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==पशु पक्षी जगत==
==पशु पक्षी जगत==
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वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है। भविष्य में वन्य प्राणियों की समाप्ति की आशंका के कारण भारत में सर्वप्रथम 7 जुलाई, 1955 को वन्य प्राणी दिवस मनाया गया । यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष दो अक्तूबर से पूरे सप्ताह तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा। वर्ष 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। भारत के संरक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मज़बूत संस्थागत ढांचे की रचना की गयी है । जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, बोटेनिकल सर्वे आफ इण्डिया जैसी प्रमुख संस्थाओं तथा भारतीय वन्य जीवन संस्थान, भारतीय वन्य अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी तथा सलीम अली स्कूल ऑफ आरिन्थोलॉजी जैसे संस्थान वन्य जीवन संबंधी शिक्षा और अनुसंधान कार्य में लगे हैं।  
वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है। भविष्य में वन्य प्राणियों की समाप्ति की आशंका के कारण भारत में सर्वप्रथम 7 जुलाई, 1955 को वन्य प्राणी दिवस मनाया गया । यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष दो अक्तूबर से पूरे सप्ताह तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा। वर्ष 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। भारत के संरक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मज़बूत संस्थागत ढांचे की रचना की गयी है । जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, बोटेनिकल सर्वे आफ इण्डिया जैसी प्रमुख संस्थाओं तथा भारतीय वन्य जीवन संस्थान, भारतीय वन्य अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी तथा सलीम अली स्कूल ऑफ आरिन्थोलॉजी जैसे संस्थान वन्य जीवन संबंधी शिक्षा और अनुसंधान कार्य में लगे हैं।  
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प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जंगल स्वर्ग है परन्तु अब यहाँ के कुछ जीव जैसे चीते, शेर, हाथी, बंगाल के शेर और साइबेरियन सारस अब ख़तरे में है। भारत की लम्बाई और चौडाई में फैला यह जंगल क्षेत्र, रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान से हज़ारी बाघ जंगली जीव अभ्यारण्य, बिहार से, हिमालय के जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, अन्डमान के छह राष्ट्रीय उद्यानों तक एक शानदार जंगल की सैर कर सकते है। [[हाथी]], चीते, जंगली भैंसा, याक, हिरन, जंगली गधे एक सींग वाला गेंड़ा, साही, हिम चीते आदि जन्तु हिमालय में दिखने को मिलते है।
प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जंगल स्वर्ग है परन्तु अब यहाँ के कुछ जीव जैसे चीते, शेर, हाथी, बंगाल के शेर और साइबेरियन सारस अब ख़तरे में है। भारत की लम्बाई और चौडाई में फैला यह जंगल क्षेत्र, रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान से हज़ारी बाघ जंगली जीव अभ्यारण्य, बिहार से, हिमालय के जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, अन्डमान के छह राष्ट्रीय उद्यानों तक एक शानदार जंगल की सैर कर सकते है। [[हाथी]], चीते, जंगली भैंसा, याक, हिरन, जंगली गधे एक सींग वाला गेंड़ा, साही, हिम चीते आदि जन्तु हिमालय में दिखने को मिलते है।
