"पहेली 8 जनवरी 2022": अवतरणों में अंतर

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-[[घाघरा नहर]]
-[[घाघरा नहर]]
-[[केन नहर]]
-[[केन नहर]]
-निचली गंग नहर
-[[गंग नहर|निचली गंग नहर]]
+[[शारदा नहर]]
+[[शारदा नहर]]
||'शारदा नहर' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य की सर्वाधिक लम्बी नहर है। यह उत्तर प्रदेश और [[नेपाल]] सीमा के समीप [[गोमती नदी]] के किनारे वनबासा नामक स्थान से निकाली गई है। [[शारदा नहर]] का निर्माण कार्य सन [[1920]] से प्रारम्भ हुआ और [[1928]] में पूर्ण हुआ। नहर द्वारा [[पीलीभीत]], [[बरेली]], [[शाहजहाँपुर]], [[लखीमपुर ज़िला|लखीमपुर]], [[हरदोई]], [[सीतापुर]], [[बाराबंकी]], [[लखनऊ]], [[उन्नाव]], [[रायबरेली]], [[सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश|सुल्तानपुर]], [[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़]], [[इलाहाबाद]] व [[जौनपुर]] आदि जिलों की लगभग 8 लाख हैक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शारदा नहर]]
||'शारदा नहर' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य की सर्वाधिक लम्बी नहर है। यह उत्तर प्रदेश और [[नेपाल]] सीमा के समीप [[गोमती नदी]] के किनारे वनबासा नामक स्थान से निकाली गई है। [[शारदा नहर]] का निर्माण कार्य सन [[1920]] से प्रारम्भ हुआ और [[1928]] में पूर्ण हुआ। नहर द्वारा [[पीलीभीत]], [[बरेली]], [[शाहजहाँपुर]], [[लखीमपुर ज़िला|लखीमपुर]], [[हरदोई]], [[सीतापुर]], [[बाराबंकी]], [[लखनऊ]], [[उन्नाव]], [[रायबरेली]], [[सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश|सुल्तानपुर]], [[प्रतापगढ़ ज़िला|प्रतापगढ़]], [[इलाहाबाद]] व [[जौनपुर]] आदि जिलों की लगभग 8 लाख हैक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शारदा नहर]]

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