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+असमाधेय वर्ग संघर्ष
+असमाधेय वर्ग संघर्ष
-पूंजीवाद
-पूंजीवाद
||[[कार्ल मार्क्स|मार्क्स]] के अनुसार, [[राज्य]] की उत्पत्ति का कारण वर्ग संघर्ष की असमाधेय स्थिति है। एंजेल्स ने अपनी प्रशंसनीय पुस्तक 'ओरिजिन ऑफ फैमिली, प्राइवेट प्रॉपर्टी एण्ड द स्टेट' में राज्य की उत्पत्ति और स्वरूप के विषय में लिखा है कि 'यह समाज के विकास के एक निश्चित चरण की उपज है। यह इस बात की स्वीकृति है कि समाज ऐसे वर्ग अंतर्विरोध (संघर्ष) का शिकार है जिसका कोई हल नहीं है। ये वर्ग संघर्ष समाज और वर्गों को भस्म न कर दे इसलिए प्रकट रूप से राज्य की आवश्यकता हुई जो इस संघर्ष पर नियंत्रण कर सके और व्यवस्था के अंतर्गत सीमित रख सके। इस संदर्भ में लेकिन का भी यही निष्कर्ष है कि 'राज्य वर्ग संघर्षों' की, जिनमें कोई समझौता सम्भव नहीं है, उपज और अभिव्यक्ति है।
||[[कार्ल मार्क्स|मार्क्स]] के अनुसार, [[राज्य]] की उत्पत्ति का कारण वर्ग संघर्ष की असमाधेय स्थिति है। एंजेल्स ने अपनी प्रशंसनीय पुस्तक 'ऑरिजिन ऑफ फैमिली, प्राइवेट प्रॉपर्टी एण्ड द स्टेट' में राज्य की उत्पत्ति और स्वरूप के विषय में लिखा है कि 'यह समाज के विकास के एक निश्चित चरण की उपज है। यह इस बात की स्वीकृति है कि समाज ऐसे वर्ग अंतर्विरोध (संघर्ष) का शिकार है जिसका कोई हल नहीं है। ये वर्ग संघर्ष समाज और वर्गों को भस्म न कर दे इसलिए प्रकट रूप से राज्य की आवश्यकता हुई जो इस संघर्ष पर नियंत्रण कर सके और व्यवस्था के अंतर्गत सीमित रख सके। इस संदर्भ में लेकिन का भी यही निष्कर्ष है कि 'राज्य वर्ग संघर्षों' की, जिनमें कोई समझौता सम्भव नहीं है, उपज और अभिव्यक्ति है।


{"राष्ट्रीयता सभ्यता के लिए एक खतरा है" किसने कहा है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-64 प्रश्न-1
{"राष्ट्रीयता सभ्यता के लिए एक खतरा है" किसने कहा है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-64 प्रश्न-1
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-मित्र एवं बल
-मित्र एवं बल
-मित्र एवं कोष
-मित्र एवं कोष
||[[प्राचीन भारत]] के प्रसिद्ध राजनीतिक चिंतक [[कौटिल्य]] ने राज्य के अंगों की चर्चा करते हुए [[अर्थशास्त्र ग्रन्थ|अर्थशास्त्र]] के छठें अधिकरण में सप्तांग की चर्चा की। राज्य के सप्तांग अर्थात सात अंगों का उल्लेख इस प्रकार है- 1.राजा या स्वामी, 2.अमात्य अथवा मंत्री, 3.जनपद या प्रादेशिक क्षेत्र, 4 दुर्ग या क़िला, 5.राजकोष, 6.दण्ड या सेना, 7.मित्र। अत: सामंत एवं गुरुकुल का उल्लेख इसमें नहीं है।
||[[प्राचीन भारत]] के प्रसिद्ध राजनीतिक चिंतक [[कौटिल्य]] ने राज्य के अंगों की चर्चा करते हुए [[अर्थशास्त्र ग्रन्थ|अर्थशास्त्र]] के छठे अधिकरण में सप्तांग की चर्चा की। राज्य के सप्तांग अर्थात सात अंगों का उल्लेख इस प्रकार है- 1.राजा या स्वामी, 2.अमात्य अथवा मंत्री, 3.जनपद या प्रादेशिक क्षेत्र, 4 दुर्ग या क़िला, 5.राजकोष, 6.दण्ड या सेना, 7.मित्र। अत: सामंत एवं गुरुकुल का उल्लेख इसमें नहीं है।


{'अंतर्रष्ट्रीय राजनीति के वैज्ञानिक अध्ययन में उन्नति तब तक संभव नहीं हैं जब तक नार्गेंथाऊ का यथार्थवादी सिद्धांत प्रभावशाली है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-80 प्रश्न-103
{'अंतर्रष्ट्रीय राजनीति के वैज्ञानिक अध्ययन में उन्नति तब तक संभव नहीं हैं जब तक नार्गेंथाऊ का यथार्थवादी सिद्धांत प्रभावशाली है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-80 प्रश्न-103
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{हॉब्स के अनुसार, प्राकृतिक अवस्था में मानवीय जीवन- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-17 प्रश्न-3
{हॉब्स के अनुसार, प्राकृतिक अवस्था में मानवीय जीवन- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-17 प्रश्न-3
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+एकाकी, निर्धन, निंदनीय अल्पकालिक था।
+एकाकी, निर्धन, निंदनीय अल्पकालिक था
-एकाकी किंतु शांतिपूर्ण था।
-एकाकी किंतु शांतिपूर्ण था
-सामाजिक और सहयोगात्मक किंतु दरिद्र था।
-सामाजिक और सहयोगात्मक किंतु दरिद्र था
-उपर्युक्त में से कोई नहीं।
-उपर्युक्त में से कोई नहीं
||हॉब्स के अनुसार, प्राकृतिक अवस्था में मनुष्य का जीवन एकाकी, दीन, अपवित्र, निंदनीय, पाशविक तथा अल्पकालिक होता था। इस प्रकार राज्य की अनुपस्थिति में अराजकता थी। *'''अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य'''- 1. हॉब्स बुद्धिवादी हैं, इनका मानना है कि मृत्यु के भय एवं पाशविक प्रतियोगिता के कारण प्राकृतिक अवस्था के मनुष्यों ने आपस में समझौता किया और कहा" मैं इस व्यक्ति अथवा सभा को अपने अधिकार और शक्ति का समर्पण करता हूं जिससे कि वह हम पर शासन करे परंतु इसी शर्त पर कि आप भी अपने अधिकार और शक्ति का समर्पण इसे इसी रूप में करें और इसकी आज्ञाओं को मानें।" परिणामस्वरूप जनसमुदाय आपस में संयुक्त होकर राज्य या लेटिन में सिविटास का रूप धारण कर लिया। इस प्रकार हॉब्स ने राज्य के उत्पत्ति का सामाजिक समझौता प्रतिपादित किया। 2. हॉब्स के द्वारा लिखे गए प्रमुख ग्रंथ हैं डी सिवे (De Cive), डी कारपोरे (De Corpore), लेवियाथन (Leviathan) और एलीमेंट्स ऑफ़ ला (Elements of Law)।
||हॉब्स के अनुसार, प्राकृतिक अवस्था में मनुष्य का जीवन एकाकी, दीन, अपवित्र, निंदनीय, पाशविक तथा अल्पकालिक होता था। इस प्रकार राज्य की अनुपस्थिति में अराजकता थी। *'''अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य'''- 1. हॉब्स बुद्धिवादी हैं, इनका मानना है कि मृत्यु के भय एवं पाशविक प्रतियोगिता के कारण प्राकृतिक अवस्था के मनुष्यों ने आपस में समझौता किया और कहा" मैं इस व्यक्ति अथवा सभा को अपने अधिकार और शक्ति का समर्पण करता हूं जिससे कि वह हम पर शासन करे परंतु इसी शर्त पर कि आप भी अपने अधिकार और शक्ति का समर्पण इसे इसी रूप में करें और इसकी आज्ञाओं को मानें।" परिणामस्वरूप जनसमुदाय आपस में संयुक्त होकर राज्य या लेटिन में सिविटास का रूप धारण कर लिया। इस प्रकार हॉब्स ने राज्य के उत्पत्ति का सामाजिक समझौता प्रतिपादित किया। 2. हॉब्स के द्वारा लिखे गए प्रमुख ग्रंथ हैं डी सिवे (De Cive), डी कारपोरे (De Corpore), लेवियाथन (Leviathan) और एलीमेंट्स ऑफ़ ला (Elements of Law)।


