पहचान के लिए इस सरल उपकरण का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है।

यंत्र की संरचना

प्रयोगशालाओं में काम आनेवाले क्यू (Kew) पैटर्न के डिपवृत्तों में पतले इस्पात का एक चुंबक होता है, जिसके साथ गोमेद (agate) क्षुरधारों (knief edges) पर टिके हुए एक सूक्ष्म इस्पात की धुरी की व्यवस्था होती है। यह दो उपयुक्त टेकों पर टिका रहता है जिन्हें चूड़ीदार सिरे की सहायता से उठाया या गिराया जा सकता है।

नति या डिप की गणना

उपकरण का प्रयोग करने के पहले आवश्यक संमजनों के द्वारा धुरी को वृत्ताकार मापनी के केंद्र पर लाना चाहिए। उपकरण के कलेवर को ऊर्ध्वाधर अक्ष के चारों ओर घुमाया जा सकता है और आधार पर स्थित क्षैतिज वृत्ताकार मापनी पर उसका दिगंश (azimuth) पढ़ा जा सकता है। सर्वप्रथम डिपवृत्त को समतल करते हैं और फिर उसे इतना घुमाते हैं कि सुई पूर्णत: ऊर्ध्वाधर (ऊर्ध्वाधर अक्ष पर पठन 90° - 90° ) हो जाए। यह समतल स्पष्ट ही चुंबकीय याम्योत्तर पर लंबवत्‌ होता है। अब इस उपकरण के आधार पर स्थित क्षैतिज मापनी के संकेतानुसार 90° घूर्णित करते हैं। इस प्रकार सुई का घूर्णनतल चुंबकीय याम्योत्तर में लाया जाता है। इस अवस्था में ऊर्ध्वाधर मापनी पर सुई का पठन (सुई और क्षितिज के बीच का कोण) उस स्थान की वास्तविक नति या डिप है। एक सेट (set) प्रेक्षण की अवधि में यांत्रिक असंतुलन के अवशिष्ट प्रभाव को कम करने के लिए चुंबकीय सुई के चुंबकन की दिशा को कृत्रिम रीति से अनेक बार प्रतिवर्तित (reversed) करते हैं, और ऊर्ध्वाधर वृत्त पर स्थापित वर्नियर पैमाने से युक्त सूक्ष्मदर्शियों द्वारा सुई के दोनों सिरों को पढ़ते हैं।[1]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध
  1. 1.0 1.1 1.2 नतिमापी (हिंदी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 01 अगस्त, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख