गुलाब

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लाल गुलाब
Red Rose

गुलाब एक भारतीय पुष्प है। पूरे भारत में गुलाब के पौधे पाए जाते हैं। गुलाब का वैज्ञानिक नाम रोजा हाइब्रिडा है। देशी गुलाब लाल रंग का होता है। परन्तु कलम करके कई रंगो के गुलाब उगाए जाते हैं। गुलाब एक ऐसा फूल है, जिसके बारे में सब जानते है। गुलाब का फूल दिखने में जितना अधिक सुन्दर होता है। उससे कहीं ज्यादा उसमें औषधीय गुण होते हैं। यह सबसे पुराना सुगन्धित पुष्प है, जो मनुष्य के द्वारा उगाया जाता था। इसके विभिन्न प्रकार के सुन्दर फूल जो कि आर्कषक, आकृति, विभिन्न आकार, मन को लुभाने वाले रंगों और अपने विभिन्न उपयोगिताओं के कारण एक महत्वपूर्ण पुष्प माना जाता है।

रंग

गुलाब का फूल लाल, गुलाबी, पीला, नारंगी, नीला, सफेद और काला रंग का होता है।

स्वाद

गुलाब के फूल का स्वाद हल्का तीखा और खुशबूदार होता है।

स्वरुप

गुलाब के पेड़ फुलवाड़ियों में लगाये जाते है। इसकी डालों में कांटे लगे होते हैं, यह 2 तरह का होता है। एक मौसमी और एक बारहमासी। मौसमी गुलाब का फूल मार्च-अप्रैल में फूलता है। इसमें सुगंध अधिक होती है। बारह महिने गुलाब का फूल बारहों महिने तक फूलता है।[1]

गुलाब का विवरण

गुलाब की खेती प्राचीन समय से फ्रांस, साइप्रस, ग्रीस, भारत, ईरान, इटली, मोरक्को, अमेरिका और बुल्गारिया में इत्र उत्पादन के लिए होती आ रही है। भारत मे इसकी बहुत सी प्रजातियां हिमालय की पर्वत श्रृखंलाओं में जंगली रूप में पायी गई है। सुगंधित गुलाब की खेती मुख्यतः अलीगढ़, कन्नौज, गाजीपुर, बलिया और जौनपुर उत्तर प्रदेश में, राजस्थान में हल्दीघाटी, चण्‍डीगढ़ के निकट और तमिलनाडु मे लगभग 8000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है। गुलाब की खेती करने वाले मुख्य क्षेत्र कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और चण्ड़ीगढ जबकि गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के कुछ भागो में इसकी खेती की जाती है।

गुलाब का पौधा

गुलाब अपनी उपयोगिताओं के कारण सभी पुष्पों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। आमतौर पर गुलाब का पौधा ऊंचाई में 4-6 फुट का होता है। तने मे असमान कांटे लगे होते है। गुलाब की 5 पत्तियां मिली हुई होती है। बहुत मात्रा में मिलने वाला गुलाब का फूल गुलाबी रंग का होता है। गुलाब का फल अंडाकार होता है। इसका तना कांटेदार, पत्तियां बारी-बारी से घेरे में होती है। पत्तियों के किनारे दांतेदार होती है। फल मांसल बेरी की तरह होता है जिसे 'रोज हिप' कहते है। गुलाब का पुष्पवृन्त कोरिम्बोस, पेनीकुलेट या सोलिटरी होता है।

गुलाब के फायदे

  • गुलाब के फूलों से ठंडक मिलती है। शरीर के रंग-रुप में निखार आता है।
  • गुलाब ठंडक प्रदान करता है।
  • गुलाब दिल, दिमाग और आमाशय को बलवान बनाता है।
  • आयुर्वेद में गुलाब के गुणों की चर्चा आती है। इसे वात-पित्तनाशक दाह, जलन, अधिक प्यास तथा कब्ज नाशक कहा गया है।
  • यह गर्मी से होने वाले उन्माद में लाभकारी होता है। यह मन को प्रसन्न करता है।
  • गुलाब में विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता है।
  • पाचन शक्ति (भोजन पचाने की क्रिया) को बढ़ाती है। गुलाब में हल किया हुआ सुरमा आंखों के लिए लाभकारी होता है।
  • गुलाब का प्रयोग पाट-पूरी, संरक्षित पदार्थ, रोज वाइनगार, मदिरा, जेम और जेली इत्यादि मे किया जाता है।

गुलाब के अन्य उत्पाद

  • गुलाब जल:- यह एक व्यवसायिक उत्पाद है जो कि गुलाब कि पंखुड़ियो से तैयार किया जाता है इसका प्रयोग इत्र में, दवाइयों में, और कन्फैक्शनरी में किया जाता है। यह ठण्डक प्रदान करता है और इसको प्रायः आंखो की दवा के रूप मे प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग पीने के पानी तथा शादियों मे मेहमानों के ऊपर छिड़कने में करते हैं।
  • इत्र:- यह मुख्य व्यावसायिक उत्पाद है जो कि गुलाब की पंखुडियों से बनाया जाता है। सुंगध के अलावा इसमे औषधीय गुण होते है। बुल्गेरियन गुलाब को सुगंधित साबुन और सौंदर्य सामग्री बनाने मे प्रयोग किया जाता है।
  • गुलकन्द:- सूखी गुलाब की पंखुडियों को पंखुडी कहा जाता है और गुलाब की पंखुडि़यो से गुलकन्द तैयार किया जाता है जिसमे कि पंखुडिया और चीनी की मात्रा रखी जाती है। ये स्वास्थ्यवर्धक और लक्जेटिव के रूप मे प्रयोग किया जाता है।
  • पंखुडी:- इसका प्रयोग मिठाइयों एंव शीतल पेय पदार्थो मे किया जाता है।
  • गुलरोगन:- यह केश तेल होता है जो गुलाब के पंखुडियों के साथ तिल के तेल मे मिलाकर बनाया जाता है।
  • विटामिन:- गुलाब का फल एस्कोरबिक एसिड़ का अच्छा श्रोत होता है। 100 ग्राम गुलाब के फल के शरबत में 150 मिलीग्राम एस्कोरबिक एसिड पाया जाता है जो कि 50 मिलीग्राम संतरे के जूस से 20 मिलीग्राम टमाटर के रस से और 5 मिली ग्राम सेब के रस से अधिक पाया जाता है।[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गुलाब (हिन्दी) जनकल्याण। अभिगमन तिथि: 23 अगस्त, 2010
  2. गुलाब (हिन्दी) उत्तरा कृषि प्रभा। अभिगमन तिथि: 23 अगस्त, 2010

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