गोरखपुर ज़िला
गोरखपुर ज़िला
| |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
मुख्यालय | गोरखपुर |
जनसंख्या | 8156610 (2008) |
क्षेत्रफल | 3483.8 वर्ग किलोमीटर |
भौगोलिक निर्देशांक | यह 26 अंश 46 मिनट उत्तरी अक्षांश तथा 83 अंश 22 मिनट पूर्वी देशान्तर पर स्थित है |
मंडल | गोरखपुर |
मुख्य ऐतिहासिक स्थल | चौरीचौरा |
मुख्य पर्यटन स्थल | गोरखनाथ मन्दिर, गीताप्रेस, गीतावाटिका, रामगढ़ ताल, इमामबाड़ा, प्राचीन शिव मन्दिर, मुन्शी प्रेमचन्द्र उद्यान, तारामण्डल आदि |
नगरीय जनसंख्या | (19.60%) (2001) 738591 |
ग्रामीण जनसंख्या | (80.40%) (2001) 3030865 |
लिंग अनुपात | 1000 / 959 (2001) ♂/♀ |
साक्षरता | (58.45%) (2008) 22429538 % |
तापमान | न्यूनतम 4.90 से० ग्रे०, अधिकतम 44.20 से० ग्रे० (औसत) |
वर्षा | 12.1 मि० मी० मिमि |
दूरभाष कोड | 05512 |
वाहन पंजी. | U.P.- 53 |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में गोरखपुर, बाबा गोरखनाथ के नाम से सुविख्यात अनेक पुरातात्विक, अध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं प्राकृतिक धरोहरों को समेटे हुए है। तीर्थाकर महावीर, करुणावतार गौतम बुद्ध, संत कवि कबीरदास एवं गुरु गोरक्षनाथ ने जनपद के गौरव को राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्थापित किया। हस्तकला ‘टैराकोटा’ के लिए प्रसिद्ध व आधुनिक गोरखपुर का वर्तमान स्वरूप, मूलभूत सुविधा सम्पन्न, पर्यटकों को आकर्षित करता है। विगत वर्षों से गोरखपुर जनपद विकास के पथ पर अग्रसर है।[1] हिमालय की तराई में समुद्र की सतह से 150 मीटर की ऊँचाई पर, राप्ती, रोहिणी नदियों के संगम पर स्थित गोरखपुर 'महायोगी गोरक्षनाथ' की पावन कर्मभूमि रही है। भगवान बुद्ध जिनका जन्म लुम्बिनी में व निर्वाण कुशीनगर में हुआ, का यह कर्मक्षेत्र व पथक्षेत्र रहा है। यह वह क्षेत्र है जिसमें संत कबीर, मुंशी प्रेमचन्द्र, फ़िराक़ गोरखपुरी जैसे विश्व प्रसिद्ध संत, लेखक व शायर हुए हैं। सम्पूर्ण विश्व को धार्मिक साहित्य श्रीमद भगवत गीता का प्रचार प्रसार करने वाली, भारतीय संस्कृति, धर्म, कला एवं दर्शन की गरिमा को सन्निहित करने के प्रयास में कार्यरत, स्व. श्री जय दयाल जी गोयंका के स्वप्न को मूर्त रूप देने हेतु परम पूज्य स्व. श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार जी के अथक प्रयास से स्थापित 'गीता प्रेस' भी इसी महानगर की पहचान है। वर्तमान में नगर के पूरब में कुसुम्ही जंगल, पश्चिम में अजवनिया नाला, दक्षिण में राप्ती नदी व रामगढ़ताल तथा उईन्नार में रोहिणी नदी से निर्मित महेसरा - चिलुआताल चिह्नांकित करता है। गोरखपुर महानगर की आबादी वर्तमान में लगभग 6 लाख 25 हज़ार एवं क्षेत्रफल लगभग 147 वर्ग किलोमीटर है।
परिचय
गोरखपुर ज़िला (Gorakhpur, उर्दू: گورکھپور) भारत में उत्तर प्रदेश प्रान्त के पूर्वी नेपाल के सीमा के पास, के भाग में एक ज़िला है। यह (गोरखपुर) जनपद तथा गोरखपुर मण्डल का मुख्यालय है। यह उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 265 किमी पूरब में राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर स्थित है। यह 26 अंश 46 मिनट उत्तरी अक्षांश तथा 83 अंश 22 मिनट पूर्वी देशान्तर पर स्थित है। सन् 2001 की जनगणना के अनुसार गोरखपुर की जनसंख्या लगभग 38 लाख है। गोरखपुर, पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय भी है। यहाँ एक विश्वविद्यालय (दीनदयाल विश्वविद्यालय), अनेक महाविद्यालय, मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज, बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज तथा सैकड़ों अन्य विद्यालय हैं। गोरखपुर से सटे पूरब में एक बहुत ही सुन्दर वन है जिसका नाम कुसुमी जंगल है। गोरखपुर में भारतीय वायु सेना की छावनी भी है। स्वतन्त्रता के समय यह जनपद बहुत बड़ा था, जिसमें आज के देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज आदि भी सम्मिलित थे। गोरखपुर के प्रमुक दर्शनीय स्थल हैं - गीता प्रेस, गीता-वाटिका, गोरखनाथ मन्दिर, आरोग्य मंदिर (प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्र) रामगढ़ ताल, तारामण्डल आदि। ऐतिहासिक रूप से गोरखपुर बहुत प्रसिद्ध है। 