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भारत में, विश्व के अस्सी, प्रतिशत एक सींग वाले गेंड़ों का निवास है। काज़ीरंगा खेल अभ्यारण्य गेंड़ों के लिए उपयुक्त निवास है और प्राकृतिक संस्थाओं के लिए और जंगली सैर करने वाले के लिए भी अच्छी जगह है। भारत के सोन चिड़िया और ब्लैक बक, करेश अभ्यारण्य में होते है। माधव राष्ट्रीय उद्यान में, जो शिवपुरी राष्ट्रीय उद्यान कहलाता था, जीवों का एक निवास है। कोर्बोट राष्ट्रीय उद्यान सबसे प्रसिद्ध है्। उत्तर भारत में जंगली जानवरों के पर्यटकों  के लिए अच्छी जगह है। ऐसे अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान, भारत में काफ़ी संख्या में हैं। भारत में शेरों (बाघ) की संख्या बहुत थी। भारत का राष्ट्रीय पशु, शेर, तेजी और ताक़त का चिन्ह है। भारत में बारह बाघ निवास है। शाही बंगाल के बाघ, सबसे शानदार जाति के पशुओं में से है। विश्व के साठ प्रतिशत शेरों की संख्या भारत में रही है।  मध्य प्रदेश, शेरों के निवास  की सबसे प्रसिद्ध जगह है। यहाँ बंगाल के शेर, चीतल, चीते, गौर, साम्भर और कई जीव देखने को मिलते है। भारत में जंगली जीवों के साथ-साथ, पक्षियों की भी संख्या अच्छी है। कई सौ जातियों के पक्षी भारत में मिलते है। घना राष्ट्रीय उद्यान या भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य (राजस्थान) में घरेलू पक्षी और जमीन पर जीने वाले पक्षी भी हैं। दुधवा जंगली जीव अभ्यारण में  बंदर, गिद्ध और चील पक्षी भी है। अंडमान के निकोबर में भी कबूतर पाये जाते हैं।
भारत में, विश्व के अस्सी, प्रतिशत एक सींग वाले गेंड़ों का निवास है। काज़ीरंगा खेल अभ्यारण्य गेंड़ों के लिए उपयुक्त निवास है और प्राकृतिक संस्थाओं के लिए और जंगली सैर करने वाले के लिए भी अच्छी जगह है। भारत के सोन चिड़िया और ब्लैक बक, करेश अभ्यारण्य में होते है। माधव राष्ट्रीय उद्यान में, जो शिवपुरी राष्ट्रीय उद्यान कहलाता था, जीवों का एक निवास है। कोर्बोट राष्ट्रीय उद्यान सबसे प्रसिद्ध है्। उत्तर भारत में जंगली जानवरों के पर्यटकों  के लिए अच्छी जगह है। ऐसे अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान, भारत में काफ़ी संख्या में हैं। भारत में शेरों (बाघ) की संख्या बहुत थी। भारत का राष्ट्रीय पशु, शेर, तेजी और ताक़त का चिन्ह है। भारत में बारह बाघ निवास है। शाही बंगाल के बाघ, सबसे शानदार जाति के पशुओं में से है। विश्व के साठ प्रतिशत शेरों की संख्या भारत में रही है।  मध्य प्रदेश, शेरों के निवास  की सबसे प्रसिद्ध जगह है। यहाँ बंगाल के शेर, चीतल, चीते, गौर, साम्भर और कई जीव देखने को मिलते है।
भारत में जंगली जीवों के साथ-साथ, पक्षियों की भी संख्या अच्छी है। कई सौ जातियों के पक्षी भारत में मिलते है। घना राष्ट्रीय उद्यान या भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य (राजस्थान) में घरेलू पक्षी और जमीन पर जीने वाले पक्षी भी हैं। दुधवा जंगली जीव अभ्यारण में  बंदर, गिद्ध और चील पक्षी भी है। अंडमान के निकोबर में भी कबूतर पाये जाते हैं।