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||व्यक्तिवादी सिद्धांत 'राज्य को आवश्यक बुराई मानता है'। आवश्यक इसलिए कि केवल राज्य ही लोगों के जीवन, संपत्ति तथा स्वतंत्रता की रक्षा कर सकता है। तथा बुराई इसलिए कि राज्य के प्रत्येक कार्य का अर्थ है व्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती करना। व्यक्तिवाद व्यक्ति और उसकी स्वतंत्रता को अपने चिंतन में केद्रीय स्थान देता है। [[एडम स्मिथ]], हेयक, [[हर्बर्ट स्पेंसर|स्पेंसर]] प्रमुख व्यक्तिवादी विचारक हैं। '''*अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य'''- 1. अराजकतावादी राज्य को अनावश्यक बुराई मानते हैं। 2. सर्वाधिकारवादी राज्य को गौरवांवित तथा महिमामंडित करते हैं।
||व्यक्तिवादी सिद्धांत 'राज्य को आवश्यक बुराई मानता है'। आवश्यक इसलिए कि केवल राज्य ही लोगों के जीवन, संपत्ति तथा स्वतंत्रता की रक्षा कर सकता है। तथा बुराई इसलिए कि राज्य के प्रत्येक कार्य का अर्थ है व्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती करना। व्यक्तिवाद व्यक्ति और उसकी स्वतंत्रता को अपने चिंतन में केद्रीय स्थान देता है। [[एडम स्मिथ]], हेयक, [[हर्बर्ट स्पेंसर|स्पेंसर]] प्रमुख व्यक्तिवादी विचारक हैं। '''*अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य'''- 1. अराजकतावादी राज्य को अनावश्यक बुराई मानते हैं। 2. सर्वाधिकारवादी राज्य को गौरवांवित तथा महिमामंडित करते हैं।


{नाजीवाद का जनक कौन था? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-40 प्रश्न-3
{नाज़ीवाद का जनक कौन था? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-40 प्रश्न-3
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-मुसोलिनी
-मुसोलिनी
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-लेनिन
-लेनिन
-इनमें से कोई नहीं।
-इनमें से कोई नहीं।
||[[जर्मनी]] के नेता एडोल्फ हिटलर ने अपने साम्राज्यवादी, प्रजातिवादी और लोकतंत्र विरोधी कार्यक्रम के पक्ष में जो तर्क प्रस्तुत किए उन्हें 'नाजीवाद' की संज्ञा दी गई। नाजीवाद को फॉसीवाद का ही एक प्रसार माना जाता हैं।
||[[जर्मनी]] के नेता एडोल्फ हिटलर ने अपने साम्राज्यवादी, प्रजातिवादी और लोकतंत्र विरोधी कार्यक्रम के पक्ष में जो तर्क प्रस्तुत किए उन्हें 'नाज़ीवाद' की संज्ञा दी गई। नाज़ीवाद को '''फॉसीवाद''' का ही एक प्रसार माना जाता हैं।


{[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यों की कुल संख्या है- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-3
{[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यों की कुल संख्या है- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-3
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||[[गांधी जी]] की शिक्षाओं को अक्सर 'गांधीवाद' के नाम से संबोधित किया गया परंतु इस शब्द से उन्हें स्वयं आपत्ति थी, महात्मा गांधी का कहना था कि गांधीवाद जैसी कोई वस्तु नहीं है और मैं अपने बाद कोई संप्रदाय छोड़ना नहीं चाहता। मैं कभी इस बात का दावा नहीं करता कि मैंने कोई नया सिद्धान्त चलाया..... आप लोग इसे गांधीवाद न कहें, इसमें वाद जैसा कुछ भी नहीं है। '''*अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य'''- 1. गांधी-इर्विन समझौते के बाद एक सार्वजनिक सभा में गांधी जी ने अपने वक्तव्य में कहा था- "गांधी मर सकता है परंतु गांधीवाद सदा जीवित रहेगा।" 2. गांधी जी ने अपने सिद्धांतों का प्रतिपादन मुख्य रूप से अपनी दो पुस्तकों 'हिंद स्वराज' तथा अपनी आत्मकथा 'मेरे सत्य के प्रयोग' में किया। 3. गांधी जी की रचनाएं- शांति और युद्ध में अहिंसा, नैतिक धर्म, सत्याग्रह, सत्य ही ईश्वर है. सर्वोदय आदि हैं। इसके अतिरिक्त गांधी जी ने [[दक्षिण अफ़्रीका]] में इंडियन ओपिनियन नामक साप्ताहिक पत्र तथा [[भारत]] में यंग इंडिया, हरिजन सेवक, हतिजन बंधु आदि पत्रों का संपादन किया।
||[[गांधी जी]] की शिक्षाओं को अक्सर 'गांधीवाद' के नाम से संबोधित किया गया परंतु इस शब्द से उन्हें स्वयं आपत्ति थी, महात्मा गांधी का कहना था कि गांधीवाद जैसी कोई वस्तु नहीं है और मैं अपने बाद कोई संप्रदाय छोड़ना नहीं चाहता। मैं कभी इस बात का दावा नहीं करता कि मैंने कोई नया सिद्धान्त चलाया..... आप लोग इसे गांधीवाद न कहें, इसमें वाद जैसा कुछ भी नहीं है। '''*अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य'''- 1. गांधी-इर्विन समझौते के बाद एक सार्वजनिक सभा में गांधी जी ने अपने वक्तव्य में कहा था- "गांधी मर सकता है परंतु गांधीवाद सदा जीवित रहेगा।" 2. गांधी जी ने अपने सिद्धांतों का प्रतिपादन मुख्य रूप से अपनी दो पुस्तकों 'हिंद स्वराज' तथा अपनी आत्मकथा 'मेरे सत्य के प्रयोग' में किया। 3. गांधी जी की रचनाएं- शांति और युद्ध में अहिंसा, नैतिक धर्म, सत्याग्रह, सत्य ही ईश्वर है. सर्वोदय आदि हैं। इसके अतिरिक्त गांधी जी ने [[दक्षिण अफ़्रीका]] में इंडियन ओपिनियन नामक साप्ताहिक पत्र तथा [[भारत]] में यंग इंडिया, हरिजन सेवक, हतिजन बंधु आदि पत्रों का संपादन किया।


{"एक व्यवस्थापिका जो मंत्रिपरिषद के समक्ष निर्बल है तथा एक मंत्रिपरिषद जो [[राष्ट्रपति]] के समक्ष निर्बल है" किस देश की शासन व्यवस्था की विशेषता दर्शाता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-105
{"एक व्यवस्थापिका जो [[मंत्रिपरिषद]] के समक्ष निर्बल है तथा एक मंत्रिपरिषद जो [[राष्ट्रपति]] के समक्ष निर्बल है" किस देश की शासन व्यवस्था की विशेषता दर्शाता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-105
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+[[फ़्राँस]]
+[[फ़्राँस]]
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-सर हेनरी मेन
-सर हेनरी मेन
-एम.पी. फोलेट
-एम.पी. फोलेट
+हाबहाउस
+हॉबहाउस
||रुसो के सामान्य इच्छा को अस्पष्ट एवं अव्यावहरिक बताते हुए एल.टी. हाबहाउस ने टिप्पणी की है कि "सामान्य इच्छा के प्रति वास्तविक आपत्ति यह है कि जहां तक यह सामान्य है, यह इच्छा नहीं है और जहां तक यह इच्छा है, यह सामान्य नहीं है।" अर्थात यह या तो सामान्य है या इच्छा, यह दोनों नहीं हो सकती। वाहन ने भी रुसो पर अधिनायकवाद के पोषण का आरोप लगाते हुए कहा है कि "रुसो ने अपनी समष्टिवादी विचारधारा व्यक्ति को शून्य बना दिया है।"
||रुसो के सामान्य इच्छा को अस्पष्ट एवं अव्यावहरिक बताते हुए एल.टी. हाबहाउस ने टिप्पणी की है कि "सामान्य इच्छा के प्रति वास्तविक आपत्ति यह है कि जहां तक यह सामान्य है, यह इच्छा नहीं है और जहां तक यह इच्छा है, यह सामान्य नहीं है।" अर्थात यह या तो सामान्य है या इच्छा, यह दोनों नहीं हो सकती। वाहन ने भी रुसो पर अधिनायकवाद के पोषण का आरोप लगाते हुए कहा है कि "रुसो ने अपनी समष्टिवादी विचारधारा व्यक्ति को शून्य बना दिया है।"


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-अर्थहीन
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-उपर्युक्त में से कोई नहीं
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||व्यक्तिवादी सिद्धांत 'राज्य को आवश्यक बुराई मानता है'। आवश्यक इसलिए कि केवल राज्य ही लोगों के जीवन, संपत्ति तथा स्वतंत्रता की रक्षा कर सकता है। तथा बुराई इसलिए कि राज्य के प्रत्येक कार्य का अर्थ है व्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती करना। व्यक्तिवाद व्यक्ति और उसकी स्वतंत्रता को अपने चिंतन में केद्रीय स्थान देता है। [[एडम स्मिथ]], हेयक, [[हर्बर्ट स्पेंसर|स्पेंसर]] प्रमुख व्यक्तिवादी विचारक हैं। '''*अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य'''- 1. अराजकतावादी राज्य को अनावश्यक बुराई मानते हैं। 2. सर्वाधिकारवादी राज्य को गौरवांवित तथा महिमामंडित करते हैं।
||व्यक्तिवादी सिद्धांत 'राज्य को आवश्यक बुराई मानता है'। आवश्यक इसलिए कि केवल राज्य ही लोगों के जीवन, संपत्ति तथा स्वतंत्रता की रक्षा कर सकता है। तथा बुराई इसलिए कि राज्य के प्रत्येक कार्य का अर्थ है व्यक्ति की स्वतंत्रता में कटौती करना। व्यक्तिवाद व्यक्ति और उसकी स्वतंत्रता को अपने चिंतन में केद्रीय स्थान देता है। [[एडम स्मिथ]], हॅयक, [[हर्बर्ट स्पेंसर|स्पेंसर]] प्रमुख व्यक्तिवादी विचारक हैं। '''*अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य'''- 1. अराजकतावादी राज्य को अनावश्यक बुराई मानते हैं। 2. सर्वाधिकारवादी राज्य को गौरवांवित तथा महिमामंडित करते हैं।


{निम्नलिखित में से कौन फॉसीवाद की विशेषता नहीं है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-40 प्रश्न-5
{निम्नलिखित में से कौन फॉसीवाद की विशेषता नहीं है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-40 प्रश्न-5
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||[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य हैं- 1.[[रूस]], 2.[[संयुक्त राज्य अमेरिका]], 3.[[यूनाइटेड किंगडम]], 4.[[फ़्राँस]], और 5, [[चीन]]। इसके अतिरिक्त सुरक्षा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य होते हैं, जिनका निर्वाचन होता है। इस प्रकार सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य हैं। अस्थायी सदस्यों का क्षेत्रीय आधार पर दो वर्षों के लिए निर्वाचन होता है। सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता इसके सदस्यों द्वारा मासिक आधार पर चक्रानुक्रम में की जाती है।
||[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य हैं- 1.[[रूस]], 2.[[संयुक्त राज्य अमेरिका]], 3.[[यूनाइटेड किंगडम]], 4.[[फ़्राँस]], और 5, [[चीन]]। इसके अतिरिक्त सुरक्षा परिषद में 10 अस्थायी सदस्य होते हैं, जिनका निर्वाचन होता है। इस प्रकार सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य हैं। अस्थायी सदस्यों का क्षेत्रीय आधार पर दो वर्षों के लिए निर्वाचन होता है। सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता इसके सदस्यों द्वारा मासिक आधार पर चक्रानुक्रम में की जाती है।


