"प्रयोग:रिंकू": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रिंकू बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
रिंकू बघेल (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 451: | पंक्ति 451: | ||
-आवेश संरक्षण पर | -आवेश संरक्षण पर | ||
{[[मानव शरीर]] का [[ | {[[मानव शरीर]] का [[तापमान]] 98.6°F होता है, सेल्सियम स्केल पर यह कितना होगा? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-415,प्रश्न-38 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-32°C | -32°C | ||
पंक्ति 595: | पंक्ति 595: | ||
-साइफन क्रिया | -साइफन क्रिया | ||
{[[दिल्ली]] में [[जल]] का [[क्वथनांक]] 100°C है तो मसूरी में जल का [[तापमान]] क्या होगा? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-415,प्रश्न-40 | {[[दिल्ली]] में [[जल]] का [[क्वथनांक]] 100°C है तो [[मसूरी]] में जल का [[तापमान]] क्या होगा? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-415,प्रश्न-40 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -100°C | ||
+ | +100°C से कम | ||
- | -100°C से अधिक | ||
-उपरोक्त में से कोई नहीं | -उपरोक्त में से कोई नहीं | ||
{स्त्रियों की आवाज पुरुषों की अपेक्षा पतली (Shrill) होती है, क्योंकि स्त्रियों की आवाज- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-422,प्रश्न-35 | {स्त्रियों की आवाज पुरुषों की अपेक्षा पतली (Shrill) होती है, क्योंकि स्त्रियों की आवाज- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-422,प्रश्न-35 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+की | +की [[आवृति]] अधिक होती है | ||
-की तरंगदैर्ध्य अधिक होती है | -की [[तरंगदैर्ध्य]] अधिक होती है | ||
-का आयाम अधिक होता है | -का आयाम अधिक होता है | ||
-का वेग अधिक होता है | -का [[वेग]] अधिक होता है | ||
{मृगतृष्णा (Mirage) उदाहरण है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-37 | {मृगतृष्णा (Mirage) उदाहरण है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-37 | ||
पंक्ति 616: | पंक्ति 616: | ||
-विवर्तन का | -विवर्तन का | ||
{[[आकाश]] का रंग नीला प्रतीत होता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-50 | {[[आकाश]] का [[रंग]] [[नीला रंग|नीला]] प्रतीत होता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-50 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[सूर्य]] के प्रकाश में अन्य रंगों की अपेक्षा नीला रंग अधिक है | -[[सूर्य]] के [[प्रकाश]] में अन्य [[रंग|रंगों]] की अपेक्षा [[नीला रंग]] अधिक है | ||
+छोटी तरंगदैर्ध्य वाला प्रकाश बड़ी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश की अपेक्षा वायुमंडल के द्वारा अधिक प्रकीर्णित होता है | +छोटी [[तरंगदैर्ध्य]] वाला [[प्रकाश]] बड़ी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश की अपेक्षा [[वायुमंडल]] के द्वारा अधिक प्रकीर्णित होता है | ||
-नेत्र नीले रंग के लिये अधिक संवेदनशील होते हैं | -[[नेत्र]] [[नीले रंग]] के लिये अधिक संवेदनशील होते हैं | ||
-वायुमण्डल लम्बी तरंगों को छोटी तरंगों की अपेक्षा अधिक अवशोषित करता है | -[[वायुमण्डल]] लम्बी [[तरंग|तरंगों]] को छोटी तरंगों की अपेक्षा अधिक [[अवशोषण|अवशोषित]] करता है | ||
{प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में परिवर्तित करने वाली युक्ति को कहते हैं- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-433,प्रश्न-78 | {प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में परिवर्तित करने वाली युक्ति को कहते हैं- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-433,प्रश्न-78 | ||
पंक्ति 627: | पंक्ति 627: | ||
-इनवर्टर | -इनवर्टर | ||
+रेक्टीफायर | +रेक्टीफायर | ||
-ट्रांसफार्मर | -[[ट्रांसफार्मर]] | ||
-ट्रांसमीटर | -ट्रांसमीटर | ||
पंक्ति 637: | पंक्ति 637: | ||
+अंतरिक्ष यात्रा, चुम्बकीय प्रोत्थापन एवं दूरमिति में | +अंतरिक्ष यात्रा, चुम्बकीय प्रोत्थापन एवं दूरमिति में | ||
{अपद्रव्यों को मिलाने से गलनांक पर क्या प्रभाव पड़ता है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-418,प्रश्न-112 | {अपद्रव्यों को मिलाने से [[गलनांक]] पर क्या प्रभाव पड़ता है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-418,प्रश्न-112 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-बढ़ता है | -बढ़ता है | ||
पंक्ति 644: | पंक्ति 644: | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{प्रिज्म (Prism) में प्रकाश के विभिन्न रंगों का विभाजन कहलाता है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-427,प्रश्न-86 | {प्रिज्म (Prism) में [[प्रकाश]] के विभिन्न [[रंग|रंगों]] का विभाजन कहलाता है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-427,प्रश्न-86 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-प्रकाश का परावर्तन | -[[प्रकाश]] का परावर्तन | ||
-प्रकाश का अपवर्तन | -प्रकाश का अपवर्तन | ||
-प्रकाश का विवर्तन | -प्रकाश का विवर्तन | ||
+प्रकाश का वर्ण विक्षेपण | +[[प्रकाश]] का [[वर्ण विक्षेपण]] | ||
पंक्ति 667: | पंक्ति 667: | ||
+उपरोक्त सभी | +उपरोक्त सभी | ||
