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06:14, 20 अप्रैल 2019 के समय का अवतरण
कर्नाटक के पिछड़े इलाकों में जननी अम्मा के नाम से मशहूर सुलागित्ति नरसम्मा एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता तथा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित थीं। वह प्रसव के दौरान निशुल्क सेवाएं प्रदान करती थीं। उन्होंने लगभग 70 वर्षों तक यह कार्य किया।
परिचय
सुलागित्ति नरसम्मा का जन्म 1920 में कर्नाटक के तुमकुर जिले में हुआ था। सुलागित्ति नरसम्मा विद्यालय में जाकर शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकीं, परन्तु उन्होंने अपनी दादी से प्रसव कार्य का कौशल सीखा और 20 वर्ष की आयु से ही प्रसव कार्य शुरू किया। नरसम्मा ने अपने पूरे जीवनकाल में लगभग 15 हज़ार गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया था।
निधन
लगातार सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रहने वाली नरसम्मा कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। 25 दिसम्बर 2018 को उनका निधन हो गया। वह 98 साल की थीं।
पुरस्कार
सुलागित्ति नरसम्मा को तुमकुर विश्वविद्यालय ने 2014 में मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की थी।
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 20 मार्च, 2018 में उन्हें पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था।
- वर्ष 2013 में उन्हें नेशनल सिटीजन अवार्ड प्रदान किया गया था।
- वर्ष 2013 में उन्हें कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार प्रदान किया गया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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