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|प्रसिद्धि=अपने हाथ करघों के अतिरिक्त, बीडी उद्योग, मत्स्य उद्योग तथा कांसे और पीतल से बने विभिन्न सामग्रियों के लिए कन्नूर शहर जाना जाता है।
|प्रसिद्धि=अपने हाथ करघों के अतिरिक्त, बीडी उद्योग, मत्स्य उद्योग तथा कांसे और पीतल से बने विभिन्न सामग्रियों के लिए कन्नूर शहर जाना जाता है।
|कब जाएँ=अगस्त से मार्च।  
|कब जाएँ=अगस्त से मार्च।  
|यातायात=
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|हवाई अड्डा=कोजीकोड का करीपुर एयरपोर्ट यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है।
|हवाई अड्डा=कोजीकोड का करीपुर एयरपोर्ट यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है।
|रेलवे स्टेशन=कन्नूर जंक्शन
|रेलवे स्टेशन=कन्नूर जंक्शन

04:31, 17 अक्टूबर 2010 का अवतरण

कन्नूर
विवरण कन्नूर नगर, उत्तरी केरल राज्य के दक्षिण भारत में स्थित है।
राज्य केरल
ज़िला कन्नूर ज़िला
प्रसिद्धि अपने हाथ करघों के अतिरिक्त, बीडी उद्योग, मत्स्य उद्योग तथा कांसे और पीतल से बने विभिन्न सामग्रियों के लिए कन्नूर शहर जाना जाता है।
कब जाएँ अगस्त से मार्च।
हवाई अड्डा कोजीकोड का करीपुर एयरपोर्ट यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है।
रेलवे स्टेशन कन्नूर जंक्शन
बस अड्डा बस अड्डा कन्नूर
क्या देखें कन्नूर पर्यटन
क्या खायें कन्नूर में खाने में सबसे अच्छी बिरयानी होती है। पराठे लच्छेदार मैदा से बनाये जाते हैं परन्तु कुछ होटलों में रोटी भी मिल जाती है।
क्या ख़रीदें कांसे और पीतल से बने विभिन्न सामग्री
एस.टी.डी. कोड 0499
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अन्य जानकारी कुछ महत्वपूर्ण मानदंडों के अंतर्गत कन्नूर भारत में रहने योग्य 10 शहरों में से एक है।
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कन्नूर कन्नूर पर्यटन कन्नूर ज़िला

कन्नूर नगर, उत्तरी केरल राज्य के दक्षिण भारत में स्थित है। केरल में कन्नूर या केन्नानोर चौथी बड़ी आबादी वाला अरब सागर के तट पर बसा एक प्रमुख शहर है। आज भी कन्नूर देश के 62 सैनिक छावनियों में से एक है। जहाँ डिफेन्स सिक्यूरिटी फ़ोर्स का मुख्यालय है। कुछ महत्वपूर्ण मानदंडों के अंतर्गत कन्नूर भारत में रहने योग्य 10 शहरों में से एक है। शहर साफ़ सुथरा और सुंदर है।

इतिहास

अरब सागर के एक बंदरगाह रूप में कन्नूर 12 वीं और 13 वीं शताब्दी में फ़ारस और अरब से होने वाले व्यापार के लिए महत्वपूर्ण था। 18 वीं शताब्दी तक यह कोलात्तिरी के राजा की राजधानी रहा। 1505 में यहाँ एक

पयमबल्लम बीच, कन्नूर
Payyambalam Beach, Kannur

पुर्तग़ाली क़िला बनाया गया। 1656 में यहाँ एक डच क़िले की स्थापना हुई। 1783 में कन्नूर पर ब्रिटिश आधिपत्य हो गया, जिसके बाद से यहाँ के शासक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सहायक भर रह गए। 1709 से 1887 तक कन्नूर भारत के पश्चिमी तट का ब्रिटिश सैनिक मुख्यालय रहा। अरक्कल का शाही परिवार केरल का एक मात्र मुस्लिम राज वंश था जहाँ एक महिला शासन करती थी जिन्हें बीवी कह कर संबोधित किया जाता है। इस बीवी से सम्बन्धित एक कहानी है जो इस प्रकार है।