{'POSDCORB' दृषिकोण की आलोचना निम्न में से किसने की है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-130 प्रश्न-6
{'POSDCORB' दृष्टिकोण की आलोचना निम्न में से किसने की है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-130 प्रश्न-6
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-हेनरी फियोल
-हेनरी फियोल
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-सर्वोदय-अंत्योदय
-सर्वोदय-अंत्योदय
-भूदान-जीवनदान
-भूदान-जीवनदान
||[[जयप्रकाश नारायण]] भारतीय समाजवाद के अग्रणी प्रवक्ता थे। इन्होंने अपना विचार अपनी पुस्तक, 'Why Socialism' (ह्वाई सोशलिज्म) तथा 'टूवार्ड्स स्ट्रगल' में व्यक्त किया है। इनके अनुसार सोवियत संघ में भ्रष्ट समाजवाद ने सभी राजनीतिक तथा आर्थिक शक्ति एक ही जगह केंद्रित कर दी है। वहां समाजवाद के नाम पर सर्वाधिकारवाद पनप गया है। इसलिए इन्होंने [[भारत]] में लोकतांत्रिक समाजवाद को सार्थक बनाने के लिए आर्थिक शक्ति के समय के समय में इन्होंने 'समग्र क्रांति' आंदोलन चलाया। जिससे भयभीत होकर सरकार को [[आपात काल]] लागू करना पड़ा।
||[[जयप्रकाश नारायण]] भारतीय समाजवाद के अग्रणी प्रवक्ता थे। इन्होंने अपना विचार अपनी पुस्तक, 'Why Socialism' (व्हाई सोशलिज्म) तथा 'टूवार्ड्स स्ट्रगल' में व्यक्त किया है। इनके अनुसार सोवियत संघ में भ्रष्ट समाजवाद ने सभी राजनीतिक तथा आर्थिक शक्ति एक ही जगह केंद्रित कर दी है। वहां समाजवाद के नाम पर सर्वाधिकारवाद पनप गया है। इसलिए इन्होंने [[भारत]] में लोकतांत्रिक समाजवाद को सार्थक बनाने के लिए आर्थिक शक्ति के समय के समय में इन्होंने 'समग्र क्रांति' आंदोलन चलाया। जिससे भयभीत होकर सरकार को [[आपात काल]] लागू करना पड़ा।


{जैरीमेंडरिंग की प्रथा किस देश में प्रचलित है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-106
{जैरीमेंडरिंग की प्रथा किस देश में प्रचलित है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-106
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+जी.डी.एच. कोल
+जी.डी.एच. कोल
-मिल
-मिल
||लॉक, बेंथम, [[एडम स्मिथ]], [[हर्बर्ट स्पेंसर]], ग्राहम वालास, एफ.ए.हेयक, आइजिया बर्लिन, रॉबर्ट नाजिक, मिल्टन फ्रीडमैन, नार्मन एंजल, मिस फालेट इत्यादि व्यक्तिवादी विचारक हैं जबकि जी.डी.एच. कोल श्रेणी समाजवादी विचारक हैं। ए.जे.पेंटी, ए.आर. ऑरेज, एस.जी. हाब्सन अन्य श्रेणी समाजवादी विचारक हैं।
||लॉक, बेंथम, [[एडम स्मिथ]], [[हर्बर्ट स्पेंसर]], ग्राहम वालास, एफ.ए.हॅयक, आइजिया बर्लिन, रॉबर्ट नाजिक, मिल्टन फ्रीडमैन, नार्मन एंजल, मिस फालेट इत्यादि व्यक्तिवादी विचारक हैं जबकि जी.डी.एच. कोल श्रेणी समाजवादी विचारक हैं। ए.जे.पेंटी, ए.आर. ऑरेज, एस.जी. हाब्सन अन्य श्रेणी समाजवादी विचारक हैं।


{फॉसीवाद निम्नलिखित में से किसको महिमामंडित करता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-41 प्रश्न-6
{फॉसीवाद निम्नलिखित में से किसको महिमामंडित करता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-41 प्रश्न-6
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{लोक प्रशासन को अध्ययन विषय के रूप में प्रारंभ करने का श्रेय किसे प्राप्त है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-130 प्रश्न-8
{लोक प्रशासन को अध्ययन विषय के रूप में प्रारंभ करने का श्रेय किसे प्राप्त है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-130 प्रश्न-8
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-एल.डी. ह्वाइट
-एल.डी. व्हाइट
-विलोबी
-विलोबी
-मेरी पार्कर फोले
-मेरी पार्कर फोले
+वुडरो विल्सन
+वुडरो विल्सन
||एक विषय के रूप में लोक प्रशासन का जन्म [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में सन् [[1887]] में हुआ। वुडरो विल्सन, जो उस समय प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र के प्राध्यापक थे, लोक प्रशासन के जनक माने जाते हैं। इन्होंने अपने लेख 'प्रशासन का अध्ययन' (The Study of Administration) [[1887]] में राजनीति व प्रशासन को अलग-अलग बताया। वुडरो विल्सन एक तो लोक प्रशासन के पृथक्करण में विश्वास रखते हैं। वुडरो विल्सन [[अमेरिका]] के पूर्व [[राष्ट्रपति]] भी रहे हैं।
||एक विषय के रूप में लोक प्रशासन का जन्म [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में सन् [[1887]] में हुआ। वुडरो विल्सन, जो उस समय प्रिंसटन यूनिवर्सिटी में राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक थे, लोक प्रशासन के जनक माने जाते हैं। इन्होंने अपने लेख 'प्रशासन का अध्ययन' (The Study of Administration) [[1887]] में राजनीति व प्रशासन को अलग-अलग बताया। वुडरो विल्सन एक तो लोक प्रशासन के पृथक्करण में विश्वास रखते हैं। वुडरो विल्सन [[अमेरिका]] के पूर्व [[राष्ट्रपति]] भी रहे हैं।





