"गौडपाद भाष्य": अवतरणों में अंतर

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*गौडपाद भाष्य केवल 69 कारिकाओं पर ही उपलब्ध है।  
*गौडपाद भाष्य केवल 69 कारिकाओं पर ही उपलब्ध है।  
*सांख्यकारिका तथा माण्डूक्यकारिका के भाष्यकार एक ही गौडपाद है या भिन्न, यह भी असंदिग्धत: नहीं कहा जा सकता।
*सांख्यकारिका तथा माण्डूक्यकारिका के भाष्यकार एक ही गौडपाद है या भिन्न, यह भी असंदिग्धत: नहीं कहा जा सकता।
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14:16, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • सांख्यकारिकाओं की टीकाओं में संभवत: भाष्य नाम से यही ग्रंथ उपलब्ध है।
  • परमार्थ कृत चीनी भाषा में टीका, सांख्यवृत्ति, सांख्य सप्ततिवृत्ति तथा माठर वृत्ति से इसका पर्याप्त साम्य है।
  • विशेषकर सुवर्णसप्तति शास्त्र (चीनी टीका का संस्कृत रूपांतर) के सप्ततत्त्वात्मक सूक्ष्म शरीर की मान्यता के समान आठ तत्त्वों के शरीर की चर्चा मात्र गौडपाद भाष्य में ही उपलब्ध है।
  • गौडपाद भाष्य केवल 69 कारिकाओं पर ही उपलब्ध है।
  • सांख्यकारिका तथा माण्डूक्यकारिका के भाष्यकार एक ही गौडपाद है या भिन्न, यह भी असंदिग्धत: नहीं कहा जा सकता।

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