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}}'''भोला पासवान शास्त्री''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bhola Paswan Shastri'', जन्म- [[21 सितंबर]], [[1914]], पूर्णिया ज़िला, [[बिहार]]; मृत्यु- [[4 सितंबर]], [[1984]], [[पटना]], [[बिहार]]) भारतीय राजनीतिज्ञ और बिहार के आठवें मुख्यमंत्री थे। वह तीन बार [[बिहार के मुख्यमंत्री]] रहे- [[22 मार्च]] [[1968]] से [[29 जून]] [[1968]] तक, फिर [[22 जून]] [[1969]] से [[4 जुलाई]] [[1969]] तक और फिर तीसरी बार [[2 जून]] [[1971]] से [[9 जनवरी]] [[1972]] तक।  
}}'''भोला पासवान शास्त्री''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bhola Paswan Shastri'', जन्म- [[21 सितंबर]], [[1914]], पूर्णिया ज़िला, [[बिहार]]; मृत्यु- [[4 सितंबर]], [[1984]], [[पटना]], [[बिहार]]) भारतीय राजनीतिज्ञ और बिहार के आठवें मुख्यमंत्री थे। वह तीन बार [[बिहार के मुख्यमंत्री]] रहे- [[22 मार्च]] [[1968]] से [[29 जून]] [[1968]] तक, फिर [[22 जून]] [[1969]] से [[4 जुलाई]] [[1969]] तक और फिर तीसरी बार [[2 जून]] [[1971]] से [[9 जनवरी]] [[1972]] तक।  
==परिचय==
==परिचय==
भोला पासवान शास्त्री को '''बिहार की राजनीति का विदेह''' कहा जाता है। भोला पासवान शास्त्री सादा जीवन और उच्च विचार के व्यक्तित्व के थे और हमेशा सादगी से जीते रहे। उन्होंने कभी भी निजी तौर पर धन नहीं बनाया और इसी कारण से बिहार की राजनीति के वे विदेह कहे गए। भोला पासवान शास्त्री का जन्म 21 सितंबर 1914 को पूर्णिया जिले के बैरगाछी गांव में एक साधारण दलित [[परिवार]] में हुआ। दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री की डिग्री लेने के कारण उनके नाम के साथ 'शास्त्री' लगा था। भोला पासवान शास्त्री, [[जवाहरलाल नेहरू]] के निकटतम नेता थे और [[बी। आर। अम्बेडकर|बाबा साहब अम्बेडकर]] के नेहरू जी से मतान्तर होने के बाजजूद नेहरू जी के साथ रहे। [[बिहार]] में भोला पासवान शास्त्री आठवें सीएम थे।
भोला पासवान शास्त्री को '''बिहार की राजनीति का विदेह''' कहा जाता है। भोला पासवान शास्त्री सादा जीवन और उच्च विचार के व्यक्तित्व के थे और हमेशा सादगी से जीते रहे। उन्होंने कभी भी निजी तौर पर धन नहीं बनाया और इसी कारण से बिहार की राजनीति के वे विदेह कहे गए। भोला पासवान शास्त्री का जन्म 21 सितंबर 1914 को पूर्णिया जिले के बैरगाछी गांव में एक साधारण दलित [[परिवार]] में हुआ। दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री की डिग्री लेने के कारण उनके नाम के साथ 'शास्त्री' लगा था। भोला पासवान शास्त्री, [[जवाहरलाल नेहरू]] के निकटतम नेता थे और [[बी. आर. अम्बेडकर|बाबा साहब अम्बेडकर]] के नेहरू जी से मतान्तर होने के बाजजूद नेहरू जी के साथ रहे। [[बिहार]] में भोला पासवान शास्त्री आठवें सीएम थे।


[[इंदिरा गाँधी]] ने इन्हें तीन दफा बिहार का मुख्यमंत्री और एक या दो बार केंद्र में मंत्री बनाया। मगर इनकी ईमानदारी ऐसी थी कि मरे तो खाते में इतने पैसे नहीं थे कि ठीक से [[श्राद्ध|श्राद्ध कर्म]] हो सके। बिरंची पासवान जो शास्त्री जी के भतीजे हैं, उन्होंने ही शास्त्री जी को मुखाग्नि दी थी। शास्त्री जी को अपनी कोई संतान नहीं थी। विवाहित जरूर थे मगर पत्नी से अलग हो गये थे। पूर्णिया के तत्कालीन जिलाधीश ने इनका श्राद्ध कर्म करवाया था। गांव के सभी लोगों को गाड़ी से पूर्णिया ले जाया गया था। चुंकि मुखाग्नि उन्होंने दी थी सो श्राद्ध भी उनके ही हाथों सम्पन्न हुआ।
[[इंदिरा गाँधी]] ने इन्हें तीन दफा बिहार का मुख्यमंत्री और एक या दो बार केंद्र में मंत्री बनाया। मगर इनकी ईमानदारी ऐसी थी कि मरे तो खाते में इतने पैसे नहीं थे कि ठीक से [[श्राद्ध|श्राद्ध कर्म]] हो सके। बिरंची पासवान जो शास्त्री जी के भतीजे हैं, उन्होंने ही शास्त्री जी को मुखाग्नि दी थी। शास्त्री जी को अपनी कोई संतान नहीं थी। विवाहित जरूर थे मगर पत्नी से अलग हो गये थे। पूर्णिया के तत्कालीन जिलाधीश ने इनका श्राद्ध कर्म करवाया था। गांव के सभी लोगों को गाड़ी से पूर्णिया ले जाया गया था। चुंकि मुखाग्नि उन्होंने दी थी सो श्राद्ध भी उनके ही हाथों सम्पन्न हुआ।

