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{उगते एवं डूबते समय [[सूर्य]] [[लाल रंग|लाल]] प्रतीत होता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-53 | {उगते एवं डूबते समय [[सूर्य]] [[लाल रंग|लाल]] प्रतीत होता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-53 | ||
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-[[लाल रंग]] का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता | -[[लाल रंग]] का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है | ||
+[[लाल रंग]] का प्रकीर्णन सबसे कम होता | +[[लाल रंग]] का प्रकीर्णन सबसे कम होता है | ||
-[[लाल रंग]] का प्रकीर्णन नहीं होता | -[[लाल रंग]] का प्रकीर्णन नहीं होता है | ||
-उगते व डूबते समय [[सूर्य]] का [[ताप]] अधिक होता | -उगते व डूबते समय [[सूर्य]] का [[ताप]] अधिक होता है | ||
{"किसी वस्तु के ठण्डे होने की दर वस्तु तथा उसके चारों ओर के माध्यम के तापांतर के अनुक्रमानुपाती होती है।" यह नियम किसका है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-417,प्रश्न-88 | {"किसी वस्तु के ठण्डे होने की दर वस्तु तथा उसके चारों ओर के माध्यम के तापांतर के अनुक्रमानुपाती होती है।" यह नियम किसका है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-417,प्रश्न-88 | ||
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{[[अंडा]] मृदु जल में डूब जाता है, किंतु [[नमक]] के सान्द्र घोल में तैरता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-192 | {[[अंडा]] मृदु जल में डूब जाता है, किंतु [[नमक]] के सान्द्र घोल में तैरता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-192 | ||
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-[[अंडा]] घोल से [[नमक]] का अवशोषण करता है और फैल जाता | -[[अंडा]] घोल से [[नमक]] का अवशोषण करता है और फैल जाता है | ||
-एल्बुमिन नमक के घोल में घुल जाता है और बड़ा अंडा हल्का हो जाता | -एल्बुमिन नमक के घोल में घुल जाता है और बड़ा अंडा हल्का हो जाता है | ||
+[[नमक]] के घोल का [[घनत्व]] अंडे के घनत्व से अधिक हो जाता | +[[नमक]] के घोल का [[घनत्व]] अंडे के घनत्व से अधिक हो जाता है | ||
-[[जल]] का पृष्ठ तनाव अधिक होता | -[[जल]] का पृष्ठ तनाव अधिक होता है | ||
{निम्नलिखित में से किसकी इकाई न्यूटन-मीटर नहीं है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-203 | {निम्नलिखित में से किसकी इकाई न्यूटन-मीटर नहीं है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-203 | ||
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{[[शरद ऋतु|शीत काल]] में जब [[झील]] की ऊपरी सतह का [[पानी]] बर्फ में बदल जाता है, फिर भी जलीय जंतु जीवित रहते हैं, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-416,प्रश्न-57 | {[[शरद ऋतु|शीत काल]] में जब [[झील]] की ऊपरी सतह का [[पानी]] बर्फ में बदल जाता है, फिर भी जलीय जंतु जीवित रहते हैं, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-416,प्रश्न-57 | ||
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-वे बर्फ में सांस ले सकते | -वे बर्फ में सांस ले सकते हैं | ||
-उनके अंदर काफ़ी मात्रा में [[ऑक्सीजन]] संचित रहती | -उनके अंदर काफ़ी मात्रा में [[ऑक्सीजन]] संचित रहती है | ||
-उनके शरीर की बनावट इस प्रकार की है कि वे [[ऑक्सीजन]] के बिना भी रह सकते | -उनके शरीर की बनावट इस प्रकार की है कि वे [[ऑक्सीजन]] के बिना भी रह सकते हैं | ||
