"निर्वास -आरसी प्रसाद सिंह": अवतरणों में अंतर
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सखि, भूल केतकी का हुलास; | सखि, भूल केतकी का हुलास; | ||
शूलों में गुरुतर अगुर-वास ! | शूलों में गुरुतर अगुर-वास ! | ||
अब छोड़-कंटकों के | अब छोड़-कंटकों के दु:ख में | ||
वह कल्पविटप-कल्पना उदास !! | वह कल्पविटप-कल्पना उदास !! | ||
प्रति फलित व्यथा के रागों में | प्रति फलित व्यथा के रागों में |
14:04, 2 जून 2017 के समय का अवतरण
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कैसे अलि, भाया यह उपवन ? |
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