याकूत (रत्न)

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:21, 10 फ़रवरी 2021 का अवतरण (Text replacement - "तेजी " to "तेज़ी")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
याकूत एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- याकूत (बहुविकल्पी)

याकूत एक प्रकार का लाल रंग का बहुमूल्य रत्न है।

  • माणिक को अंग्रेज़ी में रूबी और उर्दू में याकूत कहते हैं। मशहूर इस्लामी स्कॉलर सैयद इब्राहीम सैफी ने लिखा है कि 'जब हजरत आदम को जन्नत से निकाला गया तो सबसे पहले उनका पैर श्रीलंका के सेरेन द्वीप पर पड़ा। उनके कदम मुबारक के छूने से याकूत पैदा हुआ। माणिक के प्याले में शराब डालकर पीने से उसकी तेज़ीऔर नशा लगभग खत्म हो जाता है'।[1]
  • कुछ मुस्लिम शहंशाहों के बारे में कहा जाता है कि वह याकूत के प्याले में ही शराब पीते थे, क्योंकि इस्लाम में शराब नहीं नशे को हराम करार दिया गया है।
  • राजा और शहंशाह इसी के बर्तनों में खाना भी खाते थे, क्योंकि माणिक के बर्तन में ज़हर का असर नहीं होता।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. शब्द का अर्थ खोजें (हिंदी) pratiyogita.pustak.org। अभिगमन तिथि: 04 नवंबर, 2020।

संबंधित लेख