+[[पानी]] का [[घनत्व]] 4°C पर सबसे अधिक होता है, जिससे बर्फ के ऊपरी सतह के नीचे पानी रहता | +[[पानी]] का [[घनत्व]] 4°C पर सबसे अधिक होता है, जिससे बर्फ के ऊपरी सतह के नीचे पानी रहता है | ||
{ध्वनि तीव्रता की डेसीबल में वह अधिकतम सीमा क्या है, जिसके ऊपर व्यक्ति सुन नहीं सकता?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-422,प्रश्न-38 | {ध्वनि तीव्रता की डेसीबल में वह अधिकतम सीमा क्या है, जिसके ऊपर व्यक्ति सुन नहीं सकता?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-422,प्रश्न-38 | ||
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{एक धावक लम्बी छलांग लगाने से पहले कुछ दूरी तक दौड़ता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-204 | {एक धावक लम्बी छलांग लगाने से पहले कुछ दूरी तक दौड़ता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-204 | ||
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-दौड़ने से छलांग लगाना आसान हो जाता | -दौड़ने से छलांग लगाना आसान हो जाता है | ||
-इससे उसका [[मानव शरीर|शरीर]] गर्म हो जाता | -इससे उसका [[मानव शरीर|शरीर]] गर्म हो जाता है | ||
+छलांग लगाते समय उसके शरीर की गति जड़ता उसको ज़्यादा दूरी तय करने में मदद करती | +छलांग लगाते समय उसके शरीर की गति जड़ता उसको ज़्यादा दूरी तय करने में मदद करती है | ||
-छलांग लगाते समय वह फिसलता नहीं | -छलांग लगाते समय वह फिसलता नहीं है | ||
{केल्विन मान से [[मानव शरीर]] का सामान्य [[ताप]] है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-415,प्रश्न-33 | {केल्विन मान से [[मानव शरीर]] का सामान्य [[ताप]] है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-415,प्रश्न-33 | ||
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{भिन्न-भिन्न [[द्रव्यमान]] के दो पत्थरों को ऊँचाई से एक साथ गिराये जाने पर क्या होगा?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-205 | {भिन्न-भिन्न [[द्रव्यमान]] के दो पत्थरों को ऊँचाई से एक साथ गिराये जाने पर क्या होगा?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-205 | ||
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-छोटा पत्थर जमीन पर पहले | -छोटा पत्थर जमीन पर पहले पहुँचेगा | ||
-बड़ा पत्थर जमीन पर पहले | -बड़ा पत्थर जमीन पर पहले पहुँचेगा | ||
+दोनों पत्थर जमीन पर एक साथ | +दोनों पत्थर जमीन पर एक साथ पहुँचेंगे | ||
-पत्थर की रचना पर निर्भर करता | -पत्थर की रचना पर निर्भर करता है | ||
{कितना [[तापमान]] होने पर पाठ्यांक सेल्सियम और फ़ारेनहाइट तापमापियों में एक ही होंगे? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-415,प्रश्न-34 | {कितना [[तापमान]] होने पर पाठ्यांक सेल्सियम और फ़ारेनहाइट तापमापियों में एक ही होंगे? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-415,प्रश्न-34 | ||
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{[[चन्द्रमा]] के धरातल पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते। इसका क्या कारण है?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-422,प्रश्न-41 | {[[चन्द्रमा]] के धरातल पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते। इसका क्या कारण है?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-422,प्रश्न-41 | ||
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-चन्द्रमा पर उनके कान काम करना बंद कर देते | -चन्द्रमा पर उनके कान काम करना बंद कर देते हैं | ||
+[[चन्द्रमा]] पर [[वायुमण्डल]] नहीं | +[[चन्द्रमा]] पर [[वायुमण्डल]] नहीं है | ||
