"अबुल हसन (चित्रकार)": अवतरणों में अंतर
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*जहाँगीर के समय के सर्वोत्कृष्ट चित्रकार [[उस्ताद मंसूर]] और अबुल हसन थे। | *जहाँगीर के समय के सर्वोत्कृष्ट चित्रकार [[उस्ताद मंसूर]] और अबुल हसन थे। | ||
*बादशाह ने उन दोनों को क्रमशः "नादिर-उल-असरर" (उस्ताद मंसूर) और "नादिर-उद्-जमा" (अबुल हसन) की उपाधियाँ दी थींं। | *बादशाह ने उन दोनों को क्रमशः "नादिर-उल-असरर" (उस्ताद मंसूर) और "नादिर-उद्-जमा" (अबुल हसन) की उपाधियाँ दी थींं। | ||
*अबुल हसन ने [[तुजुक-ए-जहाँगीरी]] के मुखपृष्ठ के लिए चित्र बनाया था। | |||
*[[लंदन]] की एक लाइब्रेरी में एक अद्भुत चित्र उपलब्ध है, जिसमें एक चिनार के पेड़ पर असंख्य गिलहरियाँ अनेक प्रकार की मुद्राओं में चित्रित हैं। यह चित्र संभवतः अबुल हसन का माना जाता है, किन्तु यदि पृष्ठ भाग पर अंकित नामों का प्रभाव माना जाए तो इसे [[उस्ताद मंसूर]] एवं अबुल हसन की संयुक्त कृति मानना पड़ेगा। | |||
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08:11, 5 मई 2020 का अवतरण
अबुल हसन | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अबुल हसन (बहुविकल्पी) |
अबुल हसन मुग़ल बादशाह जहाँगीर का प्रसिद्ध चित्रकार था।
- अबुल हसन, आकारिजा का पुत्र था। वह बादशाह की छाया में ही रहकर बड़ा हुआ था। उसने 13 वर्ष की आयु में ही (1600ई.) में सबसे पहले ड्यूटर के संत जान पॉल के तस्वीर की एक नकल बनाई थी।
- जहाँगीर के समय के सर्वोत्कृष्ट चित्रकार उस्ताद मंसूर और अबुल हसन थे।
- बादशाह ने उन दोनों को क्रमशः "नादिर-उल-असरर" (उस्ताद मंसूर) और "नादिर-उद्-जमा" (अबुल हसन) की उपाधियाँ दी थींं।
- अबुल हसन ने तुजुक-ए-जहाँगीरी के मुखपृष्ठ के लिए चित्र बनाया था।
- लंदन की एक लाइब्रेरी में एक अद्भुत चित्र उपलब्ध है, जिसमें एक चिनार के पेड़ पर असंख्य गिलहरियाँ अनेक प्रकार की मुद्राओं में चित्रित हैं। यह चित्र संभवतः अबुल हसन का माना जाता है, किन्तु यदि पृष्ठ भाग पर अंकित नामों का प्रभाव माना जाए तो इसे उस्ताद मंसूर एवं अबुल हसन की संयुक्त कृति मानना पड़ेगा।
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