"विजयकान्त": अवतरणों में अंतर
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10:53, 20 फ़रवरी 2024 के समय का अवतरण
विजयकान्त
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पूरा नाम | नारायणन विजयराज अलगरस्वामी |
प्रसिद्ध नाम | विजयकान्त |
अन्य नाम | कैप्टन विजयकान्त, करुप्पु एमजीआर या ब्लैक एमजीआर |
जन्म | 25 अगस्त, 1952 |
जन्म भूमि | मदुरै, तमिलनाडु |
मृत्यु | 28 दिसम्बर, 2023 |
मृत्यु स्थान | चैन्नई, तमिलनाडु |
पति/पत्नी | प्रेमलता |
संतान | दो |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | तेलुगु सिनेमा व राजनीति |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण, 2024 कलाइमामणि (2001) |
प्रसिद्धि | तेलुगु अभिनेता व राजनीतिज्ञ |
नागरिकता | भारतीय |
पद | नेता विपक्ष विधानसभा, तमिलनाडु- 27 मई 2011 से 21 फरवरी 2016 |
अन्य जानकारी | विजयकान्त ने अपने पूरे कॅरियर में कई भूमिकाएँ निभाईं। उनकी 100वीं फिल्म का नाम 'कैप्टन प्रभाकरन' था और इसलिए नाम 'कैप्टन विजयकान्त' रखा गया। |
नारायणन विजयराज अलगरस्वामी (अंग्रेज़ी: Narayanan Vijayaraj Alagarswami , जन्म- 25 अगस्त, 1952; मृत्यु- 28 दिसम्बर, 2023) भारतीय राज्य तमिलनाडु में सबसे पसंदीदा अभिनेता और राजनेताओं में से एक थे। उन्हें अधिकांशत: 'विजयकान्त' नाम से जाना और पहचाना गया। उन्होंने 154 फिल्मों में काम किया और राजनीति में कदम रखने के लिए फिल्मों को अलविदा कह दिया था। उन्होंने राजनीतिक दल डीएमडीके (देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कज़गम) की स्थापना की और दो बार विधानसभा के सदस्य बने। इसके बाद उन्होंने 2011 से 2016 तक तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में कार्य किया। भारत सरकार ने विजयकान्त को साल 2024 में मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया। उन्हें कला (तमिल सिनेमा) के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार दिया गया।
- विजयकान्त ने 150 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्हें 2001 में 'कलाईमामणि पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था, जो तमिलनाडु का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।
- उनको उनके मददगार स्वभाव के लिए ‘करुप्पु एमजीआर’ या ‘ब्लैक एमजीआर’ के नाम से भी जाना जाता था।
- उन्हें फिल्म सेट पर भोजन में समानता के लिए उनकी लड़ाई के लिए भी याद किया जाता है।
- विजयकान्त ने अपने पूरे कॅरियर में कई भूमिकाएँ निभाईं। उनकी 100वीं फिल्म का नाम 'कैप्टन प्रभाकरन' था और इसलिए नाम 'कैप्टन विजयकान्त' रखा गया।
- उनके कुछ प्रमुख कार्यों में चिन्ना गौंडर, चत्रियन, थवासी, सेतुपति आईपीएस आदि शामिल हैं।
- सफल अभिनय कॅरियर के बाद विजयकान्त का मन राजनीति की दुनिया में चला गया। उन्होंने 14 सितंबर 2005 को अपनी राजनीतिक पार्टी 'डीएमडीके' शुरू की। तेजी से पार्टी की संख्या बढ़ती गई और 2011 तक इसने तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टियों के लिए एक मजबूत विपक्ष के रूप में काम किया।
- विजयकान्त उन बहुत कम तमिल अभिनेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपने पूरे कॅरियर में केवल तमिल फिल्मों में ही अभिनय किया। उनकी फिल्में ज्यादातर तेलुगु और हिंदी में डब की गई हैं।
- उनको फिल्म उद्योग में 'पुरैची कलैग्नार' (क्रांतिकारी कलाकार) की उपाधि मिली थी।
- उनके मानवीय प्रयासों के लिए उन्हें 'ब्लैक एमजीआर' का उपनाम भी दिया गया था।
- वह अपने राजनीतिक कॅरियर के दौरान अपने खुले और साहसिक रुख के लिए भी जाने जाते थे।
- विजयकान्त ने 2006 से 2016 तक क्रमशः विरुधाचलम और ऋषिवंडियम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए दो बार विधायक के रूप में कार्य किया।
- 28 दिसंबर 2023 को विजयकान्त, जो पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, ने चेन्नई के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
- भारत सरकार ने विजयकान्त को साल 2024 में मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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