"जगन्नाथ मंदिर पुरी": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Jagannath-Temple-Puri.jpg|thumb|जगन्नाथ मंदिर, [[पुरी]]<br />Jagannath Temple, Puri]]
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[[उड़ीसा]] राज्य के तटवर्ती शहर [[पुरी]] शहर में जगन्नाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ ([[श्रीकृष्ण]]) को समर्पित है। जगन्नाथ मंदिर एक [[हिन्दू]] मंदिर है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत के स्वामी होता है। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। पुरी के महान मन्दिर में तीन मूर्तियाँ हैं -  
[[उड़ीसा]] राज्य के तटवर्ती शहर [[पुरी]] शहर में जगन्नाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ ([[श्रीकृष्ण]]) को समर्पित है। जगन्नाथ मंदिर एक [[हिन्दू]] मंदिर है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत के स्वामी होता है। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। पुरी के महान मन्दिर में तीन मूर्तियाँ हैं -  
#भगवान जगन्नाथ,  
#भगवान जगन्नाथ,  

05:04, 12 दिसम्बर 2010 का अवतरण

जगन्नाथ मंदिर, पुरी
Jagannath Temple, Puri

उड़ीसा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी शहर में जगन्नाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है। जगन्नाथ मंदिर एक हिन्दू मंदिर है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ जगत के स्वामी होता है। इनकी नगरी ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहलाती है। पुरी के महान मन्दिर में तीन मूर्तियाँ हैं -

  1. भगवान जगन्नाथ,
  2. बलभद्र व
  3. उनकी बहन सुभद्रा की।

ये सभी मूर्तियाँ काष्ठ की बनी हुई हैं।

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, इन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा राजा इन्द्रद्युम्न ने मंत्रोच्चारण व विधि - विधान से की थी। महाराज इन्द्रद्युम्न मालवा की राजधानी अवन्ति से अपना राज–पाट चलाते थे। भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा प्रत्येक वर्ष आषाढ़ मास में शुक्ल द्वितीया को होती है। यह एक विस्तृत समारोह है। जिसमें भारत के विभिन्न भागों से आए लोग सहभागी होते हैं। दस दिन तक यह पर्व मनाया जाता है। इस यात्रा को 'गुण्डीय यात्रा' भी कहा जाता है। गुण्डीच का मन्दिर भी है।


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