10:16, 21 जनवरी 2017 का अवतरण

1 मार्क्स के अनुसार राज्य के गठन का आसन्न कारण क्या था? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-51 प्रश्न-1

शोषण
सामंतवाद
असमाधेय वर्ग संघर्ष
पूंजीवाद

2 "राष्ट्रीयता सभ्यता के लिए एक खतरा है" किसने कहा है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-64 प्रश्न-1

रवींद्रनाथ टैगोर
महात्मा गाँधी
जे.एस. मिल
मैकियावेली

3 कौन-सी विचारधारा समर्थन करती है कि "तथ्य अनिवार्यत: तकनीक से पूर्व है"? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-80 प्रश्न-101

व्यवहारवाद
अस्तित्ववाद
उत्तर-व्यवहारवाद
प्रत्यक्षवाद

4 आधुनिक राजनीतिक सिद्धांत के प्रमुख समर्थक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-5 प्रश्न-1

चार्ल्स मेरियम
डेविड ईस्टन
हैरॉल्ड लासवेल
उपर्युक्त सभी

5 राज्य की उत्पत्ति के संबंध में ऐतिहासिक सिद्धांत किसके द्वारा प्रतिपादित किया गया था? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-16 प्रश्न-1

हेनरी मेन
ट्राइट्सके
ओपेनहाइमर
दुर्खीम

6 निम्न में से तुलनात्मक राजनीति का उद्देश्य क्या है? (नागरिकक शिक्षा,पृ.सं-92 प्रश्न-1

दार्शनिक लक्ष्य
वैज्ञानिक लक्ष्य
शासन नीति के प्रयोग का लक्ष्य
उपर्युक्त सभी

7 व्यक्तिवाद व समाजवाद में किस प्रकार का संबंध हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-30 प्रश्न-1

परस्पर सहयोग
परस्पर आदान-प्रदान
परस्पर मिलना
परस्पर विरोध

8 "सभी कुछ राज्य के अंदर है, राज्य के विरुद्ध और बाहर कुछ नहीं है।" किसने कहा है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-40 प्रश्न-1

हीगल
हिटलर
ग्रीन
मुसोलिनी

9 संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में कितने सदस्य अस्थायी हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-118 प्रश्न-1

5
7
10
15

10 'केस' पद्धति किस देश की देन है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-129 प्रश्न-1

अमेरिका
भारत
इंग्लैंड
फ़्राँस

11 निम्नलिखित में से कार्ल मार्क्स के अनुसार कौन ऐतिहासिक परिवर्तन का प्रमुख कारक है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-51 प्रश्न-2

व्यक्ति
जनता
वर्ग
दल

12 निम्नलिखित में से अनमेल को बताइए- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-64 प्रश्न-2

तिलक-विपिन चंद्र पाल
गोखले-नौरोजी
नेहरू-बोस
जय प्रकाश-लोहिया

13 बहुलतावादी वकालत करते हैं- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-80 प्रश्न-102

राज्यों की स्वायत्तता की
सरकार की स्वायत्तता की
समुदायों की स्वायत्तता की
केंद्र सरकार की स्वायत्तता की

14 "राजनीति शास्त्र का 'आदि' और 'अंत' राज्य है।" किसकी उक्ति है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-5 प्रश्न-2

लास्की
गार्नर
सेबाइन
माउंट बेटन

15 जॉन लॉक और रूसो के सामाजिक संविदा सिद्धांत के संबंध में क्या सही है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-16 प्रश्न-2

लॉक का समझौता पूर्णतया स्वतंत्र समझौता है, जबकि रूसो की संविदा आबद्ध संविदा है।
लॉक समुदाय को नगण्य शक्तियां प्रदान करता है, जबकि रूसो की संविदा में व्यक्ति का समुदाय में पूर्ण समर्पण हो जाता है।
लॉक की संविदा में व्यक्तियों के अधिकार सुरक्षित हो जाता हैं जबकि रूसो की संविदा में व्यक्ति के अधिकार का अवसान हो जाता है।
उपर्युक्त सभी

16 "तुलनात्मक राजनीति सब कुछ है या कुछ भी नहीं" यह कथन किसका है? (नागरिक शिक्षा,पृ.सं-92 प्रश्न-2

मेकीडिस
जी. के. रॉबर्ट्स
जीन ब्लोण्डेल
स्प्रेंगलर

17 इनमें से किस विचार को प्राय: व्यक्तिवादी विचारक अपने अनुकूल पाते हैं? (नाग शास्त्र,पृ.सं-31 प्रश्न-2

कार्ल मार्क्स का वर्ग संघर्ष सिद्धांत
कार्ल मार्क्स का क्रांतिकारी हिंसा का सिद्धांत
डार्विन का अनुकूलतम की अतिजीविता का सिद्धांत
ऑस्टिन का संप्रभुता सिद्धांत

18 "जिसे जीना है उसे युद्ध करना होगा" यह कथन किसका है?(नागरिक शास्त्र,पृ.सं-40 प्रश्न-2

सिकंदर महान
मुसोलिनी
माओत्से तुंग
हिटलर

19 निम्नलिखित में से कौन एक संयुक्त राष्ट्र का मुख्य अंग नहीं है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-11

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन
महासभा
सुरक्षा परिषद
न्याय परिषद

20 'पोस्डकोर्ब' की अवधारणा दी गई है- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-129 प्रश्न-3

लूथर गुलिक
एल.डी. व्हाइट
विलोबी
गिलक्राइस्ट

21 कार्ल मार्क्स किस देश का रहने वाला था? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-51 प्रश्न-3

जापान
जर्मनी
फ़्राँस
इटली

22 निम्न में से कौन प्राचीन भारतीय राजनैतिक चिंतन के सप्तांग सिद्धांत में सम्मिलित नहीं है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-64 प्रश्न-3

सामंत एवं गुरुकुल
राजा एवं कोष
मित्र एवं बल
मित्र एवं कोष

23 'अंतर्रष्ट्रीय राजनीति के वैज्ञानिक अध्ययन में उन्नति तब तक संभव नहीं हैं जब तक नार्गेंथाऊ का यथार्थवादी सिद्धांत प्रभावशाली है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-80 प्रश्न-103

के.डब्ल्यू. थाम्पसन
बेनो वासरमैन
रॉबर्ट टकर
क्विंसी राइट

24 "राजनीति शास्त्र के अध्ययन का आरंभ और अंत राज्य के साथ होता है।" किसने कहा? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-5 प्रश्न-3

लीकॉक
सीले
गार्नर
गेटिल

25 हॉब्स के अनुसार, प्राकृतिक अवस्था में मानवीय जीवन- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-17 प्रश्न-3