====<u>भारत का वन्य जीवन</u>====
====<u>भारत का वन्य जीवन</u>====
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13:16, 22 अगस्त 2010 का अवतरण

पशु पक्षी जगत

प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान एव अभयारण्य
क्रम राष्ट्रीय उद्यान एव अभयारण्य प्रदेश प्राप्य वन जीव
1 बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान, शहडोल मध्य प्रदेश बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर
2 बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, मैसूर कर्नाटक हाथी, चीता, तेंदुआ, चीतल, सांभर, हिरण
3 वन्नरघट्टा राष्ट्रीय उद्यान, बैंगलूर कर्नाटक हाथी, चीतल, भालू, हिरण, पक्षी
4 बोरीविली राष्ट्रीय उद्यान, मुम्बई महाराष्ट्र तेंदुआ, सांभर, जंगली सूअर, हिरण, लंगूर
5 कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान, नैनीताल उत्तराखंड हाथी, चीता, बघेरा, नीलगाय, भालू, चीतल, सांभर, हिरण, जंगली सूअर आदि
6 दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, लखीमपुर-खीरी उत्तर प्रदेश चीता, तेंदुआ, नीलगाय, चीतल, सांभर, हिरण, आदि
7 इरविकुलम राजमल्ले राष्ट्रीय उद्यान, इदुक्की केरल हाथी, गौर, चीता, सांभर, नीलगाय, तेंदुआ, लंगूर, जंगली सूअर आदि
8 गिर राष्ट्रीय उद्यान गुजरात एशियाई शेर, तेंदुआ, चीतल, सांभर, चौसिंगा, जंगली सूअर, चिंकारा आदि
9 कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान, मंडला एवं बालाघाट मध्य प्रदेश बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांभर, नीलगाय, जंगली सूअर, गौर, बारहसिंगा आदि
10 काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, जोरहाट असम एक सींग वाला गैंडा, गौर, चीता, जंगली सूअर, जंगली भैंसा, बघेरा, आदि
11 खंगचंदाजेंदा राष्ट्रीय उद्यान, गंगटोक सिक्किम बघेरा, लाल पांडा, जंगली गधा, पहाड़ी भालू, हिरण, भेड़ आदि
12 नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान, कुर्ग कर्नाटक हाथी, चीता, तेंदुआ, चीतल, सांभर, भालू, तीतर, चकोर आदि
13 नवेगाँव राष्ट्रीय उद्यान, भंडारे महाराष्ट्र चीता, तेंदुआ, भालू, जंगली भैंसा, चीतल, सांभर, आदि
14 रोहला राष्ट्रीय उद्यान, कुल्लू हिमाचल प्रदेश पहाड़ी तेंदुआ, भूरा भालू, कस्तूरी हिरण, पहाड़ी मुर्गे, पहाड़ी कबूतर आदि
15 शिवपुरी(माधव) राष्ट्रीय उद्यान, मध्य प्रदेश चीता,चीतल, तेंदुआ, बघेरा, लकड़बग्घा, भालू, सांभर, चौसिंगा, नीलगाय,आदि
16 ताड़ोबा राष्ट्रीय उद्यान, चन्द्रपुर महाराष्ट्र चीता, तेंदुआ, भालू, गौर, सांभर, नीलगाय, चीतल, चिंकारा आदि
17 दाचीगम राष्ट्रीय उद्यान, श्रीनगर जम्मू और कश्मीर तेंदुआ, काला भालू, लाल भालू, हिरण, हंगुल आदि
18 डम्पा टाइगर रिजर्व, आईजोल मिज़ोरम हाथी, चीता
19 गरम पानी अभयारण्य, दिफ असम हाथी, जंगली भैंसा, बघेरा, लंगूर,
20 केवलादेव घाना पक्षी विहार, भरतपुर राजस्थान चीतल, सांभर, काला हिरण, जंगली सूअर, साइबेरियन सारस, मुर्ग़ाबी, हरियल आदि
21 गौतम बुद्ध अभयारण्य, गया बिहार चीता, तेंदुआ, बघेरा, सांभर, हिरण, चीतल, आदि
22 इन्टांकी अभयारण्य, कोहिमा नागालैंड हाथी, गौर, जंगली सूअर, चीता, तेंदुआ, हिरण, पक्षी एवं सांप आदि
