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{[[आकाश]] का [[रंग]] [[नीला रंग|नीला]] प्रतीत होता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-50 | {[[आकाश]] का [[रंग]] [[नीला रंग|नीला]] प्रतीत होता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-50 | ||
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-[[सूर्य]] के [[प्रकाश]] में अन्य [[रंग|रंगों]] की अपेक्षा [[नीला रंग]] अधिक | -[[सूर्य]] के [[प्रकाश]] में अन्य [[रंग|रंगों]] की अपेक्षा [[नीला रंग]] अधिक है। | ||
+छोटी [[तरंगदैर्ध्य]] वाला [[प्रकाश]] बड़ी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश की अपेक्षा [[वायुमंडल]] के द्वारा अधिक प्रकीर्णित होता | +छोटी [[तरंगदैर्ध्य]] वाला [[प्रकाश]] बड़ी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश की अपेक्षा [[वायुमंडल]] के द्वारा अधिक प्रकीर्णित होता है। | ||
-[[नेत्र]] [[नीले रंग]] के लिये अधिक संवेदनशील होते | -[[नेत्र]] [[नीला रंग|नीले रंग]] के लिये अधिक संवेदनशील होते हैं। | ||
-[[वायुमण्डल]] लम्बी [[तरंग|तरंगों]] को छोटी तरंगों की अपेक्षा अधिक [[अवशोषण|अवशोषित]] करता | -[[वायुमण्डल]] लम्बी [[तरंग|तरंगों]] को छोटी तरंगों की अपेक्षा अधिक [[अवशोषण|अवशोषित]] करता है। | ||
{प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में परिवर्तित करने वाली युक्ति को कहते हैं- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-433,प्रश्न-78 | {प्रत्यावर्ती धारा को दिष्ट धारा में परिवर्तित करने वाली युक्ति को कहते हैं- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-433,प्रश्न-78 |
12:18, 31 जुलाई 2016 का अवतरण
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