20 वीं सदी में, गोरखपुर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक केंद्र बिन्दु था. अमर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल, बन्धु सिंह व चौरीचौरा आन्दोलन के शहीदों की शहादत स्थली चौरीचौरा नामक ऐतिहासिक स्थल गोरखपुर जनपद में ही है। और पुराने शहर से 15 कि.मी. दूर एक औद्योगिक GIDA (गोरखपुर विकास प्राधिकरण) क्षेत्र है। राप्ती नदी गोरखपुर से होकर बहती है। गोरखपुर के जनसामान्य की भाषा भोजपुरी है, किन्तु आजकल नगर के लोग घर से बाहर दूसरों से हिन्दी में बात करना अधिक पसन्द करते हैं।[2]
स्थिति
गोरखपुर नगर, उत्तरी अक्षांस एवं 83° 22' पूर्वी देशान्तर के मध्य, गंगा घाटी के सरयूपार मैदान में राप्ती एवं रोहिणी नदियों के संगम पर राप्ती नदी के बायें (पूर्वी) किनारे पर सागर तट से 102 मी. की उँचाई पर स्थित हैं। लखनऊ - बरौनी रेल मार्ग पर बसा हुआ गोरखपुर नगर, पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय के साथ ही एक प्रमुख रेलवे जंक्शन हैं यह कोलकाता से (रेल द्वारा) 810 कि. मी. तथा दिल्ली से 789 कि. मी. के लगभग, इलाहाबाद से सड़क द्वारा 290 कि. मी., व वाराणसी से उत्तर 210 कि. मी. की दूरी पर स्थित है। यह उत्तर भारत-नेपाल सीमा से 90 कि. मी. दक्षिण की दूरी पर स्थित हैं। उत्तर प्रदेश के नगरों में इसका नौवाँ स्थान हैं।[3]
परिवहन
रेल : गोरखपुर देश के सभी बड़े नगरों/पर्यटन स्थलों से रेल-सेवा से जूड़ा हुआ है। यहां कम्प्यूटर आरक्षण सुविधा उपलब्ध है। रेल-सूचना हेतु फ़ोन 131, 1331, 1335, 201854, 201273, 201657, 200658, से सम्पर्क किया जा सकता है।
बस : सभी महत्त्वपूर्ण नगरों के लिए गोरखपुर से उ० प्र० रा० स० प० निगम की बस-सेवा उपलब्ध है। फ़ोन 20093 (रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड), 333658, (राप्ती नगर बस स्टेशन, निकट कचहरी)।
हवाई-सेवाः गोरखपुर नगर से 8 किलोमीटर पर हवाई अड्डा स्थित है। भारतीय वायु सेना की अनुमति से वायुयानों की यातायात सुविधा उपलब्ध है। अन्य हवाई-पट्टी : गोरखपुर से 55 किलोमीटर दूरी पर कसया (जनपद-कुशीनगर) में उ० प्र० नागरिक उड्डयन की हवाई पट्टी उपलब्ध है।
स्थानीय यातायात: गोरखपुर पर्यटन परिक्षेत्र के सभी नगरों एवं पर्यटन स्थलों पर टैक्सी, रिक्शा और कहीं-कहीं पर आटो रिक्शा एवं सिटी बस सेवा उपलब्ध है।[3]
जनसंख्या
कुल जनसंख्या - 3769456 (2001) लिंग अनुपात - 959 महिलाएँ / 1000 पुरुष (2001) ग्रामीण जनसंख्या -3030865 (80.40%) (2001) शहरी जनसंख्या- 738591 (19.60%) (2001) [4]
साक्षरता
कुल साक्षर = (43.3%) 1055582 (2001) [4]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गोरखपुर (हिन्दी) (पी.एच.पी) आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 7 जनवरी, 2011।
- ↑ गोरखपुर : परिचय (हिन्दी) (पी.एच.पी) गोरखपुर... शहर की धड़कन। अभिगमन तिथि: 7 जनवरी, 2011।
- ↑ 3.0 3.1 सामान्य जानकारियां (हिन्दी) (पी.एच.पी) नगर निगम गोरखपुर। अभिगमन तिथि: 07 जनवरी, 2011।
- ↑ 4.0 4.1 Demographic Information (अंग्रेज़ी) (पी.एच.पी) नगर निगम गोरखपुर। अभिगमन तिथि: 07 जनवरी, 2011।
संबंधित लेख