09:32, 23 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

भोला पासवान शास्त्री
भोला पासवान शास्त्री
भोला पासवान शास्त्री
पूरा नाम भोला पासवान शास्त्री
जन्म 21 सितंबर, 1914
जन्म भूमि बैरगाछी गांव, पूर्णिया ज़िला, बिहार
मृत्यु 4 सितंबर, 1984
मृत्यु स्थान पटना, बिहार
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पद मुख्यमंत्री, बिहार (तीन बार)
कार्य काल प्रथम- 22 मार्च 1968 से 29 जून 1968 तक

द्वितीय- 22 जून 1969 से 4 जुलाई 1969 तक
तृतीय- 2 जून 1971 से 9 जनवरी 1972

शिक्षा शास्त्री की डिग्री
विद्यालय दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय
संबंधित लेख मुख्यमंत्री, बिहार के मुख्यमंत्री
अन्य जानकारी सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और सार्वजनिक संपत्ति से खुद को दूर रखने के कारण ही भोला पासवान शास्त्री "बिहार की राजनीति के विदेह" कहे गए।

भोला पासवान शास्त्री (अंग्रेज़ी: Bhola Paswan Shastri, जन्म- 21 सितंबर, 1914, पूर्णिया ज़िला, बिहार; मृत्यु- 4 सितंबर, 1984, पटना, बिहार) भारतीय राजनीतिज्ञ और बिहार के आठवें मुख्यमंत्री थे। वह तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे- 22 मार्च 1968 से 29 जून 1968 तक, फिर 22 जून 1969 से 4 जुलाई 1969 तक और फिर तीसरी बार 2 जून 1971 से 9 जनवरी 1972 तक।

परिचय

भोला पासवान शास्त्री को बिहार की राजनीति का विदेह कहा जाता है। भोला पासवान शास्त्री सादा जीवन और उच्च विचार के व्यक्तित्व के थे और हमेशा सादगी से जीते रहे। उन्होंने कभी भी निजी तौर पर धन नहीं बनाया और इसी कारण से बिहार की राजनीति के वे विदेह कहे गए। भोला पासवान शास्त्री का जन्म 21 सितंबर 1914 को पूर्णिया जिले के बैरगाछी गांव में एक साधारण दलित परिवार में हुआ। दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री की डिग्री लेने के कारण उनके नाम के साथ 'शास्त्री' लगा था। भोला पासवान शास्त्री, जवाहरलाल नेहरू के निकटतम नेता थे और बाबा साहब अम्बेडकर के नेहरू जी से मतान्तर होने के बाजजूद नेहरू जी के साथ रहे। बिहार में भोला पासवान शास्त्री आठवें सीएम थे।

इंदिरा गाँधी ने इन्हें तीन दफा बिहार का मुख्यमंत्री और एक या दो बार केंद्र में मंत्री बनाया। मगर इनकी ईमानदारी ऐसी थी कि मरे तो खाते में इतने पैसे नहीं थे कि ठीक से श्राद्ध कर्म हो सके। बिरंची पासवान जो शास्त्री जी के भतीजे हैं, उन्होंने ही शास्त्री जी को मुखाग्नि दी थी। शास्त्री जी को अपनी कोई संतान नहीं थी। विवाहित जरूर थे मगर पत्नी से अलग हो गये थे। पूर्णिया के तत्कालीन जिलाधीश ने इनका श्राद्ध कर्म करवाया था। गांव के सभी लोगों को गाड़ी से पूर्णिया ले जाया गया था। चुंकि मुखाग्नि उन्होंने दी थी सो श्राद्ध भी उनके ही हाथों सम्पन्न हुआ।

