"ऋष्यमूक": अवतरणों में अंतर

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*ऋष्यमूक पर्वत, [[रामायण]] की घटनाओं से सम्बद्ध दक्षिण [[भारत]] का पवित्र गिरि है।  
*ऋष्यमूक पर्वत, [[रामायण]] की घटनाओं से सम्बद्ध दक्षिण [[भारत]] का पवित्र गिरि है।  
*विरूपाक्ष मन्दिर के पास से ऋष्यमूक पर्वत तक मार्ग जाता है।  
*विरूपाक्ष मन्दिर के पास से ऋष्यमूक पर्वत तक मार्ग जाता है।  
*यहाँ [[तुंगभद्रा नदी]] धनुषाकार बहती है।  
*यहाँ [[तुंगभद्रा नदी]] धनुषाकार बहती है। नदी में चक्रतीर्थ माना गया है। पास ही पहाड़ी के नीचे श्री [[राम]] मन्दिर है। पास की पहाड़ी को '[[मतंग पर्वत]]' माना जाता है।  
*नदी में चक्रतीर्थ माना गया है।  
*इसी पर्वत पर मतंग ऋषि का आश्रम था। पास ही [[चित्रकूट]] और [[जालेन्द्र]] नाम के शिखर हैं।  
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*पास ही [[चित्रकूट]] और [[जालेन्द्र]] नाम के शिखर हैं।  
*यहीं तुंगभद्रा के उस पार [[दुन्दुभि पर्वत]] दिखता है।  
*जिसके सहारे [[सुग्रीव]] ने श्री राम के बल की परीक्षा करायी थी।  
*इन स्थानों में स्नान ध्यान करने का विशेष महत्व है।
*इन स्थानों में स्नान ध्यान करने का विशेष महत्व है।


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12:49, 30 नवम्बर 2010 का अवतरण

  • ऋष्यमूक पर्वत, रामायण की घटनाओं से सम्बद्ध दक्षिण भारत का पवित्र गिरि है।
  • विरूपाक्ष मन्दिर के पास से ऋष्यमूक पर्वत तक मार्ग जाता है।
  • यहाँ तुंगभद्रा नदी धनुषाकार बहती है। नदी में चक्रतीर्थ माना गया है। पास ही पहाड़ी के नीचे श्री राम मन्दिर है। पास की पहाड़ी को 'मतंग पर्वत' माना जाता है।
  • इसी पर्वत पर मतंग ऋषि का आश्रम था। पास ही चित्रकूट और जालेन्द्र नाम के शिखर हैं।
  • यहीं तुंगभद्रा के उस पार दुन्दुभि पर्वत दिखता है। जिसके सहारे सुग्रीव ने श्री राम के बल की परीक्षा करायी थी।
  • इन स्थानों में स्नान ध्यान करने का विशेष महत्व है।


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