23 कावला अभयारण्य, आदिलाबाद आंध्र प्रदेश चीता, तेंदुआ, चीतल, सांभर, जंगली सूअर, गौर, भालू आदि
24 मालापट्टी पक्षी विहार, नैल्लोर आंध्र प्रदेश फाख़्ता, मुर्ग़ाबी, हरियल, बत्तख़, जलकाक आदि
25 मानस अभयारण्य, बारपेट असम हाथी, चीता, एक सींग का गैंडा, बघेरा, गौर, जंगली सूअर, भालू, सांभर आदि
26 मुदुमलाई अभयारण्य, नीलगिरी तमिलनाडु हाथी, चीता, तेंदुआ, चीतल, सांभर, गौर, हिरण, जंगली कुत्ते आदि
27 नामडाफा अभयारण्य, तिरप अरुणाचल प्रदेश चीता, तेंदुआ, बघेरा, हाथी, गौर, जंगली भैंसा, हिरण, सांप आदि
28 पलामू अभयारण्य, डालटेनगंज झारखण्ड हाथी, तेंदुआ, बघेरा, जंगली सूअर, चीतल, सांभर, हिरण, गौर, आदि
29 रणथम्भौर टाइगर प्रोजेक्ट, सवाई माधोपुर राजस्थान बाघ, चीता, तेंदुआ, शेर, लकड़बग्घा, सांभर आदि
30 सरिस्का अभयारण्य, अलवर राजस्थान चीता, तेंदुआ, लकड़बग्घा, चीतल, सांभर, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंगा, जंगली बिल्ली आदि
31 सिमिलीपाल अभयारण्य, मयूरगंज उड़ीसा हाथी, चीता, तेंदुआ, बघेरा, गौर, चीतल आदि
32 सुन्दरवन टाइगर रिजर्व, चौबीस परगना पश्चिम बंगाल चीता, हिरण, जंगली सूअर, मगर आदि
बाघ और गज अभयारण्य
अभयारण्य राज्य
बाघ अभयारण्य
बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान कर्नाटक
कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश
कान्हा-किसली राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश
मनास राष्ट्रीय उद्यान असम
मेलघाट राष्ट्रीय उद्यान महाराष्ट्र
पलामू (बेतला) राष्ट्रीय उद्यान बिहार
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान
सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान उड़ीसा
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान पश्चिम बंगाल
पेरियार राष्ट्रीय उद्यान केरल
सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान
बक्सा वन्य जीव अभयारण्य पश्चिम बंगाल
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़
नागार्जुन सागर श्रीसैलम राष्ट्रीय उद्यान आंध्र प्रदेश
नामडाफा राष्ट्रीय उद्यान अरुणाचल प्रदेश
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश
कलकड-मुंडनथुरई वन्य जीव अभयारण्य तमिलनाडु
वाल्मीकि वन्य जीव अभयारण्य बिहार
पेंच राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश
गज अभयारण्य
राजाजी/कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान उत्तरांचल
अन्नमलाई/पराम्बिकुलम अभयारण्य तमिलनाडु/केरल
नीलाम्बुर तमिलनाडु/केरल
नीलगिरि एवं पूर्वी घाट तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश
बैरल-सैफंग असम/मेघालय
बालफाकराम राष्ट्रीय उद्यान मेघालय
दीरू-देवमाली अरुणाचल प्रदेश/असम
काजीरंगा-कर्बी असम/नागालैंड
कामेंग-सोणितपुर अरुणाचल प्रदेश/असम
दक्षिण-पश्चिम बंगाल-उत्तरी बिहार-उड़ीसा
संकटग्रस्त जीव-जन्तु
क्रम सामान्य नाम वैज्ञानिक नाम देश का क्षेत्र जहाँ वे पाए जाते हैं
स्तनपायी
1 सिंहपुच्छी बंदर मकाका साइलेनस पश्चिमी घाटी में सदाबहार वन
2 सुनहरा लंगूर प्रेसबाइटिस गोई असम, भूटान के साथ हिमालय की तराई
3 दृढ़लोभी खरगोश केप्रोलेगस हिसपिडस हिमालय की तराई, असम