{किस ताप पर फारेनहाइट तापमापी का पाठ्यांक सेल्सियस तापमापी के पाठ्यांक का दूना होता है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-415,प्रश्न-44 | {किस [[ताप]] पर फारेनहाइट तापमापी का पाठ्यांक सेल्सियस तापमापी के पाठ्यांक का दूना होता है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-415,प्रश्न-44 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -40°C | ||
- | -60°C | ||
+ | +160°C | ||
- | -90°C | ||
{यदि सितार और बांसुरी पर एक ही स्वर बजाया जाये तो उनसे उत्पन्न ध्वनि का भेद निम्नलिखित में अंतर के कारण किया जा सकता है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-422,प्रश्न-36 | {यदि [[सितार]] और [[बांसुरी]] पर एक ही स्वर बजाया जाये तो उनसे उत्पन्न [[ध्वनि]] का भेद निम्नलिखित में अंतर के कारण किया जा सकता है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-422,प्रश्न-36 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-तारत्व, प्रबलता और गुणता | -तारत्व, प्रबलता और गुणता | ||
पंक्ति 681: | पंक्ति 681: | ||
+केवल ध्वनि गुणता | +केवल ध्वनि गुणता | ||
{पेट अथवा शरीर के अन्य आंतरिक अंगों के अन्वेषण के लिए प्रयुक्त तकनीक एण्डोस्कोपी (Endoscopy) आधारित है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-38 | {पेट अथवा [[मानव शरीर|शरीर]] के अन्य आंतरिक [[अंग|अंगों]] के अन्वेषण के लिए प्रयुक्त तकनीक एण्डोस्कोपी (Endoscopy) आधारित है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-38 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+पूर्ण आंतरिक परावर्तन परिघटना पर | +पूर्ण आंतरिक परावर्तन परिघटना पर | ||
पंक्ति 688: | पंक्ति 688: | ||
-ध्रुवण परिघटना पर | -ध्रुवण परिघटना पर | ||
{वायुमण्डल में प्रकाश के विसरण का कारण है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-51 | {[[वायुमण्डल]] में [[प्रकाश]] के [[विसरण]] का कारण है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-51 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-कार्बन डाइऑक्साइड | -कार्बन डाइऑक्साइड | ||
+धूलकण | +धूलकण | ||
-हीलियम | -[[हीलियम]] | ||
-जलवाष्प | -जलवाष्प | ||
{एक बिजली के बल्ब की अपेक्षा एक फ्लोरेसेंट ट्यूब को अधिमान (Preferred) दिया जाता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-434,प्रश्न-84 | {एक बिजली के बल्ब की अपेक्षा एक फ्लोरेसेंट ट्यूब को अधिमान (Preferred) दिया जाता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-434,प्रश्न-84 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-इसमें प्रकाश प्रसारित/ विकीर्ण करने हेतु अधिक बाह्य सतह होती है | -इसमें [[प्रकाश]] प्रसारित/ विकीर्ण करने हेतु अधिक बाह्य सतह होती है | ||
- | -वोल्टेज के उतार-चढ़ाव का प्रभाव इस पर नहीं पड़ता | ||
-ट्यूब में | -ट्यूब में [[विद्युत|विद्युत ऊर्जा]] लगभग पूर्ण रूप से [[प्रकाश]] में परिवर्तित हो जाती है | ||
+उपरोक्त में से कोई नहीं | +उपरोक्त में से कोई नहीं | ||
{किसी ठोस पदार्थ के बिना द्रव में बदले सीधे वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने को कहते हैं- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-418,प्रश्न-103 | {किसी [[ठोस पदार्थ]] के बिना [[द्रव]] में बदले सीधे वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने को कहते हैं- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-418,प्रश्न-103 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-क्वथन | -[[क्वथन]] | ||
-आसवन | -[[आसवन विधि|आसवन]] | ||
+उर्ध्वपातन | +[[उर्ध्वपातन]] | ||
-बहुलीकरण | -बहुलीकरण | ||
{ | {ख़तरे के संकेतों के लिये [[लाल रंग|लाल]] [[प्रकाश]] का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-426,प्रश्न-54 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+इसका प्रकीर्णन सबसे कम होता है | +इसका प्रकीर्णन सबसे कम होता है | ||
-यह आंखों के लिये आरामदायक होता है | -यह आंखों के लिये आरामदायक होता है | ||
-इसका सबसे कम रासायनिक प्रभाव होता है | -इसका सबसे कम रासायनिक प्रभाव होता है | ||
-हवा द्वारा इसका अवशोषण सबसे कम होता है | -[[वायु|हवा]] द्वारा इसका [[अवशोषण]] सबसे कम होता है | ||
{प्रिज्म से गुजरने पर [[सूर्य]] के प्रकाश की किरणें विभिन्न रंगों में में विभक्त हो जाती हैं, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-427,प्रश्न-87 | {प्रिज्म से गुजरने पर [[सूर्य]] के [[प्रकाश]] की किरणें विभिन्न [[रंग|रंगों]] में में विभक्त हो जाती हैं, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-427,प्रश्न-87 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-प्रकाश करणें विद्युत चम्बकीय तरंगें | -प्रकाश करणें विद्युत चम्बकीय तरंगें हैं | ||
-प्रिज्म की दो सतहों पर किरणों का विचलन होता है | -प्रिज्म की दो सतहों पर किरणों का विचलन होता है | ||
-प्रिज्म की दो सतहों पर किरणों का अपवर्तन होता है | -प्रिज्म की दो सतहों पर किरणों का अपवर्तन होता है | ||
+विभिन्न रंगों की किरणों का विचलन भिन्न-भिन्न होता है | +विभिन्न [[रंग|रंगों]] की किरणों का विचलन भिन्न-भिन्न होता है | ||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
12:51, 29 जुलाई 2016 का अवतरण
|