"मंडिकाडु भगवती मंदिर": अवतरणों में अंतर

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*यह मंदिर समुद्र तट के पास है और तमिलनाडु तथा केरल दोनों के लोगों के लिए यह तीर्थ स्थल है।  
*यह मंदिर समुद्र तट के पास है और तमिलनाडु तथा केरल दोनों के लोगों के लिए यह तीर्थ स्थल है।  
*मोंडाइकॉडु में कोडाई उत्सव इस क्षेत्र का एक प्रमुख उत्सव है। मंदिर को महिला सबरीमाला कहा जाता है।
*मोंडाइकॉडु में कोडाई उत्सव इस क्षेत्र का एक प्रमुख उत्सव है। मंदिर को महिला सबरीमाला कहा जाता है।
*यहां की मूर्ति अद्वितीय है और [[मिट्टी]] की है।<ref>{{cite web |url= https://tfipost.in/2021/03/temples-in-kanyakumari/|title=कन्याकुमारी अम्मन मंदिर को भी करें अपने तमिलनाडु ट्रिप में शामिल|accessmonthday=01 जनवरी|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=/tfipost.in |language=हिंदी}}</ref>
*यहां की मूर्ति अद्वितीय है और [[मिट्टी]] की है।<ref>{{cite web |url= https://tfipost.in/2021/03/temples-in-kanyakumari/|title=कन्याकुमारी के अन्य प्रसिद्ध मंदिर|accessmonthday=01 जनवरी|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=/tfipost.in |language=हिंदी}}</ref>
*पूजा भी अनूठी है क्योंकि त्योहार के दौरान अधिकांश अन्य प्रमुख [[हिन्दू]] मंदिरों की तरह मांसाहारी भोजन पकाने और खाने की मनाही नहीं है।  
*पूजा भी अनूठी है क्योंकि त्योहार के दौरान अधिकांश अन्य प्रमुख [[हिन्दू]] मंदिरों की तरह मांसाहारी भोजन पकाने और खाने की मनाही नहीं है।  
*मंदिर के चारों ओर पोंकला के दिनों में मांस पका हुआ देखा जा सकता है।
*मंदिर के चारों ओर पोंकला के दिनों में मांस पका हुआ देखा जा सकता है।

09:05, 2 जनवरी 2022 के समय का अवतरण

मंडिकाडु भगवती मंदिर कन्याकुमारी, तमिलनाडु का प्रसिद्ध मंदिर है जो देवी पार्वती को समर्पित है। यह कोलाचेल के पास स्थित है जो समुद्र के किनारे है और केरल व तमिलनाडु दोनों जगह के लोगों के लिए पूजा का प्रमुख केंद्र है।

  • यह मंदिर समुद्र तट के पास है और तमिलनाडु तथा केरल दोनों के लोगों के लिए यह तीर्थ स्थल है।
  • मोंडाइकॉडु में कोडाई उत्सव इस क्षेत्र का एक प्रमुख उत्सव है। मंदिर को महिला सबरीमाला कहा जाता है।
  • यहां की मूर्ति अद्वितीय है और मिट्टी की है।[1]
  • पूजा भी अनूठी है क्योंकि त्योहार के दौरान अधिकांश अन्य प्रमुख हिन्दू मंदिरों की तरह मांसाहारी भोजन पकाने और खाने की मनाही नहीं है।
  • मंदिर के चारों ओर पोंकला के दिनों में मांस पका हुआ देखा जा सकता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कन्याकुमारी के अन्य प्रसिद्ध मंदिर (हिंदी) /tfipost.in। अभिगमन तिथि: 01 जनवरी, 2021।

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