4 भारतीय डालफिन प्लेटेनिस्टा इंडी गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियाँ
5 मालाबार बड़ा धारीदार मुश्क बिलाव विवेरा मेंगास्पिला केरल का तटवर्ती क्षेत्र
6 एशियाई शेर पैंथरा लियो गिर राष्ट्रीय उद्यान
7 तेंदुआ पैंथरा पार्डस सम्पूर्ण भारत में
8 बाघ पैंथरा टाइग्रिस सम्पूर्ण भारत में
9 हिम तेंदुआ पैंथरा अंसिया लद्दाख से सिक्किम तक उच्च हिमालय में
10 भारतीय हाथी एलिफास मेक्सिमस उत्तर प्रदेश से मेघालय तक हिमालय की तराई/बिहार,
झारखण्ड, उड़ीसा और दक्षिण के चार राज्य
11 भारतीय जंगली गधा इक्कस हैमियोनस कच्छ का रण
12 पिगमी सुअर सस सल्वानियस मानस बाघ रिज़र्व तथा उसके आसपास का क्षेत्र
13 दलदली हिरण सरक्स डयूबासेली उत्तर प्रदेश से असम तथा उत्तरी और पूर्वी भारत के तराई
और दोआब क्षेत्र और कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से मध्य प्रदेश में बस्तर तक
14 हंगुल सरक्स एलेफ्स कश्मीर घाटी का उत्तरी भाग
15 मणिपुरी ब्रो एंटलर्ड हिरण सरक्स एल्डी काइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान, मणिपुर
16 जंगली एशियाई जल भैंसा बुवालस बुबालिस असम, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पूर्वी महाराष्ट्र पश्चिमी उड़ीसा के तराई क्षेत्र
पक्षी
1 सफ़ेद पंखों वाला जंगली बत्तख कैरिना स्कुटूलाटा असम के पूर्वी ज़िले और अरुणाचल प्रदेश का कुछ भाग
2 चीर फीजेन्ट केट्रेयस बलिची कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, गढ़वाल और कुमाऊं
3 वेस्टन ट्रेगोपान ट्रेगोपान मेलानोसेफलेस कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, गढ़वाल और कुमाऊं
4 भारतीय सोहन चिड़िया अर्डे-ओटिस नाईग्रिसेप्स राजस्थान के मरु क्षेत्र
5 जोर्डन कर्सर कर्सेरियस विटोक्वेटस आंध्र प्रदेश
सरीसृप
1 एस्च्यूरियन घड़ियाल क्रोकोडायलस पोरोरासस भारत का पूर्वी समुद्र तट और अंडमान व निकोबार द्वीप समूह
2 घड़ियाल गेबिथोलिस गंजेटिक्स गंगा, महानदी, ब्रह्मपुत्र दक्षिण-पश्चिम बंगाल
3 रिवर टेरापिन बटागुर बास्का
राष्ट्रीय पशु बाघ

वन्य जीवन प्रकृति की अमूल्य देन है। भविष्य में वन्य प्राणियों की समाप्ति की आशंका के कारण भारत में सर्वप्रथम 7 जुलाई, 1955 को वन्य प्राणी दिवस मनाया गया । यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष दो अक्तूबर से पूरे सप्ताह तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा। वर्ष 1956 से वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जा रहा है। भारत के संरक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक मज़बूत संस्थागत ढांचे की रचना की गयी है । जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया, बोटेनिकल सर्वे आफ इण्डिया जैसी प्रमुख संस्थाओं तथा भारतीय वन्य जीवन संस्थान, भारतीय वन्य अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी तथा सलीम अली स्कूल ऑफ आरिन्थोलॉजी जैसे संस्थान वन्य जीवन संबंधी शिक्षा और अनुसंधान कार्य में लगे हैं। भारत कई प्रकार के जंगलों जीवों का, अनेक पेड़ पौधों और पशु-पक्षियों का घर है। शानदार हाथी, मोर का नाच, ऊँट की सैर, शेरों की दहाड़ सभी एक अनोखे अनुभव है। यहाँ के पशु पक्षियों को अपने प्राकृतिक निवासस्थान में देखना आनन्दायक है। भारत में जंगली जीवों को देखने पर्यटक आते हैं। यहाँ जंगली जीवों की बहुत बड़ी संख्या है। भारत में 70 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान और 400 जंगली जीवों के अभ्यारण्य है और पक्षी अभ्यारण्य भी हैं।

