"लोकाई प्रथा": अवतरणों में अंतर
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'''लोकाई प्रथा''' [[भारत]] के कई आदिवासी समुदायों में प्रचलित है। [[राजस्थान]] की कई प्रथाओं में से यह भी एक है। आदिवासियों में जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तब मृत्युभोज दिया जाता है। इस मृत्युभोज को ही 'लोकाई' या 'कांदिया' कहा जाता है। | '''लोकाई प्रथा''' [[भारत]] के कई आदिवासी समुदायों में प्रचलित है। [[राजस्थान]] की कई प्रथाओं में से यह भी एक है। आदिवासियों में जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तब मृत्युभोज दिया जाता है। इस मृत्युभोज को ही 'लोकाई' या 'कांदिया' कहा जाता है। | ||
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15:12, 23 मई 2021 के समय का अवतरण
लोकाई प्रथा भारत के कई आदिवासी समुदायों में प्रचलित है। राजस्थान की कई प्रथाओं में से यह भी एक है। आदिवासियों में जब किसी की मृत्यु हो जाती है, तब मृत्युभोज दिया जाता है। इस मृत्युभोज को ही 'लोकाई' या 'कांदिया' कहा जाता है।
इन्हें भी देखें: राजस्थान की जनजातियाँ एवं राजस्थान की संस्कृति
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