"नबाम तुकी": अवतरणों में अंतर

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वर्ष [[1983]] में नबाम तुकी एनएसयूआई अरुणाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चुने गए। वर्ष [[1986]] से [[1988]] तक वे 'अखिल भारतीय एनएसयूआई' के महासचिव बने। वर्ष [[1988]] से [[1995]] तक नबाम तुकी 'अरुणाचल प्रदेश युवा कांग्रेस' के अध्यक्ष रहे। [[1998]] से [[1993]] तक वे 'उत्तर पूर्वी युवा कांग्रेस समन्वय समिति' के वाइस चेयरमैन और वर्ष [[1993]] से [[1995]] तक एक ही संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सेवा करते रहे। [[1996]] में नबाम तुकी 'पूर्वोत्तर एनएसयूआई समन्वय समिति' के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए थे। वे सक्रिय रूप से [[खेल]] में और पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण में भी दिलचस्पी रखते हैं। नबाम तुकी 'अरुणाचल क्रिकेट संघ' के अध्यक्ष हैं। परिवार में उनके दो बेटे और पांच बेटियां हैं।<ref name="trt">{{cite web |url=https://hindi.mapsofindia.com/who-is-who/government-politics/nabam-tuki-in-hindi |title=नबाम तुकी की जीवनी|accessmonthday=09 फरवरी |accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.mapsofindia.com |language=हिंदी}}</ref>
वर्ष [[1983]] में नबाम तुकी एनएसयूआई अरुणाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चुने गए। वर्ष [[1986]] से [[1988]] तक वे 'अखिल भारतीय एनएसयूआई' के महासचिव बने। वर्ष [[1988]] से [[1995]] तक नबाम तुकी 'अरुणाचल प्रदेश युवा कांग्रेस' के अध्यक्ष रहे। [[1998]] से [[1993]] तक वे 'उत्तर पूर्वी युवा कांग्रेस समन्वय समिति' के वाइस चेयरमैन और वर्ष [[1993]] से [[1995]] तक एक ही संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सेवा करते रहे। [[1996]] में नबाम तुकी 'पूर्वोत्तर एनएसयूआई समन्वय समिति' के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए थे। वे सक्रिय रूप से [[खेल]] में और पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण में भी दिलचस्पी रखते हैं। नबाम तुकी 'अरुणाचल क्रिकेट संघ' के अध्यक्ष हैं। परिवार में उनके दो बेटे और पांच बेटियां हैं।<ref name="trt">{{cite web |url=https://hindi.mapsofindia.com/who-is-who/government-politics/nabam-tuki-in-hindi |title=नबाम तुकी की जीवनी|accessmonthday=09 फरवरी |accessyear=2020 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.mapsofindia.com |language=हिंदी}}</ref>
==राजनीतिक कॅरियर==
==राजनीतिक कॅरियर==
वर्ष [[1995]] में नबाम तुकी को संगाली विधानसभा से विधायक के रूप में चुना गया और इसके बाद [[मुख्यमंत्री]] [[गेगोंग अपांग]] ने इन्हें मंत्रियों की परिषद में शामिल किया था। [[21 मार्च]] [[1995]] को नबाम तुकी कृषि विभाग के उपमंत्री बने। इसके बाद नबाम तुकी ने कई पदों पर मंत्री के रूप में कार्य किया। [[सितंबर]] [[1996]] में वे सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण मंत्री और वर्ष [[1998]] में ट्रांसपोर्ट और नागरिक उड्यन मंत्री बने। [[1999]] में तुकी ने तीसरा विधानसभा चुनाव जीता और मुख्यमंत्री [[मुकुट मिथी]] द्वारा वन और पर्यावरण मंत्री का पद उन्हें दिया गया।
वर्ष [[1995]] में नबाम तुकी को संगाली [[विधानसभा]] से [[विधायक]] के रूप में चुना गया और इसके बाद [[मुख्यमंत्री]] [[गेगोंग अपांग]] ने इन्हें मंत्रियों की परिषद में शामिल किया था। [[21 मार्च]] [[1995]] को नबाम तुकी कृषि विभाग के उपमंत्री बने। इसके बाद नबाम तुकी ने कई पदों पर मंत्री के रूप में कार्य किया। [[सितंबर]] [[1996]] में वे सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण मंत्री और [[वर्ष]] [[1998]] में ट्रांसपोर्ट और नागरिक उड्यन मंत्री बने। [[1999]] में तुकी ने तीसरा विधानसभा चुनाव जीता और मुख्यमंत्री [[मुकुट मिथी]] द्वारा वन और पर्यावरण मंत्री का पद उन्हें दिया गया।


[[2004]] में नबाम तुकी संगाली से अपने चौथे विधानसभा चुनाव के लिए निर्विरोध चुने गए थे और शहरी विकास मंत्री के रूप में लोक निर्माण विभाग और शहरी विकास मंत्री बने, नबाम तुकी ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में सड़कों का विकास, पुलों का निर्माण और दुर्गम इलाकों में भूमिगत नालियों का निर्माण करवाया था। वे दिवंगत ओमम मोयोंग देवरी के बाद अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे थे। [[2009]] के विधानसभा चुनावों में [[कांग्रेस]] ने 60 सीटों में से 42 सीटों पर जीत हासिल की और सरकार का गठन किया।  
[[2004]] में नबाम तुकी संगाली से अपने चौथे विधानसभा चुनाव के लिए निर्विरोध चुने गए थे और शहरी विकास मंत्री के रूप में लोक निर्माण विभाग और शहरी विकास मंत्री बने, नबाम तुकी ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में सड़कों का विकास, पुलों का निर्माण और दुर्गम इलाकों में भूमिगत नालियों का निर्माण करवाया था। वे दिवंगत ओमम मोयोंग देवरी के बाद अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे थे। [[2009]] के विधानसभा चुनावों में [[कांग्रेस]] ने 60 सीटों में से 42 सीटों पर जीत हासिल की और सरकार का गठन किया।  


[[13 अक्टूबर]] 2009 को नबाम तुकी संगाली निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा चुने गए और [[मुख्यमंत्री]] [[दोरजी खांडू]] द्वारा सार्वजनिक कार्यों के लिए मंत्री का पद दिया गया। [[अप्रैल]] [[2010]] में मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की दुर्भाग्यवश हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई और [[जारबोम गामलिन]] को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। [[कांग्रेस]] के अंदर अपने आधिकारिक नियम के खिलाफ एक आंतरिक विद्रोह चल रहा था और जिसकी वजह से चार महीने तक राज्य में राजनीतिक संकट बना रहा। नबाम तुकी संवेदनशील राज्य सीमा के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित किए गए थे।<ref name="trt"/>
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07:00, 10 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण

नबाम तुकी
नबाम तुकी
नबाम तुकी
पूरा नाम नबाम तुकी
जन्म 7 जुलाई 1964
जन्म भूमि ओम्पूली, अरुणाचल प्रदेश
अभिभावक पिता- नबम तेकहे
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि 7वें मुख्यमंत्री, अरुणाचल प्रदेश
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पद मुख्यमंत्री
कार्य काल प्रथम - 1 नवंबर 2011 से 26 जनवरी 2016 तक

द्वितीय - 13 जुलाई 2016 से 17 जुलाई 2016 तक

अन्य जानकारी 2004 में नबाम तुकी संगाली से अपने चौथे विधानसभा चुनाव के लिए निर्विरोध चुने गए थे और शहरी विकास मंत्री के रूप में लोक निर्माण विभाग और शहरी विकास मंत्री बने थे।
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नबाम तुकी (अंग्रेज़ी: Nabam Tuki, जन्म- 7 जुलाई 1964, ओम्पूली, अरुणाचल प्रदेश) भारतीय राजनीतिज्ञ और अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वह 1 नवंबर 2011 से 26 जनवरी 2016 तक तथा फिर 13 जुलाई 2016 से 17 जुलाई 2016 तक, दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। 13 अक्टूबर 2009 को नबाम तुकी संगाली निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार चुने गए थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री दोरजी खांडू द्वारा सार्वजनिक कार्यों के लिए उन्हें मंत्री का पद दिया गया था।

परिचय

नबाम तुकी का जन्म 7 जुलाई, 1964 को अरुणाचल प्रदेश के पापम पेरे जिले में संगाली के पास ओम्पूली में हुआ था। उनके पिता का नाम नबम तेकहे था। नबाम तुकी 'नाइशी' आदिवासी समुदायों के अंतर्गत आते हैं और बचपन से सामाजिक सेवा के प्रति भावुक थे। हालांकि, नबाम तुकी अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने में समर्थ नहीं थे, लेकिन एक छात्र नेता की श्रेणी के रूप उभर कर समाने आये थे। उन्होंने अपने छात्र दिनों से ही राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू कर दिया था। वे छात्र संगठन से राष्ट्रीय राजनीति में शामिल हो गए।

वर्ष 1983 में नबाम तुकी एनएसयूआई अरुणाचल प्रदेश इकाई के अध्यक्ष चुने गए। वर्ष 1986 से 1988 तक वे 'अखिल भारतीय एनएसयूआई' के महासचिव बने। वर्ष 1988 से 1995 तक नबाम तुकी 'अरुणाचल प्रदेश युवा कांग्रेस' के अध्यक्ष रहे। 1998 से 1993 तक वे 'उत्तर पूर्वी युवा कांग्रेस समन्वय समिति' के वाइस चेयरमैन और वर्ष 1993 से 1995 तक एक ही संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सेवा करते रहे। 1996 में नबाम तुकी 'पूर्वोत्तर एनएसयूआई समन्वय समिति' के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए थे। वे सक्रिय रूप से खेल में और पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण में भी दिलचस्पी रखते हैं। नबाम तुकी 'अरुणाचल क्रिकेट संघ' के अध्यक्ष हैं। परिवार में उनके दो बेटे और पांच बेटियां हैं।[1]

