मानव संसाधन विकास मंत्रालय
मानव संसाधन विकास मंत्रालय
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विवरण | मानव संसाधन विकास मंत्रालय का सार शिक्षा है, जो देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में संतुलन के लिए उल्लेखनीय और उपचारी भूमिका निभाता है। |
न्याय सीमा | भारत सरकार |
मुख्यालय | शास्त्री भवन, नई दिल्ली |
वर्तमान केंद्रीय मंत्री | स्मृति ज़ुबिन ईरानी |
अन्य नाम | एम.एच.आर.डी. |
संबंधित लेख | वित्त मंत्रालय, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय |
अन्य जानकारी | मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का सृजन भारत सरकार (व्यवसाय का आबंटन) नियम, 1961 के 174वें संशोधन के माध्यम से 26 सितम्बर, 1985 को किया गया था। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 12:01, 22 मार्च 2015 (IST)
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मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अंग्रेज़ी: Ministry of Human Resource Development) भारत सरकार का एक प्रमुख केन्द्रीय मंत्रालय है जो शिक्षा, खेल-कूद आदि कार्यक्षेत्रों में देखभाल करता है। मानव संसाधन विकास का सार शिक्षा है, जो देश के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में संतुलन के लिए उल्लेखनीय और उपचारी भूमिका निभाती है। चूंकि भारत के नागरिक इसके अत्यधिक बहुमूल्य संसाधन हैं। इसलिए हमारे बिलियन-सुदृढ़ राष्ट्र को जीवन की बेहतर गुणवत्तान प्राप्त करने के लिए बुनियादी शिक्षा के रूप में पोषण और देखभाल की ज़रूरत है। इसके लिए हमारे नागरिकों के समग्र विकास की ज़रूरत है, जिसे शिक्षा में सुदृढ़ आधार बनाकर प्राप्त किया जा सकता है।
विभाग
इस मिशन के अनुसरण में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) का सृजन भारत सरकार (व्यवसाय का आबंटन) नियम, 1961 के 174वें संशोधन के माध्यम से 26 सितम्बर, 1985 को किया गया था। जो दो विभागों के माध्यम से कार्य करता है-
- स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग
- उच्चतर शिक्षा विभाग।
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग देश में स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता के विकास के लिए उत्तरदायी है तथा उच्चतर शिक्षा विभाग संयुक्त राज्य अमेरिका एवं चीन के बाद दुनिया की सबसे बड़ी उच्चतर शिक्षा प्रणाली की देखरेख करता है।
लक्ष्य
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग का लक्ष्य शिक्षा के सार्वभौमिकरण एवं युवाओं में से बेहतर नागरिक तैयार करना है। इसके लिए, नियमित रूप से विभिन्न नई स्कीमें एवं पहलें प्रारंभ की जाती हैं तथा अभी हाल ही में इन स्कीमों से स्कूलों में बढ़ते हुए नामांकन के तौर पर मिलना प्रारंभ हो गया है। दूसरी तरफ, उच्चतर शिक्षा विभाग देश की उच्चतर शिक्षा एवं अनुसंधान में विश्व स्तरीय अवसर पैदा करने के कार्य में लगा हुआ है ताकि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय विद्यार्थी पीछे न रहें। इस प्रयोजनार्थ, सरकार ने भारतीय विद्यार्थियों को वैश्विक मतों का लाभ प्रदान करने के लिए कई संयुक्त उपक्रम प्रारंभ किए हैं और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
उद्देश्य
मंत्रालय के उद्देश्य निम्नलिखित होंगे;
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाना और उसका अक्षरश: कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
- संपूर्ण देश, जिसमें ऐसे क्षेत्र भी शामिल हैं जहां शिक्षा तक लोगों की पहुंच आसान नहीं है, में शैक्षिक संस्थाओं की पहुंच में विस्तार और गुणवत्ता में सुधार करने सहित सुनियोजित विकास।
- निर्धनों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों जैसे वंचित समूहों की ओर विशेष ध्यान देना।
- समाज के वंचित वर्गों के पात्र छात्रों को छात्रवृति, ऋण सब्सिडी आदि के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना जिसमें यूनेस्को तथा विदेशी सरकारों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर कार्य करना शामिल है ताकि देश में शैक्षिक अवसरों में वृद्धि हो सके।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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