"तरुवर फल नहिं खात है -रहीम": अवतरणों में अंतर

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तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान।
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कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान॥
कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान॥
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10:19, 3 फ़रवरी 2016 के समय का अवतरण

तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान।
कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान॥

अर्थ

वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते हैं और सरोवर (तालाब) भी अपना पानी स्वयं नहीं पीती है। इसी तरह अच्छे और सज्जन व्यक्ति वो हैं जो दूसरों के कार्य के लिए संपत्ति को संचित करते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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