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{[[मौर्योत्तर काल]] में [[पश्चिम भारत]] में व्यापार का सबसे महत्त्वपूर्ण केन्द्र कौन था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-765
|type="()"}
-सुपरिक
-कल्याण
-[[चोल]]
+[[भरूच]]
||[[भरूच]] [[गुजरात]] राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। भरूच प्राचीन काल में भरुकच्छ या भृगुकच्छ के नाम से प्रसिद्ध था। भरुकच्छ एक [[संस्कृत]] शब्द है, जिसका तात्पर्य ऊँचा तट प्रदेश है। भड़ौच प्राक् [[मौर्य काल]] का एक महत्त्वपूर्ण बन्दरगाह था, इसके बाद के कई सौ वर्षों तक महत्त्व बना रहा और आज भी है।  [[जातक कथा|जातक कथाओं]] में भरुकच्छ के समुद्र व्यापारियों की साहसिक यात्राओं का विशद् वर्णन है। दिव्यावदान के अनुसार भरुकच्छ घना बसा हुआ एक सम्पन्न नगर था। यह नगर समुद्री व्यापार एवं वाणिज्य का ईसा पूर्व से ही महत्त्वपूर्ण केन्द्र रहा। [[टॉलमी]] के अनुसार यह पश्चिमी [[भारत]] में व्यापार का सबसे बड़ा केन्द्र था।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[भरूच]]
{[[गुप्त काल]] में [[बुद्ध|भगवान बुद्ध]] की काँस्य निर्मित प्रतिमा कहाँ से प्राप्त हुई है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-950
|type="()"}
+[[सुल्तानगंज]]
-[[बोधगया]]
-[[अजंता]]
-[[मथुरा]]
||[[सुल्तानगंज]] एक ऐतिहासिक स्थान है जो [[भारत]] में [[बिहार]] राज्य के [[भागलपुर ज़िला|भागलपुर ज़िले]] में [[गंगा नदी]] तट पर स्थित है। यह प्राचीन [[बौद्ध धर्म]] का केन्द्र है। सुल्तानगंज में कई बौद्ध विहारों तथा एक [[स्तूप]] के अवशेष प्राप्त हुए हैं। यहाँ बाबा अजगबीनाथ का विश्वप्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[सुल्तानगंज]]
{[[संगम युग]] में [[भारत]] द्वारा आयातित सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण वस्तु क्या थी? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-867
|type="()"}
+[[सोना]] और [[चाँदी]]
-मृद्भाण्ड एवं काँच के बर्तन
-[[मदिरा]] एवं दासियाँ
-[[घोड़ा|घोड़े]]
||सुदूर [[दक्षिण भारत]] में [[कृष्णा नदी|कृष्णा]] एवं [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] नदियों के बीच के क्षेत्र को '[[तमिल नाडु|तमिल प्रदेश]]' कहा जाता था। इस प्रदेश में अनेक छोटे-छोटे राज्यों का अस्तित्व था, जिनमें [[चेर वंश|चेर]], [[चोल साम्राज्य|चोल]] और [[पांड्य साम्राज्य|पांड्य]] प्रमुख थे। दक्षिण भारत के इस प्रदेश में [[तमिल भाषा|तमिल]] कवियों द्वारा सभाओं तथा गोष्ठियों का आयोजन किया जाता था। इन गोष्ठियों में विद्वानों के मध्य विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया जाता था, इसे ही 'संगम' के नाम से जाना जाता है। 100 ई. से 250 ई. के मध्य दक्षिण भारत में तीन संगमों को आयोजित किया गया। इस युग को ही [[इतिहास]] में "संगम युग" के नाम से जाना जाता है।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[संगम युग]]
{[[गुप्त वंश]] के किस शासक ने सर्वप्रथम महाधिराज की उपाधि धारण की? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-921
|type="()"}
-[[श्रीगुप्त]]
+[[चंद्रगुप्त प्रथम]]
-[[घटोत्कच गुप्त]]
-[[समुद्रगुप्त]]
||[[चन्द्रगुप्त प्रथम]] (319-335 ई.) [[भारतीय इतिहास]] के सर्वाधिक प्रसिद्ध राजाओं में से एक था। वह गुप्त शासक [[घटोत्कच (गुप्त काल)|घटोत्कच]] का पुत्र था। चन्द्रगुप्त ने एक 'गुप्त संवत' (319-320 ई.) चलाया, कदाचित इसी तिथि को चंद्रगुप्त प्रथम का राज्याभिषेक हुआ था। चंद्रगुप्त ने, जिसका शासन पहले [[मगध]] के कुछ भागों तक सीमित था, अपने राज्य का विस्तार [[इलाहाबाद]] तक किया। 'महाराजाधिराज' की उपाधि धारण करके इसने [[पाटलिपुत्र]] को अपनी राजधानी बनाया था।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[चन्द्रगुप्त प्रथम]]
{[[गुप्त काल]] में प्रशासनिक इकाइयों का सही क्रमागत स्तर निम्न में से कौन व्यक्त करता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1008
|type="()"}
+[[भुक्ति]], विषय, पेठ, ग्राम
-विषय, भुक्ति, पेठ, ग्राम
-पेठ, विषय, [[भुक्ति]], ग्राम
-भुक्ति, पेठ, विषय, ग्राम
{निम्नलिखित में से किस एक से बेगार का निर्देश होता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1080
|type="()"}
-बलि
-[[शुल्क]]
-उद्रंग
+[[विष्टि]]
{निम्नलिखित में से कौन [[चोल साम्राज्य|चोल]] सेना में शामिल नहीं थे? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1132
|type="()"}
-पदाति
-हस्तिसेना
-अश्वारोही
+रथसेना
{निम्नलिखित में कौन सही सुमेलित नहीं है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1175
|type="()"}
-सर्वाधिक अच्छी अश्वसेना — [[प्रतिहार साम्राज्य|प्रतिहार]] राजाओं के पास
-सर्वाधिक अच्छी हस्तिसेना — [[पाल वंश|पाल]] राजाओं के पास
-सबसे अधिक दुर्ग — [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूटों]] के पास
+सबसे अधिक पैदल सेना — [[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] के पास
||[[चालुक्य राजवंश|चालुक्यों]] की उत्पत्ति का विषय अत्यंत ही विवादास्पद है। [[वराहमिहिर]] की 'बृहत्संहिता' में इन्हें 'शूलिक' जाति का माना गया है, जबकि [[पृथ्वीराजरासो]] में इनकी उत्पति [[आबू पर्वत]] पर किये गये यज्ञ के अग्निकुण्ड से बतायी गयी है। '[[विक्रमांकदेवचरित]]' में इस वंश की उत्पत्ति भगवान ब्रह्म के चुलुक से बताई गई है। इतिहासविद् 'विन्सेण्ट ए. स्मिथ' इन्हें विदेशी मानते हैं।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[चालुक्य वंश]]
{[[जैन]] लोगों ने किसके नेतृत्व में दक्षिण की ओर प्रवसन किया था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-492
|type="()"}
+[[भद्रबाहु]]
-स्थलबाहु
-[[वर्धमान|वर्धमान महावीर]]
-त्रिरत्न दास
||[[भद्रबाहु]] श्रुत केवली [[जैन]] [[मुनि|मुनियों]] में अन्तिम अंतिम आचार्य थे, जो सम्राट [[चंद्रगुप्त मौर्य]] के समकालीन थे। अपने शासनकाल में पड़े भीषण [[अकाल]] और प्रजा की द्रवित अवस्था से व्याकुल होकर चन्द्रगुप्त ने गद्दी त्याग दी थी और वह 'भद्रबाहु' के नेतृत्व में [[दक्षिण भारत]] चला गया था।{{point}}'''अधिक जानकारी के लिए देखें''':-[[भद्रबाहु]]
{[[मौर्य वंश|मौर्यों]] के पश्चात [[भारत]] की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर किसका अधिकार था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-661
|type="()"}
+वैक्ट्रीयन ग्रीक
-[[कुषाण साम्राज्य|कुषाण]]
-[[शक |शक]]
-[[हूण]]
{'सिन्ध-सौवीर' [[प्राचीन भारत]] में किस लिए प्रसिद्ध था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-766
{'सिन्ध-सौवीर' [[प्राचीन भारत]] में किस लिए प्रसिद्ध था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-766
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12:16, 21 नवम्बर 2017 का अवतरण