राजनीतिक कॅरियर

वर्ष 1995 में नबाम तुकी को संगाली विधानसभा से विधायक के रूप में चुना गया और इसके बाद मुख्यमंत्री गेगोंग अपांग ने इन्हें मंत्रियों की परिषद में शामिल किया था। 21 मार्च 1995 को नबाम तुकी कृषि विभाग के उपमंत्री बने। इसके बाद नबाम तुकी ने कई पदों पर मंत्री के रूप में कार्य किया। सितंबर 1996 में वे सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण मंत्री और वर्ष 1998 में ट्रांसपोर्ट और नागरिक उड्यन मंत्री बने। 1999 में तुकी ने तीसरा विधानसभा चुनाव जीता और मुख्यमंत्री मुकुट मिथी द्वारा वन और पर्यावरण मंत्री का पद उन्हें दिया गया।

2004 में नबाम तुकी संगाली से अपने चौथे विधानसभा चुनाव के लिए निर्विरोध चुने गए थे और शहरी विकास मंत्री के रूप में लोक निर्माण विभाग और शहरी विकास मंत्री बने, नबाम तुकी ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में सड़कों का विकास, पुलों का निर्माण और दुर्गम इलाकों में भूमिगत नालियों का निर्माण करवाया था। वे दिवंगत ओमम मोयोंग देवरी के बाद अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे थे। 2009 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 60 सीटों में से 42 सीटों पर जीत हासिल की और सरकार का गठन किया।

13 अक्टूबर 2009 को नबाम तुकी संगाली निर्वाचन क्षेत्र से दोबारा चुने गए और मुख्यमंत्री दोरजी खांडू द्वारा सार्वजनिक कार्यों के लिए मंत्री का पद दिया गया। अप्रैल 2010 में मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की दुर्भाग्यवश हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई और जारबोम गामलिन को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। कांग्रेस के अंदर अपने आधिकारिक नियम के खिलाफ एक आंतरिक विद्रोह चल रहा था और जिसकी वजह से चार महीने तक राज्य में राजनीतिक संकट बना रहा। नबाम तुकी संवेदनशील राज्य सीमा के सातवें मुख्यमंत्री के रूप में निर्वाचित किए गए थे।[1]

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 नबाम तुकी की जीवनी (हिंदी) hindi.mapsofindia.com। अभिगमन तिथि: 09 फरवरी, 2020।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ मुख्यमंत्री
क्रमांक राज्य मुख्यमंत्री तस्वीर पार्टी पदभार ग्रहण
1. अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू
भाजपा 17 जुलाई, 2016
2. असम हिमंता बिस्वा सरमा
भाजपा 10 मई, 2021
3. आंध्र प्रदेश वाई एस जगनमोहन रेड्डी
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 30 मई, 2019
4. उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ
भाजपा 19 मार्च, 2017
5. उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी
भाजपा 4 जुलाई, 2021
6. ओडिशा नवीन पटनायक
बीजू जनता दल 5 मार्च, 2000
7. कर्नाटक सिद्धारमैया
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 20 मई, 2023
8. केरल पिनाराई विजयन
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 25 मई, 2016
9. गुजरात भूपेन्द्र पटेल
भाजपा 12 सितम्बर, 2021
10. गोवा प्रमोद सावंत
भाजपा 19 मार्च, 2019
11. छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय
भारतीय जनता पार्टी 13 दिसम्बर, 2023
12. जम्मू-कश्मीर रिक्त (राज्यपाल शासन) लागू नहीं 20 जून, 2018
13. झारखण्ड हेमन्त सोरेन
झारखंड मुक्ति मोर्चा 29 दिसम्बर, 2019
14. तमिल नाडु एम. के. स्टालिन
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम 7 मई, 2021
15. त्रिपुरा माणिक साहा
भाजपा 15 मई, 2022
16. तेलंगाना अनुमुला रेवंत रेड्डी
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस 7 दिसंबर, 2023
17. दिल्ली अरविन्द केजरीवाल
आप 14 फ़रवरी, 2015
18. नागालैण्ड नेफियू रियो
एनडीपीपी 8 मार्च, 2018
19. पंजाब भगवंत मान
आम आदमी पार्टी 16 मार्च, 2022
20. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी
तृणमूल कांग्रेस 20 मई, 2011
21. पुदुचेरी एन. रंगास्वामी
कांग्रेस 7 मई, 2021
22. बिहार नितीश कुमार
जदयू 27 जुलाई, 2017
23. मणिपुर एन. बीरेन सिंह
भाजपा 15 मार्च, 2017
24. मध्य प्रदेश मोहन यादव
भाजपा 13 दिसंबर, 2023
25. महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे
शिव सेना 30 जून, 2022
26. मिज़ोरम लालदुहोमा
जोरम पीपल्स मूवमेंट 8 दिसम्बर, 2023
27. मेघालय कॉनराड संगमा
एनपीपी 6 मार्च, 2018
28. राजस्थान भजन लाल शर्मा
भारतीय जनता पार्टी 15 दिसम्बर, 2023
29. सिक्किम प्रेम सिंह तमांग
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 27 मई, 2019
30. हरियाणा नायब सिंह सैनी
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31. हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुक्खू
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