-चन्द्रमा पर [[ध्वनि]] बहुत ही मन्द [[गति]] से चलती | -चन्द्रमा पर [[ध्वनि]] बहुत ही मन्द [[गति]] से चलती है | ||
-[[चन्द्रमा]] पर वे विशेष प्रकार के अंतरिक्ष सूट पहने रहते | -[[चन्द्रमा]] पर वे विशेष प्रकार के अंतरिक्ष सूट पहने रहते हैं | ||
{[[इन्द्रधनुष]] कितने [[रंग]] दिखाता है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-43 | {[[इन्द्रधनुष]] कितने [[रंग]] दिखाता है? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-43 | ||
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{[[पानी]] के ऊपर तेल फैल जाता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-196 | {[[पानी]] के ऊपर तेल फैल जाता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-196 | ||
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-पानी की अपेक्षा तेल सघन | -पानी की अपेक्षा तेल सघन है | ||
-[[पानी]] की अपेक्षा तेल विरल | -[[पानी]] की अपेक्षा तेल विरल है | ||
-तेल का पृष्ठ तनाव पानी से अधिक | -तेल का पृष्ठ तनाव पानी से अधिक है | ||
+तेल का पृष्ठ तनाव [[पानी]] से कम | +तेल का पृष्ठ तनाव [[पानी]] से कम है | ||
{कोणीय संवेग एवं रेखीय संवेग के अनुपात की [[विमाएं|विमा]] क्या होगी? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-207 | {कोणीय संवेग एवं रेखीय संवेग के अनुपात की [[विमाएं|विमा]] क्या होगी? (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-207 | ||
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{[[दूध]] से [[माखन|मक्खन]] निकाल लेने पर- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-197 | {[[दूध]] से [[माखन|मक्खन]] निकाल लेने पर- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-197 | ||
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+[[दूध]] का [[घनत्व]] बढ़ता | +[[दूध]] का [[घनत्व]] बढ़ता है | ||
-दूध का घनत्व घटता | -दूध का घनत्व घटता है | ||
-[[दूध]] का [[घनत्व]] अपरिवर्तित रहता | -[[दूध]] का [[घनत्व]] अपरिवर्तित रहता है | ||
-इसमें से कोई नहीं | -इसमें से कोई नहीं | ||
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{दिन के समय [[पृथ्वी]] [[समुद्र]] के [[जल]] की अपेक्षा बहुत जल्दी गर्म हो जाती है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-417,प्रश्न-98 | {दिन के समय [[पृथ्वी]] [[समुद्र]] के [[जल]] की अपेक्षा बहुत जल्दी गर्म हो जाती है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-417,प्रश्न-98 | ||
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-[[पृथ्वी]] का [[घनत्व]] [[जल]] की अपेक्षा अधिक होता | -[[पृथ्वी]] का [[घनत्व]] [[जल]] की अपेक्षा अधिक होता है | ||
-[[समुद्र]] में रहने वाले जलीय जंतुओं के | -[[समुद्र]] में रहने वाले जलीय जंतुओं के कारण | ||
+[[जल]] की विशिष्ट ऊष्मा धारिता काफ़ी अधिक होती | +[[जल]] की विशिष्ट ऊष्मा धारिता काफ़ी अधिक होती है | ||
-जल [[हाइड्रोजन ]] एवं [[ऑक्सीजन]] से बना होता | -जल [[हाइड्रोजन ]] एवं [[ऑक्सीजन]] से बना होता है | ||
{[[ठोस]] से [[द्रव]] में [[पदार्थ]] के अवस्था परिवर्तन को क्या कहते हैं?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-418,प्रश्न-110 | {[[ठोस]] से [[द्रव]] में [[पदार्थ]] के अवस्था परिवर्तन को क्या कहते हैं?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-418,प्रश्न-110 | ||
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{[[चन्द्रमा]] पर [[वायुमंडल]] नहीं है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-200 | {[[चन्द्रमा]] पर [[वायुमंडल]] नहीं है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-200 | ||