एकाकी, निर्धन, निंदनीय अल्पकालिक था
एकाकी किंतु शांतिपूर्ण था
सामाजिक और सहयोगात्मक किंतु दरिद्र था
उपर्युक्त में से कोई नहीं

26 अध्यक्षात्मक शासन का सैद्धांतिक आधार है- (नागरिक शिक्षा,पृ.सं-92 प्रश्न-3

शक्तियों का संतुलन
शक्तियों का पृथक्करण
शक्तियों का एकीकरण
उपर्युक्त में से कोई नहीं

27 'राज्य एक आवश्यक बुराई है-' यह कथन किस विचारधारा से संबंधित है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-31 प्रश्न-3

अराजकतावाद
व्यक्तिवाद
मार्क्सवाद
श्रमिक-संघवाद

28 नाज़ीवाद का जनक कौन था? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-40 प्रश्न-3

मुसोलिनी
हिटलर
लेनिन
इनमें से कोई नहीं।

29 संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यों की कुल संख्या है- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-3

5
12
15
7

30 इनमें से किसने 'पोस्डकोर्ब' का सिद्धांत दिया था? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-129 प्रश्न-4

हेनरी फेयोल
लूथर गुलिक
रेनसिस लाजइर्ट
एफ.डब्ल्यू. टेलर

31 इनमें से किस वर्ग के विचारकों ने वाद, प्रतिवाद और संवाद की द्वन्द्वात्मक पद्धति का प्रयोग किया? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-51 प्रश्न-4

मार्क्स और मिल
मार्क्स और कांट ने
हेगेल और मार्क्स
हेगेल और लास्की

32 राज्य के संबंध में गांधी जी के विचार इनमें से किसके निकट थे?(नागरिक शास्त्र,पृ.सं-64 प्रश्न-4

दार्शनिक अराजकतावादी
सामूहिकतावादी
नैतिक अंतर्निहितवाद
उपर्युक्त में से कोई नहीं

33 जीवन, स्वतंत्रता और सुखानुसरण तथ्य है- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-104

अमेरिकी स्वतंत्रता के घोषणा-पत्र का
भारत के संविधान की उद्देशिका का
सोवियत नागरिकों के अधिकार से संबंध रखने वाले यू.एस.एस.आर. के संविधान का
यूनाइटेड स्टेट्स के संविधान के अधिकार-पत्र का

34 'राजनीति विज्ञान का प्रारंभ और अंत राज्य से होता है' यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-5 प्रश्न-4

अरस्तू
लीकॉक
गार्नर
ग्रीसस

35 इनमें से किससे लॉक के विचारों को प्रेरणा प्राप्त हुई? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-17 प्रश्न-4

1655 की हिंसक क्रांति
1642 का गृह युद्ध
1650 की स्वर्णिम क्रांति
1688 की स्वर्णिम क्रांति

36 "तुलनात्मक राजनीति का अध्ययन रामसामयिक राजनीति विज्ञान का हृदय है।" यह किसने कहा? (नागरिक शिक्षा,पृ.सं-92 प्रश्न-4

एम. कर्टिस
जी.के. रॉबर्ट्स
जीन ब्लोण्डेल
आर.सी. मैक्रीडिस

37 निम्नलिखित में से कौन राज्य को "आवश्यक बुराई" मानते है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-31 प्रश्न-4

व्यक्तिवादी
अराजकतावादी
आदर्शवादी
समाजवादी

38 "अस्थायी अधिनायकवाद के स्थायी और सुस्थापित अत्याचारपूर्ण व्यवस्था बन जाने की संभावना सदा बनी रहती है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-40 प्रश्न-4

के. सी. व्हीयर
गार्नर
विलियम एण्डूज
बार्कर

39 सुरक्षा परिषद् के अस्थायी सदस्य कितनी अवधि के लिए चुने जाते हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-4

1 वर्ष
2 वर्ष
3 वर्ष
5 वर्ष

40 लूथर गुलिक ने संगठन के सिद्धांतों को 'POSDCORB' शब्द में अभिव्यक्त किया है इसमें 'CO' का तात्पर्य किससे है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-129 प्रश्न-5

कॉरपोरेशन
कोऑपरेशन
कोआर्डीनेशन
कंपनी

41 निम्नलिखित विचारों में से कार्ल मार्क्स ने हीगल से कौन-सा विचार लिया था? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-51 प्रश्न-5

वर्ग-संघर्ष का सिद्धांत
अतिरिक्त मूल्य का सिद्धांत
द्वंद्वात्मक पद्धति
इनमें से कोई नहीं

42 1936 किसने कहा "गांधीवाद जैसी कोई चीज़ नहीं है"? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-64 प्रश्न-5

महात्मा गांधी
मौलाना आज़ाद
जवाहर लाल नेहरु
रविन्द्रनाथ टैगोर

43 "एक व्यवस्थापिका जो मंत्रिपरिषद के समक्ष निर्बल है तथा एक मंत्रिपरिषद जो राष्ट्रपति के समक्ष निर्बल है" किस देश की शासन व्यवस्था की विशेषता दर्शाता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-105

फ़्राँस
भारत
श्रीलंका

44 "राजनीति विज्ञान के अंतर्गत राज्य तथा सरकार का अध्ययन किया जाता है", राजनीति विज्ञान की यह परिभाषा किस विचारक ने की है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-5 प्रश्न-5

गार्नर
सीले
गेटिल
गिलक्राइस्ट

45 "सामान्य इच्छा के प्रति वास्तविक आपत्ति यह है कि जहां तक यह इच्छा है, सामान्य नहीं है तथा जहां तक यह सामान्य है, यह इच्छा नहीं"। यह किसने कहा है?(नागरिक शास्त्र,पृ.सं-17 प्रश्न-5

बोसांके
सर हेनरी मेन
एम.पी. फोलेट
हॉबहाउस

46 तुलनात्मक राजनीति के अध्ययन में पारंपरिक उपागमों में अपेक्षा हुई: (नागरिक शिक्षा,पृ.सं-92 प्रश्न-5

सरकारों के अध्ययन की
आनुभविक अनुसंधानों की
संस्थाओं के वर्णन की
संविधानों की तुलना की

47 व्यक्तिवादी विचारक राज्य को अनिवार्य बुराई और अराजकतावादी विचारक राज्य को अनावश्यक बुराई मानते हैं। यह वक्तव्य है- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-31 प्रश्न-5

प्रमुखत: सत्य
प्रमुखत: असत्य
अर्थहीन
उपर्युक्त में से कोई नहीं

48 निम्नलिखित में से कौन फॉसीवाद की विशेषता नहीं है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-40 प्रश्न-5

