भारत के प्रधानमंत्री
क्रमांक | नाम | कार्यकाल | चित्र |
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(1) | जवाहर लाल नेहरू | 26 फ़रवरी, 1950 से 27 मई, 1964 | |
गुलजारी लाल नन्दा (कार्यवाहक) |
27 मई, 1964 से 9 जून, 1964 | ||
(2) | लाल बहादुर शास्त्री | 9 जून, 1964 से 11 जनवरी, 1966 | |
गुलजारी लाल नन्दा (कार्यवाहक) |
11 जनवरी, 1966 से 24 जनवरी 1966 | ||
(3) | श्रीमती इंदिरा गांधी | 24 जनवरी, 1966 से 24 मार्च, 1977 | |
(4) | मोरारजी देसाई | 24 मार्च, 1977 से 28 जुलाई, 1979 | |
(5) | चरण सिंह चौधरी | 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 | |
श्रीमती इंदिरा गांधी | 14 जनवरी, 1980 से 31 अक्टूबर, 1984 | ||
(6) | राजीव गांधी | 31 अक्टूबर, 1984 से 1 दिसम्बर, 1989 | |
(7) | विश्वनाथ प्रताप सिंह | 1 दिसम्बर, 1989 से 10 नवम्बर, 1990 | |
(8) | चन्द्रशेखर सिंह | 10 नवम्बर, 1990 से 21 जून, 1991 | |
(9) | पी. वी. नरसिंह राव | 21 जून, 1991 से 16 मई, 1996 | |
(10) | अटल बिहारी वाजपेयी | 16 मई, 1996 से 1 जून, 1996 | |
(11) | एच. डी. देवगौड़ा | 1 जून, 1996 से 21 अप्रैल, 1997 | |
(12) | इन्द्र कुमार गुजराल | 21 अप्रैल, 1997 से 19 मार्च, 1998 | |
अटल बिहारी वाजपेयी | 19 मार्च, 1998 से 22 मई, 2004 | ||
(13) | डॉ. मनमोहन सिंह | 22 मई, 2004 से अब तक |
प्रधानमंत्री
भारतीय संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री का पद बहुत ही महत्त्वपूर्ण पद है, क्योंकि प्रधानमंत्री ही संघ कार्यपालिका का प्रमुख होता है। चूंकि भारत में ब्रिटेन के समान संसदीय शासन व्यवस्था कों अंगीकार किया गया है, इसलिए प्रधानमंत्री पद का महत्त्व और अधिक हो गया है। अनुच्छेद 74 के अनुसार प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का प्रधान होता है। वह राष्ट्रपति के कृत्यों का संचालन करता है।
- चयन तथा नियुक्ति
प्रधानमंत्री के चयन तथा नियुक्ति के सम्बन्ध में संविधान के अनुच्छेद 75 में केवल यह प्रावधान किया गया है कि प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करेगा। लेकिन इसका तात्पर्य यह नहीं है कि राष्ट्रपति अपने विवेकाधिकार से प्रधानमंत्री की नियुक्ति कर सकता है। सामान्य प्रथा यह है कि राष्ट्रपति उसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त कर सकता है जो लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है। जो व्यक्ति लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता चुना जाता है, वह राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा करता है। इसके बाद उस व्यक्ति को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया जाता है। यदि सामान्य चुनाव में कोई भी दल बहुमत नहीं प्राप्त करता, तो राष्ट्रपति लोकसभा में सबसे बड़े दल के नेता को या किसी ऐसे व्यक्ति को, जिसे कई दलों का समर्थन प्राप्त हो, को प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त करके उससे यह अपेक्षा करता है कि वह एक मास के अंतर्गत लोकसभा में अपना बहुमत साबित करे।
उप-प्रधानमंत्री
भारतीय संविधान में उप-प्रधानमंत्री पद की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके बावजूद समय-समय पर इस पद की व्यवस्था की जाती रही है। इस पद का अब तक 7 बार सृजन किया गया है। पहली बार इस पद का सृजन प्रथम लोकसभा के दौरान प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू द्वारा किया गया था। इस प्रकार सरदार बल्लभ भाई पटेल उप-प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाले प्रथम व्यक्ति थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