सादा जीवन शैली

भोला पासवान शास्त्री के समकालीन पूर्णिया के सांसद फणि गोपाल सेन थे और दोनों सादगी भरे जीवन शैली के लिए जाने जाते थे। बिहार के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भोला पासवान शास्त्री की जयंती पूर्णिया में और पटना में राजकीय स्तर पर मनाई जाती है। भोला पासवान शास्‍त्री को ऐसे मुख्यमंत्री के रूप में याद किया जाता है जो पेड़ के नीचे जमीन पर कंबल बिछाकर बैठने में संकोच नहीं करते थे। उन्होंने कोई धन संग्रह नहीं किया। उनके परिजन आज भी समान्य जीवन जीते हैं जिन्हें सरकार ने समय-समय पर थोड़ी मदद भी दी है। अब उनके गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क बन गई है।

सीएम, सांसद और मंत्री

भोला पासवान शास्त्री की जयंती के मौके पर भोला पासवान शास्त्री के गांव बैरगाछी और उनके स्मारक स्थल काझा कोठी में माल्यार्पण और सर्वधर्म प्रार्थना सभा की जाती है। वे सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और सार्वजनिक संपत्ति से खुद को दूर रहने के कारण बिहार की राजनीति के 'विदेह' कहे गए। वे 1972 में राज्यसभा सांसद भी मनोनीत हुए और केन्द्र सरकार में मंत्री भी बने।

नहीं जमा की कोई संपत्ति

भोला पासवान शास्त्री ने मिसाल पेश करते हुए पूर्णिया अथवा अपने गांव बैरगाछी में कोई संपत्ति जमा नहीं की और आम आदमी की तरह जिंदगी जी। यहां तक लाभ के पद से परिजनों को दूर रखा। उनका गांव घर और उनके परिजन आज भी सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। वे मंत्री और मुख्यमंत्री रहते हुए भी पेड़ के नीचे जमीन पर कंबल बिछाकर बैठने में संकोच नहीं करते थे और वहीं पर अधिकारियों से मीटिंग कर शासकीय संचिकाओं का निपटारा भी कर दिया करते थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ मुख्यमंत्री
क्रमांक राज्य मुख्यमंत्री तस्वीर पार्टी पदभार ग्रहण
1. अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू
भाजपा 17 जुलाई, 2016
2. असम हिमंता बिस्वा सरमा
भाजपा 10 मई, 2021
3. आंध्र प्रदेश वाई एस जगनमोहन रेड्डी
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 30 मई, 2019
4. उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ
भाजपा 19 मार्च, 2017
5. उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी
भाजपा 4 जुलाई, 2021
6. ओडिशा नवीन पटनायक
बीजू जनता दल 5 मार्च, 2000
7. कर्नाटक सिद्धारमैया
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 20 मई, 2023
8. केरल पिनाराई विजयन
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 25 मई, 2016
9. गुजरात भूपेन्द्र पटेल
भाजपा 12 सितम्बर, 2021
10. गोवा प्रमोद सावंत
भाजपा 19 मार्च, 2019
11. छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय
भारतीय जनता पार्टी 13 दिसम्बर, 2023
12. जम्मू-कश्मीर रिक्त (राज्यपाल शासन) लागू नहीं 20 जून, 2018
13. झारखण्ड हेमन्त सोरेन
झारखंड मुक्ति मोर्चा 29 दिसम्बर, 2019
14. तमिल नाडु एम. के. स्टालिन
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम 7 मई, 2021
15. त्रिपुरा माणिक साहा
भाजपा 15 मई, 2022
16. तेलंगाना अनुमुला रेवंत रेड्डी
भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस 7 दिसंबर, 2023
17. दिल्ली अरविन्द केजरीवाल
आप 14 फ़रवरी, 2015
18. नागालैण्ड नेफियू रियो
एनडीपीपी 8 मार्च, 2018
19. पंजाब भगवंत मान
आम आदमी पार्टी 16 मार्च, 2022
20. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी
तृणमूल कांग्रेस 20 मई, 2011
21. पुदुचेरी एन. रंगास्वामी
कांग्रेस 7 मई, 2021
22. बिहार नितीश कुमार
जदयू 27 जुलाई, 2017
23. मणिपुर एन. बीरेन सिंह
भाजपा 15 मार्च, 2017
24. मध्य प्रदेश मोहन यादव
भाजपा 13 दिसंबर, 2023
25. महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे
शिव सेना 30 जून, 2022
26. मिज़ोरम लालदुहोमा
जोरम पीपल्स मूवमेंट 8 दिसम्बर, 2023
27. मेघालय कॉनराड संगमा
एनपीपी 6 मार्च, 2018
28. राजस्थान भजन लाल शर्मा
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30. हरियाणा नायब सिंह सैनी
भाजपा 12 मार्च, 2024
31. हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुक्खू
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