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हल्दिया बंदरगाह [[हुगली नदी]] के ठीक मुहाने पर स्थित है। यहां 15 मीटर तक की डूब वाले एक लाख टन डी. डब्लू. टी के टैंकर व बड़े जहाज़ आ सकते हैं। हल्दिया बंदरगाह  पर [[कोयला]], [[पेट्रोलियम]] पदार्थ एवं कण्टेनर बर्थ तथा खाद एवं अन्य भारी सामान के व्यापार की पूरी सुविधा है। यहां पर [[खनिज तेल]] हेतु दूसरी तेल जेट्टी का निर्माण किया जा रहा है। हल्दिया बंदरगाह पर जहाज़ों को कम्प्यूटर प्रणाली द्वारा खाली करने की सुविधा पर प्राप्त है। अब दूसरी जेट्टी बनने एवं पेट्रोल- रसायन कॉम्प्लेक्स की स्थापना से इसकी क्षमता में विकास हुआ है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत का भूगोल|लेखक=डॉ. चतुर्भुज मामोरिया |अनुवादक=| आलोचक=| प्रकाशक=साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=364|url=|ISBN=}}</ref>  
हल्दिया बंदरगाह [[हुगली नदी]] के ठीक मुहाने पर स्थित है। यहां 15 मीटर तक की डूब वाले एक लाख टन डी. डब्लू. टी के टैंकर व बड़े जहाज़ आ सकते हैं। हल्दिया बंदरगाह  पर [[कोयला]], [[पेट्रोलियम]] पदार्थ एवं कण्टेनर बर्थ तथा खाद एवं अन्य भारी सामान के व्यापार की पूरी सुविधा है। यहां पर [[खनिज तेल]] हेतु दूसरी तेल जेट्टी का निर्माण किया जा रहा है। हल्दिया बंदरगाह पर जहाज़ों को कम्प्यूटर प्रणाली द्वारा खाली करने की सुविधा पर प्राप्त है। अब दूसरी जेट्टी बनने एवं पेट्रोल- रसायन कॉम्प्लेक्स की स्थापना से इसकी क्षमता में विकास हुआ है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=भारत का भूगोल|लेखक=डॉ. चतुर्भुज मामोरिया |अनुवादक=| आलोचक=| प्रकाशक=साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=364|url=|ISBN=}}</ref>  


कोलकाता बंदरगाह न्यूनतम सुविधा बनाये रखने के लिए अब यहां दो नवीन किस्म के ड्रेजर खरीदे गये हैं। अब सभी बड़े जहाज़ अपना माल हल्दिया में उतारते हैं। वहां से छोटे जहाज़ों द्वारा कोलकाता ऐसे माल को ले जाया जाता है। इस प्रकार कोलकाता अब मुख्यत: अंत्रर्देशीय नदी तटीय बंदरगाह बनता जा रहा है।  
कोलकाता बंदरगाह न्यूनतम सुविधा बनाये रखने के लिए अब यहां दो नवीन किस्म के ड्रेजर ख़रीदे गये हैं। अब सभी बड़े जहाज़ अपना माल हल्दिया में उतारते हैं। वहां से छोटे जहाज़ों द्वारा कोलकाता ऐसे माल को ले जाया जाता है। इस प्रकार कोलकाता अब मुख्यत: अंत्रर्देशीय नदी तटीय बंदरगाह बनता जा रहा है।  
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13:21, 15 नवम्बर 2016 का अवतरण

हल्दिया बंदरगाह (अंग्रेज़ी: Haldia Port) विशेष रूप से कोलकाता के सहायक बंदरगाह के रूप में विकसित किया गया प्रधान बंदरगाह है। बड़े-बड़े जहाज़ों के लिए जोकि कोलकाता तक नहीं पहुंच पाते हैं।

सुविधाएं

हल्दिया बंदरगाह हुगली नदी के ठीक मुहाने पर स्थित है। यहां 15 मीटर तक की डूब वाले एक लाख टन डी. डब्लू. टी के टैंकर व बड़े जहाज़ आ सकते हैं। हल्दिया बंदरगाह पर कोयला, पेट्रोलियम पदार्थ एवं कण्टेनर बर्थ तथा खाद एवं अन्य भारी सामान के व्यापार की पूरी सुविधा है। यहां पर खनिज तेल हेतु दूसरी तेल जेट्टी का निर्माण किया जा रहा है। हल्दिया बंदरगाह पर जहाज़ों को कम्प्यूटर प्रणाली द्वारा खाली करने की सुविधा पर प्राप्त है। अब दूसरी जेट्टी बनने एवं पेट्रोल- रसायन कॉम्प्लेक्स की स्थापना से इसकी क्षमता में विकास हुआ है।[1]

कोलकाता बंदरगाह न्यूनतम सुविधा बनाये रखने के लिए अब यहां दो नवीन किस्म के ड्रेजर ख़रीदे गये हैं। अब सभी बड़े जहाज़ अपना माल हल्दिया में उतारते हैं। वहां से छोटे जहाज़ों द्वारा कोलकाता ऐसे माल को ले जाया जाता है। इस प्रकार कोलकाता अब मुख्यत: अंत्रर्देशीय नदी तटीय बंदरगाह बनता जा रहा है।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत का भूगोल |लेखक: डॉ. चतुर्भुज मामोरिया |प्रकाशक: साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा |पृष्ठ संख्या: 364 |

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