"ग्यारसपुर": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''ग्यारसपुर''' [[मध्य प्रदेश]] में [[विदिशा]] का एक सबसे महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।<br /> | '''ग्यारसपुर''' [[मध्य प्रदेश]] में [[विदिशा]] का एक सबसे महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है। यह इसी नाम की [[तहसील]] का मुख्यालय भी है।<br /> | ||
<br /> | <br /> | ||
*संपूर्ण दशार्ण क्षेत्र में ग्यारसपुर को विदिशा के बाद सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान कहा जाता है। | *संपूर्ण [[दशार्ण (मध्य प्रदेश)|दशार्ण क्षेत्र]] में ग्यारसपुर को विदिशा के बाद सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान कहा जाता है। | ||
*यह विदिशा से पूर्वोत्तर दिशा में 23 मील की दूरी पर एक पहाड़ी की उपत्यका में बसा हुआ है। | *यह विदिशा से पूर्वोत्तर दिशा में 23 मील की दूरी पर एक पहाड़ी की उपत्यका में बसा हुआ है। | ||
*इसके इर्द-गिर्द मिले अवशेषों से पता चलता है कि यहाँ [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]], [[जैन धर्म|जैन]] तथा [[ब्राह्मण]] तीनों संप्रदायों का प्रभाव रहा है। | *इसके इर्द-गिर्द मिले अवशेषों से पता चलता है कि यहाँ [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]], [[जैन धर्म|जैन]] तथा [[ब्राह्मण]] तीनों संप्रदायों का प्रभाव रहा है। |
17:31, 18 जुलाई 2020 के समय का अवतरण
ग्यारसपुर मध्य प्रदेश में विदिशा का एक सबसे महत्त्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।
- संपूर्ण दशार्ण क्षेत्र में ग्यारसपुर को विदिशा के बाद सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थान कहा जाता है।
- यह विदिशा से पूर्वोत्तर दिशा में 23 मील की दूरी पर एक पहाड़ी की उपत्यका में बसा हुआ है।
- इसके इर्द-गिर्द मिले अवशेषों से पता चलता है कि यहाँ बौद्ध, जैन तथा ब्राह्मण तीनों संप्रदायों का प्रभाव रहा है।
- ग्यारसपुर में स्थित मुख्य स्मारक हैं[1]-
|
|
|
|
|