1 'सिन्ध-सौवीर' प्राचीन भारत में किस लिए प्रसिद्ध था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-219,प्रश्न-766

उत्तम तलवारों एवं कटारों के उत्पादन
घोड़ों एवं खच्चरों के व्यापार
ऊनी वस्त्र उद्योग
चमड़े की वस्तुओं के उत्पादन

2 सती प्रथा का पहला उल्लेख कहाँ से मिला? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-230,प्रश्न-951

भीतरगांव लेख
विलसंड स्तंभलेख
एरण अभिलेख
भितरी स्तंभलेख

3 निम्नलिखित में कौन-सा राजवंश परवर्ती संगम युग में चेर राजाओं के साथ निरंतर युद्ध में लगा रहा? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-225,प्रश्न-868

चोल
पाण्ड्य
इक्ष्वाकु
पल्लव

4 मेहरौली का स्तम्भ लेख किस शासक से संबंधित है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-228,प्रश्न-923

चंद्रगुप्त द्वितीय
चंद्रगुप्त मौर्य
अशोक
समुद्रगुप्त

5 गुप्तकाल में बड़े पैमाने पर जारी सोने के सिक्के का वास्तविक स्रोत निम्न में से क्या था? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-234,प्रश्न-1010

रोम के साथ जारी लाभदायक व्यापार
कोलार की ख़ान पर अधिकार
पूर्ववर्ती युग के व्यापार से संचित स्वर्ग
शकों से छीना गया मुद्रा भण्डार

6 निम्नलिखित में से एक की अन्य तीन से भिन्न गुणार्थकता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-239,प्रश्न-1081

सभा
नगरम
भुक्ति
उर

7 निम्नलिखित में से किस चोल शासक ने विष्णु की प्रतिमा समुद्र में फिकवा दी थी? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-243,प्रश्न-1133

कुलोत्तुंग प्रथम
कुलोत्तुंग द्वितीय
राजेन्द्र प्रथम
राजराज प्रथम

8 प्रसिद्ध अरब यात्री सुलेमान निम्नलिखित में से किसके समय में भारत आया? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-247,प्रश्न-1176

मिहिर भोज
महिपाल
दंतिदुर्ग
देवपाल

9 अंतिम जैन आराम वाचन किस नगर में आयोजित की गई थी? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-202,प्रश्न-493

मथुरा
वेणाकतहीपुर
सुपर्वत विजय चक्र
बल्लभी

10 सम्राट अशोक का नाम किस शिलालेख में प्राप्त होता है? (यूजीसी इतिहास,पृ.सं.-212,प्रश्न-662

मास्की का लघु शिलालेख
जौगढ़
दिल्ली टोपरा
लौरिया अरराज