कहानी

15-16वीं सदी में मूषिका वंशज के चिरक्कल राजा की एक कन्या तालाब में नहा रही थी और पानी में डूबने लगी। संयोगवश उसे एक मुस्लिम युवक ने देख लिया। पहले तो वह हिचका फिर तालाब में कूद कर राजकुमारी को बाहर निकाल लाया। शरीर को ढकने के लिए उसने अपनी धोती उढ़ा दी। यह बात राज दरबार में पहुँची। उन दिनों मुसलमान अछूत होते थे। उसके स्पर्श से राजकुमारी अपवित्र हो गई थी। उस युवक को बुलवाया गया और वह अपने प्राणों की खैर मनाते वहाँ उपस्थित हो गया। मंत्रियों ने एक और बात कह दी। इस युवक ने राजकुमारी को ओढ़ने के लिए अपनी धोती दी थी और उन दिनों की परम्परा के अनुसार धोती दिया जाना और स्वीकार किया जाना विवाह का परिचायक था। मजबूरन राजा को अपनी बेटी उस अपेक्षाकृत गरीब युवक के हाथ सौंपनी पड़ी। राजा ने अरक्कल नामक एक छोटा भूभाग उस युवक के नाम कर दोनों को अलग भिजवा दिया। यहीं से उस मुस्लिम राज वंश की उत्पत्ति बतायी जाती है।[1]

कन्नूर क़िला, केरल
Kannur Fort, Kerala

यातायात और परिवहन

केरल और आसपास के राज्यों के अनेक शहरों से सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से कन्नूर पहुंचा जा सकता है। राज्य परिवहन की नियमित बस सेवाएं इसे अन्य शहरों से जोड़ती हैं। कन्नूर में पर्याप्त यातायात व परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध हैं। जो इस प्रकार है:-

वायु मार्ग

कोजीकोड का करीपुर एयरपोर्ट कन्नूर का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट दक्षिणी कन्नूर से 93 किमी. की दूरी पर है।

रेल मार्ग

कन्नूर का रेलवे स्टेशन शोरपुर- मंगलौर रेललाइन पर स्थित दक्षिण भारत का महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन देश के अनेक बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है।[2]

उद्योग और व्यापार

कन्नूर में सर्व प्रथम जर्मनी के बेसल मिशन के द्वारा धर्मान्तरित ईसाईयों को रोज़गार देने के उद्देश्य से सन 1852 में एक कपडा बुनने का कारख़ाना खोला गया था। कारख़ाने में यूरोपीय बनावट के हथकरघे मिस्टर हालर के द्वारा लगाये गए थे जिसने इसी वर्ष मंगलौर में भी एक छोटा सा क़ारखाना खोला था। विश्व में 'खाकी' का सर्वप्रथम उत्पादन इसी हालर के द्वारा मंगलौर में 1852 में किया गया था। तब से ही हथकरघे कन्नूर की पहचान बन गए और अब भी हैं। अपने हाथ करघों के अतिरिक्त, बीडी उद्योग, मत्स्य उद्योग तथा कांसे और पीतल से बने विभिन्न सामग्रियों के लिए यह शहर जाना जाता है।

कन्नूर का एक दृश्य, केरल
A View of Kannur, Kerala

कन्नूर नगर में कताई, बुनाई व होज़री की बड़ी मिलें हैं और यहाँ से गरी, जूट व मिर्च का निर्यात किया जाता है। भीतरी प्रदेश की अर्थव्यवस्था काजू, मिर्च, नारियल के उत्पादन पर निर्भर करती है। मछली पकड़ने का काम भी महत्वपूर्ण है।[1]

पर्यटन

कन्नूर नगर में कई क़िलें, एक पुर्तगाली गिरज़ाघर और अनेक मस्जिदें हैं। कन्नूर केरल के उत्तरी सिरे में स्थित एक छोटा लेकिन बेहद ख़ूबसूरत तटवर्ती नगर है। जो अपने आकर्षण से पर्यटकों को आकर्षित करता है। प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण इस नगर के पश्चिमी तट पर फैले रेत से लक्षद्वीप सागर मिलता है और तट के दूसरी तरफ ऊंचे-ऊंचे ताड़ के पेड़ वातावरण को और मनोरम बनाते हैं।

जनसंख्या

कन्नूर नगर की जनसंख्या 2001 के अनुसार 63,795 है।

खानपान

कन्नूर में खाने में सबसे अच्छी बिरयानी होती है जिसका स्वाद ही निराला है। पराठे लच्छेदार मैदा से बनाये जाते हैं परन्तु कुछ होटलों में रोटी भी मिल जाती है। यहाँ   होटलों में बीफ भी मिलती है जिसको कुछ लोग बड़े जानवर का मटन भी कहते थे।[1]

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शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 कन्नूर या केन्नानोर (केरल) (हिन्दी) वर्डप्रेस। अभिगमन तिथि: 12 अक्टूबर, 2010
  2. कन्नूर (हिन्दी) यात्रा सलाह। अभिगमन तिथि: 12 अक्टूबर, 2010

बाहरी कड़ियाँ

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