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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[चौपाई]] में होती हैं-
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| |type="()"}
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| +प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ
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| -प्रत्येक चरण में 15 मात्राएँ
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| -प्रत्येक चरण में 14 मात्राएँ
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||{{seealso|दोहा|कवित्त|सोरठा|रोला|हरिगीतिका}}
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| {[[हिन्दी भाषा]] के विकास का सही अनुक्रम कौन-सा है?
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| |type="()"}
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| +[[पालि भाषा|पालि]], [[प्राकृत भाषा|प्राकृत]], [[अपभ्रंश भाषा|अपभ्रंश]], [[हिन्दी]]
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| -प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी, पालि
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| -[[अपभ्रंश भाषा|अपभ्रंश]], [[पालि भाषा|पालि]], [[प्राकृत भाषा|प्राकृत]], [[हिन्दी]]
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| -हिन्दी, पालि, अपभ्रंश, प्राकृत
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| ||{{seealso|हिन्दी की उपभाषाएँ एवं बोलियाँ}}
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| {संचार माध्यमों में प्रयोग होता है-
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| |type="()"}
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| +[[हिन्दी]] का शासकीय रूप
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| -हिन्दी का साहित्यिक रूप
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| -[[हिन्दी]] का शुद्ध व्याकरणिक रूप
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||{{seealso|राजभाषा|हिन्दी का मानकीकरण}}
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा सही सुमेलित है?
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| |type="()"}
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| -[[साहित्य लहरी]] - [[पद्माकर]]
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| -[[लोकायतन]] - [[सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला']]
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| -एक कंठ विषपायी - [[नागार्जुन]]
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| +[[वैराग्य संदीपनी]] - [[तुलसीदास]]
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| ||{{seealso|रामचरितमानस|रामाज्ञा प्रश्न|बरवै रामायण}}
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| {[[कन्नड़ भाषा]] में पद्य के स्थान पर गद्य का आरम्भ करने वाले [[संत]] कौन थे?
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| |type="()"}
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| -[[पुंडरीक विट्ठल]]
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| -पंय
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| +[[संत बासवेश्वर|बासवेश्वर]]
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| -[[नरसी मेहता]]
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| ||{{seealso|तेलुगु एवं कन्नड़ लिपि|विनायक कृष्ण गोकाक|शिवराम कारंत}}
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| {ध्वनि-मयी कर के गिरि-कंदरा, कलित-कानन-केलि-निकुंज को।<br /> | | {ध्वनि-मयी कर के गिरि-कंदरा, कलित-कानन-केलि-निकुंज को।<br /> |