"इंदिरा गाँधी पर्यावरण पुरस्कार": अवतरणों में अंतर

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[[भारत]] के [[प्रधानमंत्री]] द्वारा चुने गए 3 नए विशेषज्ञ सदस्योंत के चलते दिनांक [[7 फ़रवरी]], [[2014]] को समिति को पुन: गठित किया गया। समिति का कार्यकाल 2 [[वर्ष]] का होगा।
[[भारत]] के [[प्रधानमंत्री]] द्वारा चुने गए 3 नए विशेषज्ञ सदस्योंत के चलते दिनांक [[7 फ़रवरी]], [[2014]] को समिति को पुन: गठित किया गया। समिति का कार्यकाल 2 [[वर्ष]] का होगा।
==पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ता==
पूर्व में इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वालों की सूची-


 
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! क्र.सं. !! वर्ष !! श्रेणी !! आईजीपीपी पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ता
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|1. || 1987 || संगठन || बम्‍बई प्राकृतिक विज्ञान सोसाईटी, मुम्‍बई, महाराष्‍ट्र
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|2. || 1988 || संगठन || केरल शास्‍त्र साहित्‍य परिषद, [[केरल]]
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|3. || 1989 || संगठन || समाज परिवर्तन समुदाय, धारवाड़, कर्नाटक
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|4. || 1990 || वैयक्तिक || श्री संत कुमार बिश्‍नोई, [[पंजाब]] (अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्‍नोई सभा से संबद्ध)
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|5. || 1991 || वैयक्तिक || श्री एस.पी. गोदरेज (प्रकृति हेतु विश्‍वविख्‍यात फंड के साथ संबद्ध)
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08:24, 31 दिसम्बर 2016 का अवतरण

इंदिरा गाँधी पर्यावरण पुरस्कार (अंग्रेज़ी: Indira Gandhi Paryavaran Puraskar) पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत भारत सरकार द्वारा वर्ष 1987 में हुई। इसमें पांच लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। पुरस्कार के लिये किसी एक संगठन या शख्सियत का चयन उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता वाली समिति करती है।

पुरस्कार राशि

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्‍वर्गीया प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की याद में वर्ष 1987 में पर्यावरण के संरक्षण में प्रमुख एवं मापेय प्रभाव डालने वाले या डालने की क्षमता रखने वाले लोगों को पहचान प्रदान करने के लिए ‘इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्‍कार’ नामक एक पुरस्‍कार शुरू किया। शुरू में पर्यावरण के क्षेत्र में उनके असाधारण एवं उत्‍कृष्‍ट योगदान की पहचान के रूप में भारत के किसी व्‍यक्ति या किसी संगठन को 1,00,000 रुपये का नकद पुरस्‍कार प्रदान किया जाता था। इस समय इस पुरस्‍कार में 'संगठन श्रेणी' के अंतर्गत 5,00,000 रुपये प्रत्‍येक के दो पुरस्‍कार तथा 'व्‍यक्तिगत श्रेणी' के अंतर्गत 5,00,000 रुपये, 3,00,000 रुपये और 2,00,000 रुपये के तीन पुरस्‍कार शामिल हैं। नकद पुरस्‍कार के साथ प्रत्‍येक पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ता को एक रजत ट्रॉफी, स्‍क्रोल तथा प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