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-यह [[पृथ्वी]] के पास | -यह [[पृथ्वी]] के पास है | ||
-यह [[सूर्य]] कि परिक्रमा करता | -यह [[सूर्य]] कि परिक्रमा करता है | ||
-वह सूर्य से [[प्रकाश]] पाता | -वह सूर्य से [[प्रकाश]] पाता है | ||
+यहाँ [[परमाणु|परमाणुओं]] का पलायन वेग उनके वर्ग माध्य मूल वेग से कम | +यहाँ [[परमाणु|परमाणुओं]] का पलायन वेग उनके वर्ग माध्य मूल वेग से कम है | ||
{ब्लाटिंग पेपर द्वारा [[स्याही (लेखन सामग्री)|स्याही]] के सोखने में शामिल है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-210 | {ब्लाटिंग पेपर द्वारा [[स्याही (लेखन सामग्री)|स्याही]] के सोखने में शामिल है- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-413,प्रश्न-210 | ||
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{स्त्रियों की आवाज़ पुरुषों की अपेक्षा पतली होती है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-422,प्रश्न-35 | {स्त्रियों की आवाज़ पुरुषों की अपेक्षा पतली होती है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-422,प्रश्न-35 | ||
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+स्त्रियों की आवाज़ की [[आवृति]] अधिक होती | +स्त्रियों की आवाज़ की [[आवृति]] अधिक होती है | ||
-स्त्रियों की आवाज़ की [[तरंगदैर्ध्य]] अधिक होती | -स्त्रियों की आवाज़ की [[तरंगदैर्ध्य]] अधिक होती है | ||
-स्त्रियों की आवाज़ का आयाम अधिक होता | -स्त्रियों की आवाज़ का आयाम अधिक होता है | ||
-स्त्रियों की आवाज़ का [[वेग]] अधिक होता | -स्त्रियों की आवाज़ का [[वेग]] अधिक होता है | ||
{निम्न में से 'मृगतृष्णा' (Mirage) किसका उदाहरण है?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-37 | {निम्न में से 'मृगतृष्णा' (Mirage) किसका उदाहरण है?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-37 | ||
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{[[आकाश]] का [[रंग]] [[नीला रंग|नीला]] प्रतीत होता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-50 | {[[आकाश]] का [[रंग]] [[नीला रंग|नीला]] प्रतीत होता है, क्योंकि- (लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-425,प्रश्न-50 | ||
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-[[सूर्य]] के [[प्रकाश]] में अन्य [[रंग|रंगों]] की अपेक्षा [[नीला रंग]] अधिक | -[[सूर्य]] के [[प्रकाश]] में अन्य [[रंग|रंगों]] की अपेक्षा [[नीला रंग]] अधिक है | ||
+छोटी [[तरंगदैर्ध्य]] वाला [[प्रकाश]] बड़ी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश की अपेक्षा [[वायुमंडल]] के द्वारा अधिक प्रकीर्णित होता | +छोटी [[तरंगदैर्ध्य]] वाला [[प्रकाश]] बड़ी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश की अपेक्षा [[वायुमंडल]] के द्वारा अधिक प्रकीर्णित होता है | ||
-[[नेत्र]] [[नीला रंग|नीले रंग]] के लिये अधिक संवेदनशील होते | -[[नेत्र]] [[नीला रंग|नीले रंग]] के लिये अधिक संवेदनशील होते हैं | ||
-[[वायुमण्डल]] लम्बी [[तरंग|तरंगों]] को छोटी तरंगों की अपेक्षा अधिक [[अवशोषण|अवशोषित]] करता | -[[वायुमण्डल]] लम्बी [[तरंग|तरंगों]] को छोटी तरंगों की अपेक्षा अधिक [[अवशोषण|अवशोषित]] करता है | ||
{प्रत्यावर्ती धारा को दिष्टधारा में परिवर्तित करने वाली युक्ति को क्या कहते हैं?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-433,प्रश्न-78 | {प्रत्यावर्ती धारा को दिष्टधारा में परिवर्तित करने वाली युक्ति को क्या कहते हैं?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-433,प्रश्न-78 | ||
