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*मन्दिर के पास ही शंकराचार्य के निवास स्थान की गुफ़ा है और वह 'कीमू' <ref>शहतूत</ref> वृक्ष भी, जहाँ किंवदंती के अनुसार बैठकर शंकराचार्य ने | *मन्दिर के पास ही शंकराचार्य के निवास स्थान की गुफ़ा है और वह 'कीमू' <ref>शहतूत</ref> वृक्ष भी, जहाँ किंवदंती के अनुसार बैठकर शंकराचार्य ने महान् [[ग्रंथ|ग्रंथों]] की रचना की थी। | ||
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14:18, 30 जून 2017 का अवतरण
जोशीमठ या 'ज्योतिर्मठ' टिहरी गढ़वाल ज़िला, उत्तराखंड में स्थित है। यह बदरीनाथ के 19 मील (लगभग 30.4 कि.मी.) नीचे प्राचीन तीर्थ स्थान है, जहाँ शंकराचार्य का मठ है। इसे ज्योतिर्लिंग का स्थान माना जाता है।[1]
- जोशीमठ में मध्य काल में गढ़वाल के कत्यूरी नरेशों की राजधानी थी।
- यहाँ क़स्बे में वासुदेव का अति प्राचीन मंदिर है, जिसकी मूर्ति सुघड़ और सुंदर है।
- एक दूसरा मंदिर नरसिंह भगवान का है। मूर्ति आकार में छोटी है, किंतु चमत्कारपूर्ण समझी जाती है।
- मन्दिर के पास ही शंकराचार्य के निवास स्थान की गुफ़ा है और वह 'कीमू' [2] वृक्ष भी, जहाँ किंवदंती के अनुसार बैठकर शंकराचार्य ने महान् ग्रंथों की रचना की थी।
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