"अरविंद त्रिवेदी": अवतरणों में अंतर

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==परिचय==
==परिचय==
अरविंद त्रिवेदी का जन्म [[मध्य प्रदेश]] के [[उज्जैन]] शहर में हुआ था। उनका कॅरियर गुजराती [[रंगमंच]] से शुरू हुआ। उनके भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती सिनेमा का चर्चित नाम रहे हैं और गुजराती फिल्मों में एक्टिंग कर चुके हैं। [[हिंदी]] के पॉपुलर शो 'रामायण' से घर-घर पहचान बनाने वाले लंकेश यानी अरविंद त्रिवेदी ने लगभग 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में अभिनय किया। [[गुजराती भाषा]] की धार्मिक और सामाजिक फिल्मों से उन्हें गुजराती दर्शकों में पहचान मिली थी जहां उन्होंने 40 वर्षों तक योगदान दिया।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.bhaskar.com/entertainment/bollywood/news/arvind-trivedi-passed-away-arvind-trivedi-who-played-the-role-of-ravana-in-ramayana-died-at-83-was-ill-for-the-last-two-three-days-128994556.html?_branch_match_id=956463666382786450&utm_campaign=128994556&utm_medium=sharing |title=लंकेश के किरदार से मशहूर अरविंद त्रिवेदी का 83 साल की उम्र में निधन|accessmonthday=06 अक्टूबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bhaskar.com |language=हिंदी}}</ref>
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==राम भक्त==
टीवी स्क्रीन पर अरविंद त्रिवेदी भले ही [[राम]] से युद्ध करते दिखाई दिए, पर असल जीवन में वह राम के परम [[भक्त]] थे। उन्होंने खुद बताया था कि सीरियल में जब वह राम के खिलाफ कड़े शब्दों का प्रयोग करते थे तो बाद में भगवान से माफी मांगते थे। पिछले साल कोरोना [[लॉकडाउन]] में जब टीवी पर रामायण सीरियल फिर से प्रसारित होने लगा था तो टीवी चैनलों पर उनकी तस्वीरें भी सामने आईं। वह टीवी पर रामायण देखते दिखाई दिए थे।
जितनी बार भगवान राम की भूमिका में [[अरुण गोविल]] स्क्रीन पर दिखाई देते, अरविंद त्रिवेदी दोनों हाथों को जोड़कर प्रणाम कर लेते। इस सदी में जन्मी पीढ़ी को शायद यह जानकर ताज्जुब हो कि उस समय टीवी के सामने बैठे लोग भी भगवान राम की भूमिका में अरुण गोविल को देख हाथ जोड़ लेते थे, [[पूजा]] होती थी और जयकारे लग जाते थे। साल [[2020]] में मीडिया से बातचीत में [[परिवार]] के लोगों ने बताया था कि बुजुर्ग अरविंद त्रिवेदी का ज्यादातर समय भगवान की भक्ति में बीत रहा था।<ref name="ww">{{cite web |url=https://navbharattimes.indiatimes.com/india/arvind-trivedi-lankesh-died-know-all-about-his-political-career/articleshow/86800486.cms |title=खामोश हो गई 'रावण' की वो गर्जना|accessmonthday=06 अक्टूबर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=navbharattimes.indiatimes.com |language=हिंदी}}</ref>
==हिंदी-गुजराती फिल्मों में कार्य==
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==चुनाव भी लड़ा==
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===='रावण' को मिले 48 प्रतिशत से ज्यादा वोट====
सन [[1991]] के चुनाव में सांबरकाठा सीट से अरविंद त्रिवेदी (लंकेश) को 48.28% यानी कुल 168704 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर जेडी(जी) के उम्मीदवार मगनभाई मणिभाई पटेल को 37.86 प्रतिशत वोट (132286 वोट) मिले थे। तीसरे नंबर पर [[जनता दल]] के राजमोहन गांधी को 9.66 प्रतिशत और कुल 33746 वोट मिले थे। उस चुनाव में कुल 20 उम्मीदवार मैदान में थे और तीन उम्मीदवारों को छोड़ दें तो सभी को 01 प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे। उस समय लंकेश (अरविंद त्रिवेदी) की रैलियों में अपार भीड़ होती थी। लोग कई कि.मी. दूर से पैदल चलकर उन्हें देखने और सुनने के लिए आते थे। भले ही ऐसा मशहूर ऐक्टर चुनाव लड़ रहा था, पर उस समय भी उन्हें हराने के लिए दांव चले गए। वोट काटने के लिए उस चुनाव में दो और त्रिवेदी उम्मीदवार मैदान में उतरे या उतारे गए, लेकिन लंकेश ने भारी मतों से जीत दर्ज की।<ref name="ww"/>


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06:03, 6 अक्टूबर 2021 का अवतरण

अरविंद त्रिवेदी (अंग्रेज़ी: Arvind Trivedi, जन्म- 8 नवम्बर, 1938; मृत्यु- 6 अक्टूबर, 2021) भारतीय सिनेमा में छोटे परदे के प्रसिद्द कलाकार थे। दूरदर्शन पर आने वाले प्रसिद्ध धारावाहिक 'रामायण' में उन्होंने लंकापति रावण का किरदार निभाया था। 'मैं लंकाधिपति रावण...' 90 के दशक में रामानंद सागर के बहुचर्चित सीरियल रामायण में लंकेश का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी की आवाज़ जब गूंजती थी तो देखने वालों के भी रोंगटे खड़े हो जाते थे। इस सीरियल से अगर राम के रूप में अरुण गोविल को अमर पहचान मिली तो अभिनेता अरविंद त्रिवेदी की रावण की भूमिका भी यादगार बन गई।