फॉसीवाद एक सर्वशक्तिसंपन्न राज्य का समर्थन करता है।
इसमें जातीय सर्वोच्चता पर बल दिया जाता है।
यह महामानव पूजा और विशेष वर्ग में विश्वास करता है।
यह अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों में पूरी निष्ठा रखता है।

49 'संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद' की कुल सदस्य संख्या कितनी है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-5

15
5
11
13

50 'POSDCORB' दृष्टिकोण की आलोचना निम्न में से किसने की है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-130 प्रश्न-6

हेनरी फियोल
लेविस मेरियम
उर्विक
उपरोक्त सभी

51 कार्ल मार्क्स ने द्बंद्व का सिद्धांत किससे लिया? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-51 प्रश्न-6

एंजिल्स
हेगेल
आवेन
रिकार्डो

52 जयप्रकाश नारायण के किस विचार से भारत में एक बड़ा जनांदोलन हुआ और आपात काल लागू हुआ? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-65 प्रश्न-6

समग्र क्रांति
चौखंभा-राज्य
सर्वोदय-अंत्योदय
भूदान-जीवनदान

53 जैरीमेंडरिंग की प्रथा किस देश में प्रचलित है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-106

इंग्लैंड
फ़्राँस
चीन
संयुक्त राज्य अमेरिका

54 निम्न में से कौन-सा समुच्चय राजनीति विज्ञान के विषय-क्षेत्र को परिभाषित करता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-5 प्रश्न-6

राज्य, सरकार, विधियां, प्रथाएं और संस्कृति
संप्रभुता, सरकार, बाज़ार, राजनीतिक दल और सामाजिक वर्ग
राज्य, सरकार, विधियां, सभ्य समाज और राजनीतिक दल
राज्य, मूल्य, सरकार, निर्णय-निर्माण और राजनीतिक दल

55 प्राकृतिक अधिकारों का सिद्धांत किसका एक भाग है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-17 प्रश्न-6

ऑस्टिन का संप्रभुता सिद्धांत
दैवीय उत्पत्ति का सिद्धांत
शक्ति सिद्धांत
सामाजिक समझौता सिद्धांत

56 सरकार का व्यवस्थित वर्गीकरण सर्वप्रथम किसके द्वारा प्रस्तुत किया गया था? (नागरिक शिक्षा,पृ.सं-92 प्रश्न-6

प्लेटो
अरस्तू
मैकियावेली
मॉन्टेस्क्यू

57 निम्न में से कौन एक व्यक्तिवाद का समर्थक नहीं है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-31 प्रश्न-6

ग्राहम वालास
हेयक
जी.डी.एच. कोल
मिल

58 फॉसीवाद निम्नलिखित में से किसको महिमामंडित करता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-41 प्रश्न-6

हिंसा
युद्ध
नेता
उपर्युक्त सभी

59 निम्नांकित में कौन-सा देश संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य नहीं है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-6

भारत
अमेरिका
सोवियत संघ
ब्रिटेन

60 ओ. और एम. किससे संबंधित हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-130 प्रश्न-7

संगठन और पद्धति
ओम
संगठन और प्रबंध
संगठन और कार्यालय का स्त्रोत

61 निम्न में से कौन-सा कथन कार्ल मार्क्स के दर्शन का प्रतिनिधित्व करता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-52 प्रश्न-7

राज्य का सकारात्मक अच्छाई है।
राज्य पृथ्वी पर ईश्वर का अवतरण है।
राज्य शोषण का एक साधन है।
राज्य एक आवश्यक बुराई है।

62 'प्रन्यास सिद्धांत' का प्रतिपादन किसके द्वारा किया गया? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-65 प्रश्न-7

स्वामी विवेकानंद
जवाहरलाल नेहरू
दादाभाई नौरोजी
महात्मा गांधी

63 'स्वतंत्रता, समानता और विश्वबंधुत्व' नारा है- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-107

अमेरिकी स्वतंत्रता के घोषणा-पत्र का
आयरलैंड के संविधान की उद्देशिका का
संयुक्त राज्य संघ के मानव अधिकार घोषणा-पत्र का
1798 की फ्रांसीसी क्रांति के घोषणा-पत्र का

64 नागरिक शास्त्र के अध्ययन का मुख्य विषय क्या है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-5 प्रश्न-7

नागरिकता
पंचायती राज
राज्य
नगर निगम

65 निम्न में से कौन सामाजिक संविदा के सिद्धांत से संबद्ध है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-17 प्रश्न-7

ऑस्टिन
लॉक
जे.एस. मिल
मार्क्स

66 निम्नलिखित वक्तव्यों में से कौन-सा संवैधानिक सरकार की प्रकृति को ठीक प्रकार स्पष्ट करता है? (नागरिक शिक्षा,पृ.सं-93 प्रश्न-7

सीमित शासन
व्यक्तियों के स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा
व्यक्तियों के अधिकारों की सुरक्षा
उपर्युक्त सभी

67 'वैज्ञानिक व्यक्तिवाद' की अवधारणा को किसने विकसित किया? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-31 प्रश्न-7

एडम स्मिथ
बेंथम
जे.एस. मिल
हर्बर्ट स्पेंसर

68 फॉसीवाद निम्नलिखित में से किस एक सिद्धांत का समर्थन नहीं करता? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-41 प्रश्न-7

समाज की निगमवादी समझ
प्रजातीय की तानाशाही
सर्वहारा की तानाशाही
आज्ञापालन तथा अनुशासन

69 संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा की बैठकें होती हैं- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-7

एक वर्ष में एक बार
एक वर्ष में दो बार
दो वर्ष में एक बार
तीन वर्ष में एक बार

70 लोक प्रशासन को अध्ययन विषय के रूप में प्रारंभ करने का श्रेय किसे प्राप्त है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-130 प्रश्न-8

एल.डी. व्हाइट
विलोबी
मेरी पार्कर फोले
वुडरो विल्सन

71 निम्नलिखित में से कौन-सा मार्क्सवाद से संबंधित नहीं है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-52 प्रश्न-8

इतिहास की भौतिकवादी व्याख्या
वर्ग संघर्ष
अतिरिक्त मूल्य
यस्मात्यम

72 किसको भारत में अशांति का अग्रदूत कहा गया? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-65 प्रश्न-8

बाल गंगाधर तिलक
फ़िरोजशाह मेहता
डब्लू सी बनर्जी
लाला लाजपत राय

73 किस देश की न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-108

इंग्लैंड
भारत
रूस
अमेरिका

74 निम्न में से कौन 'राजनीतिक शास्त्र' के जनक कहे जाते हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-6 प्रश्न-8