गौरेया

प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जंगल स्वर्ग है परन्तु अब यहाँ के कुछ जीव जैसे चीते, शेर, हाथी, बंगाल के शेर और साइबेरियन सारस अब ख़तरे में है। भारत की लम्बाई और चौडाई में फैला यह जंगल क्षेत्र, रणथम्भोर राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान से हज़ारी बाघ जंगली जीव अभ्यारण्य, बिहार से, हिमालय के जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, अन्डमान के छह राष्ट्रीय उद्यानों तक एक शानदार जंगल की सैर कर सकते है। हाथी, चीते, जंगली भैंसा, याक, हिरन, जंगली गधे एक सींग वाला गेंड़ा, साही, हिम चीते आदि जन्तु हिमालय में दिखने को मिलते है।

हाथी

भारत में, विश्व के अस्सी, प्रतिशत एक सींग वाले गेंड़ों का निवास है। काज़ीरंगा खेल अभ्यारण्य गेंड़ों के लिए उपयुक्त निवास है और प्राकृतिक संस्थाओं के लिए और जंगली सैर करने वाले के लिए भी अच्छी जगह है। भारत के सोन चिड़िया और ब्लैक बक, करेश अभ्यारण्य में होते है। माधव राष्ट्रीय उद्यान में, जो शिवपुरी राष्ट्रीय उद्यान कहलाता था, जीवों का एक निवास है। कोर्बोट राष्ट्रीय उद्यान सबसे प्रसिद्ध है्। उत्तर भारत में जंगली जानवरों के पर्यटकों के लिए अच्छी जगह है। ऐसे अभ्यारण्य और राष्ट्रीय उद्यान, भारत में काफ़ी संख्या में हैं। भारत में शेरों (बाघ) की संख्या बहुत थी। भारत का राष्ट्रीय पशु, शेर, तेजी और ताक़त का चिन्ह है। भारत में बारह बाघ निवास है। शाही बंगाल के बाघ, सबसे शानदार जाति के पशुओं में से है। विश्व के साठ प्रतिशत शेरों की संख्या भारत में रही है। मध्य प्रदेश, शेरों के निवास की सबसे प्रसिद्ध जगह है। यहाँ बंगाल के शेर, चीतल, चीते, गौर, साम्भर और कई जीव देखने को मिलते है। भारत में जंगली जीवों के साथ-साथ, पक्षियों की भी संख्या अच्छी है। कई सौ जातियों के पक्षी भारत में मिलते है। घना राष्ट्रीय उद्यान या भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य (राजस्थान) में घरेलू पक्षी और जमीन पर जीने वाले पक्षी भी हैं। दुधवा जंगली जीव अभ्यारण में बंदर, गिद्ध और चील पक्षी भी है। अंडमान के निकोबर में भी कबूतर पाये जाते हैं।

भारत का वन्य जीवन

मोर
  • संसार में पौधों की 2,50,000 ज्ञात प्रजातियों में से 15,000 प्रजातियां भारत में मिलती हैं।
  • इस प्रकार संसार में जीव-जन्तुओं की कुल 15 लाख प्रजातियों में से 75,000 प्रजातियां भारत में पाई जाती हैं।
  • भारत में पक्षियों की 1,200 प्रजातियां और 900 उप-प्रजातियां पाई जाती हैं।
  • भारत के सुविख्यात पक्षियों में बहुरंगी राष्ट्रीय पक्षी मोर उल्लेखनीय है।
  • पांच फुट की ऊंचाई वाला भव्य सारस तथा संसार का दूसरा सबसे भारी पक्षी हुकना (सोहनचिड़िया) महत्त्वपूर्ण पक्षी हैं।
  • संसार में प्रसिद्ध केवलादेव (भरतपुर) के राष्ट्रीय उद्यान में ढाई लाख पक्षियों का घर है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