लॉर्ड नार्थब्रुक
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
- मेयो के बाद 1872 ई. में नार्थब्रुक भारत का वायसराय बना।
- नार्थब्रुक के समय में बंगाल में भयानक अकाल पड़ा। उसने बड़ौदा के मल्हार राव गायकवाड़ को भ्रष्टाचार के आरोप में पदच्युत कर मद्रास भेज दिया।
- 1873 ई. में उसने घोषणा की "मेरा उद्देश्य करों को हटाना तथा अनावश्यक वैधानिक कार्यवाहियों को बंद करना है"।
- इसके समय में पंजाब का प्रसिद्ध कूका आन्दोलन हुआ। उसने अफ़गानिस्तान के सन्दर्भ में हस्तक्षेप नीति का पालन किया।
- रूस के अफ़गानिस्तान की तरफ बढ़ने के कारण शेर अली ने भयभीत होकर नार्थब्रुक से अंग्रेज़ी संरक्षण की मांग की, परन्तु नार्थब्रुक ने ऐसा कर पाने में विवशता का परिचय दिया।
- जब गृह सरकार ने अफ़ग़ानिस्तान में एक अंग्रेज़ रेजीडेन्ट रखना चाहा, नार्थब्रुक ने सरकार की इस नीति के विरोध में 1876 ई. में इस्तीफा दे दिया।
- इसके समय में स्वेज नहर के खुल जाने के कारण ब्रिटेन और भारत के मध्य व्यापार में वृद्धि हुई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