"लोधी क़िला": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Lodhi-Fort.jpg|thumb|250px|लोधी क़िला, [[लुधियाना]]]]
{{सूचना बक्सा पर्यटन
|चित्र=Lodhi-Fort.jpg
|चित्र का नाम=लोधी क़िला, [[लुधियाना]]
|विवरण=
|राज्य= [[पंजाब]]
|केन्द्र शासित प्रदेश=
|ज़िला=[[लुधियाना]]
|निर्माता=सिकन्दर लोदी
|स्वामित्व=
|प्रबंधक=
|निर्माण काल= 500 साल पहले
|स्थापना=
|भौगोलिक स्थिति=
|मार्ग स्थिति=
|मौसम=
|तापमान=
|प्रसिद्धि=
|कब जाएँ=
|कैसे पहुँचें=
|हवाई अड्डा=
|रेलवे स्टेशन=
|बस अड्डा=
|यातायात=
|क्या देखें=
|कहाँ ठहरें=
|क्या खायें=
|क्या ख़रीदें=
|एस.टी.डी. कोड=
|ए.टी.एम=
|सावधानी=
|मानचित्र लिंक=[https://www.google.co.in/maps/place/Lodhi+Garden/@28.5930952,77.2174906,17z/data=!3m1!4b1!4m5!3m4!1s0x390ce2ececc92e35:0x86c0764b1c0d4bea!8m2!3d28.5930952!4d77.2196793 गूगल मानचित्र]
|संबंधित लेख=[[सिकन्दर लोदी]], [[रणजीत सिंह|महाराजा रणजीत सिंह]], [[सतलुज नदी]], [[दिल्ली]]
|शीर्षक 1=
|पाठ 1=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=06:22, 22 जुलाई 2017 (IST)
}}
'''लोधी क़िला''' [[पंजाब]] राज्य के [[लुधियाना]] शहर में स्थित है। इस क़िले का वास्‍तुशिल्‍प कुछ इस तरह का था कि [[अंग्रेज़]] इसे कभी जीत नहीं पाए।
'''लोधी क़िला''' [[पंजाब]] राज्य के [[लुधियाना]] शहर में स्थित है। इस क़िले का वास्‍तुशिल्‍प कुछ इस तरह का था कि [[अंग्रेज़]] इसे कभी जीत नहीं पाए।
==निर्माण==
==निर्माण==
पंक्ति 12: पंक्ति 51:
[[Category:पंजाब के पर्यटन स्थल]]
[[Category:पंजाब के पर्यटन स्थल]]
[[Category:भारत के दुर्ग]]
[[Category:भारत के दुर्ग]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

13:00, 22 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

लोधी क़िला
लोधी क़िला, लुधियाना
लोधी क़िला, लुधियाना
राज्य पंजाब
ज़िला लुधियाना
निर्माता सिकन्दर लोदी
निर्माण काल 500 साल पहले
गूगल मानचित्र
संबंधित लेख सिकन्दर लोदी, महाराजा रणजीत सिंह, सतलुज नदी, दिल्ली


अद्यतन‎ 06:22, 22 जुलाई 2017 (IST)

लोधी क़िला पंजाब राज्य के लुधियाना शहर में स्थित है। इस क़िले का वास्‍तुशिल्‍प कुछ इस तरह का था कि अंग्रेज़ इसे कभी जीत नहीं पाए।

निर्माण

इस क़िले का निर्माण मुस्लिम शासक सिकन्दर लोदी ने क़रीब 500 साल पहले सतलुज नदी के तट पर करवाया था। क़िले का निर्माण सैन्‍य उद्देश्‍यों की पूर्ति के लिए किया गया था। बाद में सुल्‍तान लोधी ने अपने दो जनरलों को यहाँ ठहराया। इस‍ क़िले ने लोधी और अन्‍य मुस्लिम शासकों की ताकत को बढ़ाया। इसके महत्‍व को स्‍वीकार करते हुए सबसे शक्तिशाली सिक्‍ख शासक महाराजा रणजीत सिंह ने सतलुज नदी के दूसरी ओर इससे भी अधिक मजबूत क़िले का निर्माण करवाया। दिल्ली के मुस्लिम शासन के कमज़ोर होने पर महाराजा रणजीत सिंह ने इसपर कब्ज़ा कर लिया। रणजीत सिंह के साम्राज्‍य का पतन होने पर यह क़िला अंग्रेजी नियंत्रण में आ गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख