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**[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
*वह काल जब [[सौर]] [[आषाढ़]] में [[सूर्य देवता|सूर्य]] आर्द्रा-नक्षत्र के प्रथम चरण में होता है। <ref>कृत्यकल्पतरु (व्रत, 283, राजर्मातण्ड का उद्धरण है) कृत्यत्त्व (234)</ref>  
*वह काल जब [[सौर]] [[आषाढ़]] में [[सूर्य देवता|सूर्य]] आर्द्रा-नक्षत्र के प्रथम चरण में होता है। <ref>कृत्यकल्पतरु (व्रत, 283, राजर्मातण्ड का उद्धरण है) कृत्यत्त्व (234)</ref>  
*जब सूर्य [[मिथुन राशि]] में प्रवेश करता है, उस दिन तीन दिनों एवं 20 घटियों तक न बीजारोपण होता है और न ही वेदाध्ययन।  
*जब सूर्य [[मिथुन राशि]] में प्रवेश करता है, उस दिन तीन दिनों एवं 20 घटियों तक न बीजारोपण होता है और न ही वेदाध्ययन।  

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रत, 283, राजर्मातण्ड का उद्धरण है) कृत्यत्त्व (234)
  2. हेमाद्रि (काल पर चतुर्वर्ग, 701-703