"साँचा:एक व्यक्तित्व": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{| style="background:transparent; width:100%"
{| style="background:transparent; width:100%"
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">एक व्यक्तित्व</font>
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">एक व्यक्तित्व</font>
|-
|-
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
[[चित्र:K-D-Jadhav.png|right|80px|link=खाशाबा जाधव|border]]
[[चित्र:Cd-deshmukh.jpg|right|80px|link=सी. डी. देशमुख|border]]
<poem>
<poem>
         '''[[खाशाबा जाधव]]''' [[भारत]] के प्रसिद्ध [[कुश्ती]] खिलाड़ी थे। वे पहले भारतीय खिलाड़ी थे, जिन्होंने सन 1952 में हेलसिंकी ओलम्पिक में देश के लिए कुश्ती की व्यक्तिगत स्पर्धा में सबसे पहले कांस्य पदक जीता था। वैसे तो 1952 के हेलसिंकी ओलम्पिक में भारतीय हॉकी टीम ने फिर से स्वर्ण पदक हासिल किया था, लेकिन चर्चा सोने से अधिक उस कांस्य पदक की होती है, जिसे पहलवान खाशाबा जाधव ने जीता था। खाशाबा को "पॉकेट डायनमो" के नाम से भी जाना जाता है। मुंबई पुलिस के लिए खाशाबा जाधव ने 25 साल तक सेवाएं दीं, लेकिन उनके सहकर्मी इस बात को कभी नहीं जान सके कि वे ओलम्पिक चैंपियन हैं। पुलिस विभाग में खेल कोटा खाशाबा के ओलम्पिक में पदक जीतने के बाद ही शुरू हुआ। आज भी लोगों की भर्ती खेल कोटा से होती है, लेकिन यह खाशाबा जाधव की ही देन है। [[खाशाबा जाधव|... और पढ़ें]]
         '''[[सी. डी. देशमुख]]''' [[ब्रिटिश शासन]] के अधीन आई.सी.एस. अधिकारी और [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] के तीसरे [[भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर|गवर्नर]] थे। इनका जन्म [[महाराष्ट्र]] के [[रायगढ़ ज़िला|रायगढ़ ज़िले]] में 14 जनवरी, 1896 ई. को हुआ। इनके पिता द्वारकानाथ देशमुख एक सम्मानित वकील और माँ भागीरथी बाई एक धार्मिक महिला थी। देशमुख ने 1912 में [[मुम्बई विश्वविद्यालय|बंबई विश्वविद्यालय]] से मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। साथ ही इन्होंने [[संस्कृत]] की जगन्नाथ शंकर सेट छात्रवृत्ति भी हासिल की। 1917 में इन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से नेचुरल साइंस से, वनस्पति शास्त्र, रसायन शास्त्र तथा भूगर्भ शास्त्र लेकर, ग्रेजुएशन पास किया। अपने विभिन्न योगदानों के लिए इन्हें [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] द्वारा 'डॉक्टर ऑफ़ साइंस' (1957), [[रेमन मैग्सेसे पुरस्कार]] (1959), [[भारत सरकार]] द्वारा [[पद्म विभूषण]] (1975) से सम्मानित किया गया।  [[सी. डी. देशमुख|... और पढ़ें]]
</poem>
</poem>
<center>
<center>
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3"
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3"
|-
|-
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| [[खाशाबा जाधव]]
| [[नज़ीर अकबराबादी]]  
| [[नज़ीर अकबराबादी]]  
| [[पांडुरंग वामन काणे]]  
| [[पांडुरंग वामन काणे]]  
| [[बिस्मिल्लाह ख़ाँ]]
| [[लाला लाजपत राय]]
|}</center>
|}</center>
|}<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>
|}<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>

11:13, 7 सितम्बर 2016 का अवतरण

एक व्यक्तित्व

        सी. डी. देशमुख ब्रिटिश शासन के अधीन आई.सी.एस. अधिकारी और भारतीय रिज़र्व बैंक के तीसरे गवर्नर थे। इनका जन्म महाराष्ट्र के रायगढ़ ज़िले में 14 जनवरी, 1896 ई. को हुआ। इनके पिता द्वारकानाथ देशमुख एक सम्मानित वकील और माँ भागीरथी बाई एक धार्मिक महिला थी। देशमुख ने 1912 में बंबई विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की। साथ ही इन्होंने संस्कृत की जगन्नाथ शंकर सेट छात्रवृत्ति भी हासिल की। 1917 में इन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से नेचुरल साइंस से, वनस्पति शास्त्र, रसायन शास्त्र तथा भूगर्भ शास्त्र लेकर, ग्रेजुएशन पास किया। अपने विभिन्न योगदानों के लिए इन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय द्वारा 'डॉक्टर ऑफ़ साइंस' (1957), रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (1959), भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण (1975) से सम्मानित किया गया। ... और पढ़ें

पिछले लेख खाशाबा जाधव नज़ीर अकबराबादी पांडुरंग वामन काणे