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'''मन मन्दिर महल''' [[ग्वालियर]], [[मध्य प्रदेश]] में स्थित है। यह महल [[तोमर|तोमर वंश]] के राजा [[मानसिंह]] ने 15वीं [[शताब्दी]] के अन्त में बनवाया था। महल के दो खुले प्रांगण हैं, जो एक कमरे से घिरे हुए हैं। ये कमरे कटे हुए पत्थरों, स्तम्भों और ब्रेकेट से निर्मित हैं। इस महल को चित्र मंदिर और चित्रकारी के महल के नाम से भी जाना जाता है। मन मन्दिर महल में [[मोर]] व अन्य पक्षियों की चित्रकारी से सजावट की गई है।
'''मन मन्दिर महल''' [[ग्वालियर]], [[मध्य प्रदेश]] में स्थित है। यह महल [[तोमर|तोमर वंश]] के राजा [[मानसिंह]] ने 15वीं [[शताब्दी]] के अन्त में बनवाया था। महल के दो खुले प्रांगण हैं, जो एक कमरे से घिरे हुए हैं। ये कमरे कटे हुए पत्थरों, स्तम्भों और ब्रेकेट से निर्मित हैं। इस महल को चित्र मंदिर और चित्रकारी के महल के नाम से भी जाना जाता है। मन मन्दिर महल में [[मोर]] व अन्य पक्षियों की चित्रकारी से सजावट की गई है।


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#सुन्दर पत्थरों की चित्रपटी का यह विशाल हिस्सा कभी [[संगीत]] का हॉल था, जिसके पीछे राजकीय महिलाएँ संगीत के विशेषज्ञों से संगीत की शिक्षा प्राप्त करती थीं।
#सुन्दर पत्थरों की चित्रपटी का यह विशाल हिस्सा कभी [[संगीत]] का हॉल था, जिसके पीछे राजकीय महिलाएँ संगीत के विशेषज्ञों से संगीत की शिक्षा प्राप्त करती थीं।
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10:46, 30 जुलाई 2016 का अवतरण

मन मन्दिर महल

मन मन्दिर महल ग्वालियर, मध्य प्रदेश में स्थित है। यह महल तोमर वंश के राजा मानसिंह ने 15वीं शताब्दी के अन्त में बनवाया था। महल के दो खुले प्रांगण हैं, जो एक कमरे से घिरे हुए हैं। ये कमरे कटे हुए पत्थरों, स्तम्भों और ब्रेकेट से निर्मित हैं। इस महल को चित्र मंदिर और चित्रकारी के महल के नाम से भी जाना जाता है। मन मन्दिर महल में मोर व अन्य पक्षियों की चित्रकारी से सजावट की गई है।

  1. नीली मिट्टी की पच्चीकारी और नक़्क़ाशी का बेहतरीन प्रयोग इस महल में हुआ है।
  2. सुन्दर पत्थरों की चित्रपटी का यह विशाल हिस्सा कभी संगीत का हॉल था, जिसके पीछे राजकीय महिलाएँ संगीत के विशेषज्ञों से संगीत की शिक्षा प्राप्त करती थीं।
  3. मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने जनवरी, 1659 ई. में अपने भाई मुराद बख़्श को यहीं क़ैद करके रखा था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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