देना बैंक
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देना बैंक (अंग्रेज़ी: Dena Bank) भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का एक प्रमुख बैंक है। जुलाई, 1969 में 13 अन्य बड़े बैंकों के साथ 'देना बैंक' राष्ट्रीयकृत हुआ तथा अब वह बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण एवं ह्स्तांतरण) अधिनियम, 1970 के अधीन गठित एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के अंतर्गत बैंक बैंकिंग कारोबार करने के अलावा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 6 में यथावर्णित अन्य कारोबार भी कर सकता है।
स्थापना
देना बैंक की स्थापना देवकरण नानजी के परिवार द्वारा 26 मई, 1938 को देवकरण नानजी बैंकिंग कंपनी लिमिटेड के के नाम से की गई थी। यह 1939 में सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी में परिवर्तित हुई और कालांतर में इसका नाम बदल कर देना बैंक लिमिटेड हो गया।
कीर्तिमान
- वर्ष 1995 में वित्तीय क्षेत्र विकासपरक परियोजना के तहत द्विस्तरीय पूंजी बढाने हेतु रु 723 करोड़ का ऋण स्वीकृत करने हेतु विश्व बैंक द्वारा चुने गए छ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक।
- प्रौद्योगिकी उन्नयन एवं प्रशिक्षण के लिए विश्व बैंकों ऋण प्राप्त करने वाले कुछेक बैंकों में से एक।
- नवंबर 1996 में रु 92.13 करोड़ का बॅण्ड निर्गम जारी किया।
- नवंबर, 1996 में रु 180 करोड़ का एकमात्र सार्वजनिक निर्गम।
- चुनिंदा महानगरीय केन्द्रों में टेली बैंकिंग सुविधा की शुरुआत की।
सुविधाएँ
देना बैंक ने निम्नलिखित सुविधाएँ सर्वप्रथम देने में सफल रहा।
- नाबालिग बचत योजना।
- ग्रामीण भारत में देना कृषि साख पत्र (डीकेएपी) के नाम के विख्यात क्रेडिट कार्ड।
- जुहू मुबंई में ड्राइव-इन-एटीएम काउण्टर।
- मुंबई की चुनिंदा शाखाओं में स्मार्ट कार्ड।
- बैंक सेवाओं की रेटिंग करने हेतु ग्राह्क रेटिंग प्रणाली।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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