गंग नहर
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गंग नहर प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं में से एक है। बीकानेर के महाराजा गंगासिंह के प्रयासों से गंग नहर के निर्माण द्वारा सतलुज नदी का पानी राजस्थान में लाने हेतु 4 दिसम्बर, 1920 को बीकानेर, भावलपुर और पंजाब राज्यों के बीच सतलुज नदी घाटी समझौता हुआ था।
- गंग नहर की आधारशिला फ़िरोज़पुर हैडबाक्स पर 5 सितम्बर, 1921 को महाराजा गंगासिंह द्वारा रखी गई।
- 26 अक्टूबर, 1927 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने श्रीगंगानगर के शिवपुर हैडबाॅक्स पर इस नहर का उद्घाटन किया।
- यह नहर सतलुज नदी से पंजाब के फ़िरोज़पुर के हुसैनीवाला से निकाली गई है। श्रीगंगानगर के संखा गांव से यह राजस्थान में प्रवेश करती है।
- नहर शिवपुर, श्रीगंगानगर, जोरावरपुर, पदमपुर, रायसिंह नगर, स्वरूपशहर से होती हुई अनूपगढ़ तक जाती है।
- मुख्य नहर की लम्बाई 129 कि.मी. (112 कि.मी. पंजाब + 17 कि.मी. राजस्थान) है। फ़िरोज़पुर से शिवपुर हैड तक है। नहर की वितरिकाओं की लम्बाई 1280 कि.मी. है।
- लक्ष्मीनारायण जी, लालगढ़, करणीजी, समीक्षा नहर की मुख्य शाखा है।
- नहर में पानी के नियमित बहाव और नहर के मरम्मत के समय इसे गंग नहर लिंक से जोड़ा गया है। यह लिंक नहर व हरियाणा में लोहागढ़ से निकाली गई है और श्रीगंगानगर के साधुवाली गांव में गंग नहर से जोड़ा गया है।[1]
- 31 मई, 2000 को केन्द्रीय जल आयोग ने नहर के रख-रखाव व मरम्मत हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ राजस्थान की सिंचाई परियोजनाएँ (हिंदी) /rajasthangyan.com। अभिगमन तिथि: 08 जनवरी, 2017।