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{एक [[विद्युत|बिजली]] के बल्ब की अपेक्षा एक फ़्लोरेसेंट ट्यूब को अधिमान (Preferred) क्यों दिया जाता है?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-434,प्रश्न-84 | {एक [[विद्युत|बिजली]] के बल्ब की अपेक्षा एक फ़्लोरेसेंट ट्यूब को अधिमान (Preferred) क्यों दिया जाता है?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-434,प्रश्न-84 | ||
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-इसमें [[प्रकाश]] प्रसारित/विकीर्ण करने हेतु अधिक बाह्य सतह होती | -इसमें [[प्रकाश]] प्रसारित/विकीर्ण करने हेतु अधिक बाह्य सतह होती है | ||
-वोल्टेज के उतार-चढ़ाव का प्रभाव इस पर नहीं | -वोल्टेज के उतार-चढ़ाव का प्रभाव इस पर नहीं पड़ता | ||
-ट्यूब में [[विद्युत|विद्युत ऊर्जा]] लगभग पूर्ण रूप से [[प्रकाश]] में परिवर्तित हो जाती | -ट्यूब में [[विद्युत|विद्युत ऊर्जा]] लगभग पूर्ण रूप से [[प्रकाश]] में परिवर्तित हो जाती है | ||
+उपरोक्त में से कोई | +उपरोक्त में से कोई नहीं | ||
{किसी [[ठोस पदार्थ]] के बिना [[द्रव]] में बदले सीधे वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने को क्या कहते हैं?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-418,प्रश्न-103 | {किसी [[ठोस पदार्थ]] के बिना [[द्रव]] में बदले सीधे वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने को क्या कहते हैं?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-418,प्रश्न-103 | ||
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{ख़तरे के संकेतों के लिये [[लाल रंग|लाल]] [[प्रकाश]] का प्रयोग क्यों किया जाता है?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-426,प्रश्न-54 | {ख़तरे के संकेतों के लिये [[लाल रंग|लाल]] [[प्रकाश]] का प्रयोग क्यों किया जाता है?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-426,प्रश्न-54 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+इसका प्रकीर्णन सबसे कम होता | +इसका प्रकीर्णन सबसे कम होता है | ||
-यह [[आँख|आँखों]] के लिये आरामदायक होता | -यह [[आँख|आँखों]] के लिये आरामदायक होता है | ||
-इसका सबसे कम रासायनिक प्रभाव होता | -इसका सबसे कम रासायनिक प्रभाव होता है | ||
-[[वायु|हवा]] द्वारा इसका [[अवशोषण]] सबसे कम होता | -[[वायु|हवा]] द्वारा इसका [[अवशोषण]] सबसे कम होता है | ||
{प्रिज्म से गुजरने पर [[सूर्य]] के [[प्रकाश]] की किरणें विभिन्न [[रंग|रंगों]] में क्यों विभक्त हो जाती हैं?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-427,प्रश्न-87 | {प्रिज्म से गुजरने पर [[सूर्य]] के [[प्रकाश]] की किरणें विभिन्न [[रंग|रंगों]] में क्यों विभक्त हो जाती हैं?(लुसेंत सामान्य ज्ञान,पृ.सं.-427,प्रश्न-87 | ||
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-[[प्रकाश]] की करणें विद्युत चम्बकीय तरंगें | -[[प्रकाश]] की करणें विद्युत चम्बकीय तरंगें हैं | ||
-प्रिज्म की दो सतहों पर किरणों का विचलन होता | -प्रिज्म की दो सतहों पर किरणों का विचलन होता है | ||
-प्रिज्म की दो सतहों पर किरणों का [[अपवर्तन]] होता | -प्रिज्म की दो सतहों पर किरणों का [[अपवर्तन]] होता है | ||
+विभिन्न [[रंग|रंगों]] की किरणों का विचलन भिन्न-भिन्न होता | +विभिन्न [[रंग|रंगों]] की किरणों का विचलन भिन्न-भिन्न होता है | ||
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09:03, 2 अगस्त 2016 का अवतरण
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