सुकरात
अरस्तू
चाणक्य
कार्ल मार्क्स

75 निम्न सिद्धांतों में किसके अनुसार राज्य की स्थापना जनता की इच्छा से हुई? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-18 प्रश्न-8

शक्ति सिद्धांत
दैवी सिद्धांत
सामाजिक समझौते के सिद्धांत
इनमें से कोई नहीं

76 कौन-सी समस्या तुलनात्मक राजनीति की समस्या नहीं है? (नागरिक शिक्षा,पृ.सं-93 प्रश्न-8

परिवृत्य
धार्मिक मतभेद
वैचारिक संरचना
भाषा और संस्कृति की विविधता

77 आर्थिक क्षेत्र में व्यक्तिवाद का महान समर्थक कौन है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-32 प्रश्न-8

बेंथम
हरबर्ट स्पेंसर
लास्की
एडम स्मिथ

78 फॉसीवाद के 'फॉसीस' शब्द का क्या अर्थ है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-41 प्रश्न-8

प्राचीन रोम के अधिकारियों की शक्ति के प्रतीक के रूप में डंडों का समूह
पोप का मुकुट
पवित्र रोमन सम्राट की बाइबिल
रोम के मुख्य चर्च की घंटी

79 संयुक्त राष्ट्र संघ का कौन-सा विशिष्ट अभिकरण नहीं है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-8

विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.)
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (I.M.F.)
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (I.C.J.)
अंतर्राष्ट्रीय औद्योगिक विकास संगठन (U.N.I.D.O.)

80 लोक प्रशासन का संबंध किससे है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-130 प्रश्न-9

राजनीति
अर्थशास्त्र
मनोविज्ञान
इनमें से कोई नहीं

81 किसने कहा 'सर्वहारा की तानाशाही कार्ल मार्क्स के सिद्धांत का सार है"? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-52 प्रश्न-9

ऐंजिल्स
लेनिन
स्टालिन
लास्की

82 कांग्रेस के किस अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की प्रेरणा से समाज के समाजवादी ढांचे का प्रस्ताव पारित हुआ? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-65 प्रश्न-9

नागपुर अधिवेशन, 1942
रामपुर अधिवेशन, 1962
हरिपुरा अधिवेशन, 1960
अवाडी अधिवेशन, 1955

83 'स्वतंत्र नियामकीय आयोग' का आविर्भाव कहाँ हुआ? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-109

जापान
जर्मनी
अमेरिका
इंग्लैंड

84 'राजनीतिशास्त्र का पिता' किसे कहा जाता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-6 प्रश्न-9

गार्नर
ग्रीन
अरस्तू
प्लेटो

85 सामाजिक संविदा सिद्धांत के अनुसार-(नागरिक शास्त्र,पृ.सं-18 प्रश्न-9

राज्य एक नैतिक संस्था है।
राज्य एक मानवकृत संस्था है।
राज्य प्राकृतिक एवं आवश्यक है।
राज्य के प्रकृति सावयवी है।

86 राजनीतिक विकास का साधन है: (नागरिक शिक्षा,पृ.सं-93 प्रश्न-9

राजनीतिक दल
क्रांतिकारी नेता
राष्ट्रीयता की भावना
उपर्युक्त सभी

87 निम्नलिखित में से कौन आधुनिक व्यक्तिवाद का प्रणेता माना जाता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-32 प्रश्न-9

ग्राहम वालास
लास्की
लीकाक
हॉब्स

88 फॉसीवाद का जन्म कहाँ हुआ था? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-41 प्रश्न-9

ब्रिटेन
इटली
जर्मनी
रूस

89 संयुक्त राष्ट्र संघ के कुल कितने मुख्य अंग हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-9

7
5
6
8

90 लोक प्रशासन में 'लोक' शब्द का तात्पर्य है- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-130 प्रश्न-10

जनता
समाज
कार्यपालिका
सरकार

91 राज्य के सावयविक होने पर किस वर्ष वर्ग का विश्वास था? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-52 प्रश्न-10

आदर्शवादियों
समाजवादियों
सम्विदावादियों
धर्मतांत्रियों

92 'द्वितत्त्वीय सिद्धांत' का प्रतिपादन किया गया था- (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-65 प्रश्न-10

मैस्लो
मैकग्रेगर
आर. लिकर्ट
हर्जबर्ग

93 निम्न में से किस देश को स्वतंत्र नियामकीय आयोग की जन्मस्थली माना जा सकता है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-81 प्रश्न-110

ब्रिटेन
संयुक्त राज्य अमेरिका
फ्राँस
उपर्युक्त में से कोई नहीं

94 किसने कहा कि "निश्चित भू-भाग राज्य का आवश्यक तत्त्व नहीं है"? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-6 प्रश्न-10

बेंथम
सीले
विलेन
लीकॉक

95 निम्नलिखित में से कौन 'आत्मरक्षा के अधिकार' को व्यक्ति का प्राकृतिक अधिकार मानता है?(नागरिक शास्त्र,पृ.सं-18 प्रश्न-10

प्लेटो
बेंथम
हॉब्स
बर्क

96 भारतीय राजनीतिक व्यवस्था का स्वरूप निम्न में से कौन-सा है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-93 प्रश्न-1

गणतंत्रीय, संघीय, अध्यक्षात्मक
गणतंत्रीय, एकात्मक, संसदीय
गणतंत्रीय, संघीय संसदीय
गणतंत्रीय, एकात्मक, अध्यक्षात्मक

97 राजनैतिक सिद्धांत जो नागरिकों के व्यक्तिगत जीवन में न्यूनतम हस्तक्षेप करे उसे क्या कहते हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-32 प्रश्न-10

लेससफेयर
युटलीटेरियनिज़म
व्यक्तिवाद
इंटरप्रेन्योरशिप

98 अध्यक्षात्मक शासन का सैद्धांतिक आधार है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-92 प्रश्न-3

शक्तियों का संतुलन
शक्तियों का पृथक्करण
शक्तियों का एकीकरण
उपर्युक्त में से कोई नहीं

99 इनमें से कौन संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रमुख अंग नहीं हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-119 प्रश्न-10

सेक्युरिटी काउंसिल
ट्रस्टीशिप काउंसिल
यूनेस्को
सेक्रेटेरिएट

100 लोक प्रशासन पर न्यायालय के नियंत्रण की दशा कौन-सी है? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं-130 प्रश्न-11

अधिकार क्षेत्र का अभाव
विवेक का अनुचित प्रयोग
प्रक्रिया संबंधी त्रुटि
उपर्युक्त सभी