परिचय

अरविंद त्रिवेदी का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में हुआ था। उनका कॅरियर गुजराती रंगमंच से शुरू हुआ। उनके भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती सिनेमा का चर्चित नाम रहे हैं और गुजराती फिल्मों में एक्टिंग कर चुके हैं। हिंदी के पॉपुलर शो 'रामायण' से घर-घर पहचान बनाने वाले लंकेश यानी अरविंद त्रिवेदी ने लगभग 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में अभिनय किया। गुजराती भाषा की धार्मिक और सामाजिक फिल्मों से उन्हें गुजराती दर्शकों में पहचान मिली थी जहां उन्होंने 40 वर्षों तक योगदान दिया।[1]

राम भक्त

टीवी स्क्रीन पर अरविंद त्रिवेदी भले ही राम से युद्ध करते दिखाई दिए, पर असल जीवन में वह राम के परम भक्त थे। उन्होंने खुद बताया था कि सीरियल में जब वह राम के खिलाफ कड़े शब्दों का प्रयोग करते थे तो बाद में भगवान से माफी मांगते थे। पिछले साल कोरोना लॉकडाउन में जब टीवी पर रामायण सीरियल फिर से प्रसारित होने लगा था तो टीवी चैनलों पर उनकी तस्वीरें भी सामने आईं। वह टीवी पर रामायण देखते दिखाई दिए थे।

जितनी बार भगवान राम की भूमिका में अरुण गोविल स्क्रीन पर दिखाई देते, अरविंद त्रिवेदी दोनों हाथों को जोड़कर प्रणाम कर लेते। इस सदी में जन्मी पीढ़ी को शायद यह जानकर ताज्जुब हो कि उस समय टीवी के सामने बैठे लोग भी भगवान राम की भूमिका में अरुण गोविल को देख हाथ जोड़ लेते थे, पूजा होती थी और जयकारे लग जाते थे। साल 2020 में मीडिया से बातचीत में परिवार के लोगों ने बताया था कि बुजुर्ग अरविंद त्रिवेदी का ज्यादातर समय भगवान की भक्ति में बीत रहा था।[2]

हिंदी-गुजराती फिल्मों में कार्य

रावण के रोल में अरविंद त्रिवेदी की गर्जना भला कौन भूल सकता है। अगर ऐक्टिंग के लिहाज से देखें तो उन्होंने रावण की भूमिका में जान ला दी थी। बाद में रामायण पर जितने भी सीरियल बने, सबमें रावण के किरदार को अरविंद त्रिवेदी की तरह कॉपी करने की कोशिश की गई। उन्होंने करीब 300 हिंदी और गुजराती फिल्मों में काम किया था।

चुनाव भी लड़ा

सिनेमा के साथ-साथ अरविंद त्रिवेदी का राजनीति से भी जुड़ाव रहा। लोकप्रियता चरम पर थी, जब उन्होंने भाजपा के टिकट पर साल 1991 में गुजरात की साबरकांठा सीट से चुनाव लड़ा और विजयी भी हुए। वह 1991 से 1996 तक लोकसभा के सांसद रहे। दिलचस्प है कि उस समय अरविंद त्रिवेदी अपने नाम से ज्यादा लंकेश नाम से मशहूर थे। वह जहां भी सभाएं करते, लोग उनसे रावण के डायलॉग बोलने को कहते। चुनाव संबंधी दस्तावेजों में भी उनका नाम अरविंद त्रिवेदी (लंकेश) लिखा मिलता है।

'रावण' को मिले 48 प्रतिशत से ज्यादा वोट

सन 1991 के चुनाव में सांबरकाठा सीट से अरविंद त्रिवेदी (लंकेश) को 48.28% यानी कुल 168704 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर जेडी(जी) के उम्मीदवार मगनभाई मणिभाई पटेल को 37.86 प्रतिशत वोट (132286 वोट) मिले थे। तीसरे नंबर पर जनता दल के राजमोहन गांधी को 9.66 प्रतिशत और कुल 33746 वोट मिले थे। उस चुनाव में कुल 20 उम्मीदवार मैदान में थे और तीन उम्मीदवारों को छोड़ दें तो सभी को 01 प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे। उस समय लंकेश (अरविंद त्रिवेदी) की रैलियों में अपार भीड़ होती थी। लोग कई कि.मी. दूर से पैदल चलकर उन्हें देखने और सुनने के लिए आते थे। भले ही ऐसा मशहूर ऐक्टर चुनाव लड़ रहा था, पर उस समय भी उन्हें हराने के लिए दांव चले गए। वोट काटने के लिए उस चुनाव में दो और त्रिवेदी उम्मीदवार मैदान में उतरे या उतारे गए, लेकिन लंकेश ने भारी मतों से जीत दर्ज की।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. लंकेश के किरदार से मशहूर अरविंद त्रिवेदी का 83 साल की उम्र में निधन (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 06 अक्टूबर, 2021।
  2. 2.0 2.1 खामोश हो गई 'रावण' की वो गर्जना (हिंदी) navbharattimes.indiatimes.com। अभिगमन तिथि: 06 अक्टूबर, 2021।

बाहरी कड़ियाँ

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