नामांकन

यह पुरस्‍कार हर वर्ष दिया जाता है तथा आईजीपीपी के लिए नामांकन आमंत्रित करने के लिए विज्ञापन हर वर्ष 15 जुलाई को क्षेत्रीय कवरेज वाले राष्‍ट्रीय दैनिक अखबारों में जारी किया जाता है। आईजीपीपी (इंदिरा गाँधी पर्यावरण पुरस्कार) को अभिशासित करने वाले 2010 में संशोधित विनियमों के अनुसार पर्यावरण के क्षेत्र में कम से कम 10 वर्ष का कार्य अनुभव रखने वाला कोई भी भारतीय नागरिक, पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संगठन, जिसके पास कम से कम 5 वर्ष का अनुभव हो, राज्‍यों, संघ शासित क्षेत्रों के पर्यावरण एवं वानिकी विभाग, राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ज़िला समाहर्ता, मजिस्‍ट्रेट, भारत के किसी भी ऐसे व्‍यक्ति या संगठन का नाम प्रस्‍तावित कर सकता है, जिसके पास पर्यावरण के क्षेत्र में कम से कम 5 वर्ष का अनुभव हो। व्‍यक्ति के नामांकन के लिए कोई आयु सीमा नहीं है। तथापि, स्‍वयं का नामांकन तथा रिश्‍तेदारों द्वारा प्रस्‍तावित नामांकन पर विचार नहीं किया जाएगा। आईजीपीपी के लिए प्राप्त हुए नामांकनों की छंटनी मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए 9 विख्‍यात पर्यावरणविदों, व्‍यक्तियों के पैनल में से प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए तीन विशेषज्ञ सदस्‍यों द्वारा की जाती है। छंटनी किए गए नामांकनों में से पुरस्‍कार विजेता का चयन भारत के माननीय उपराष्‍ट्रपति की अध्‍यक्षता वाली पर्यावरण पुरस्‍कार समिति द्वारा किया जाता है।

विजेताओं का चयन

पुरस्‍कार विजेताओं का चयन करते समय ‘पर्यावरण’ शब्‍द की व्‍याख्‍या वृहत संभाव्‍य तरीके से की जानी चाहिए, जिसमें कार्य के निम्‍नलिखित क्षेत्र शामिल हैं-

  1. प्रदूषण निवारण
  2. प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण
  3. क्षय हो जाने वाले संसाधनों का विवेकपूर्ण प्रयोग।
  4. पर्यावरणीय आयोजना तथा प्रबंधन
  5. पर्यावरणीय प्रभाव मूल्‍यांकन
  6. पर्यावरण के संवर्धन के लिए उत्‍कृष्‍ट फील्‍ड कार्य (नूतन अनुसंधान कार्य) उदाहरण के लिए वनीकरण, भूमि को पुन: कृषि योग्‍य बनाना, जल प्रशोधन, वायु शुद्धिकरण आदि।
  7. पर्यावरणीय शिक्षा
  8. पर्यावरणीय मामलों के बारे में जागरूकता सृजन।

समिति

इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कारर (आईजीपीपी) के लिए गठित पर्यावरण पुरस्कािर समिति की संरचना निम्ना नुसार है-

क्र.सं. व्यक्ति पद
1. भारत के उपराष्ट्र पति अध्यपक्ष
2. लोक सभा अध्यषक्ष सदस्य
3. पर्यावरण एवं वन मंत्री सदस्य
4. विशेषज्ञ सदस्यन सदस्य
5. सचिव, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय सदस्यक सचिव

भारत के प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए 3 नए विशेषज्ञ सदस्योंत के चलते दिनांक 7 फ़रवरी, 2014 को समिति को पुन: गठित किया गया। समिति का कार्यकाल 2 वर्ष का होगा।

पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ता

पूर्व में इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वालों की सूची-

क्र.सं. वर्ष श्रेणी आईजीपीपी पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ता
1. 1987 संगठन बम्‍बई प्राकृतिक विज्ञान सोसाईटी, मुम्‍बई, महाराष्‍ट्र
2. 1988 संगठन केरल शास्‍त्र साहित्‍य परिषद, केरल
3. 1989 संगठन समाज परिवर्तन समुदाय, धारवाड़, कर्नाटक
4. 1990 वैयक्तिक श्री संत कुमार बिश्‍नोई, पंजाब (अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्‍नोई सभा से संबद्ध)
5. 1991 वैयक्तिक श्री एस.पी. गोदरेज (प्रकृति हेतु विश्‍वविख्‍यात फंड के साथ संबद्ध)


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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