दूध
दूध एक अपारदर्शी सफेद पेय पदार्थ है जो मादाओं के दुग्ध ग्रन्थियों द्वारा बनता है। नवजात शिशु तब तक दूध पर निर्भर रहता है जब तक वह अन्य पदार्थों का सेवन करने में अक्षम होता है। साधारणतया दूध में 85 प्रतिशत जल होता है और शेष भाग में ठोस तत्व यानी खनिज व वसा होता है। गाय-भैंस के अलावा बाज़ार में विभिन्न कंपनियों का पैक्ड दूध भी उपलब्ध होता है। दूध प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी -2) युक्त होता है, इनके अलावा इसमें विटामिन ए, डी, के और ई सहित फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयोडीन व कई खनिज और वसा तथा ऊर्जा भी होती है। इसके अलावा इसमें कई एंजाइम भी होते है। आहार विशेषज्ञों की मानें तो ये सब पोषक तत्व हमारी मांसपेशियों और हड्डियों के गठन में अहम भूमिका निभाते हैं। प्रोटीन एंटीबॉडीज के रूप में काम करता है और हमें इन्फेक्शन से बचाता है।
गाय का दूध
गाय के दूध में प्रति ग्राम 3.14 मिली ग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है। योगाचार्य सुरक्षित गोस्वामी गाय के ताजा दूध को ही उत्तम मानते हैं। अनेकानेक चिकत्सकों का भी मानना है कि गाय का दूध भैंस की तुलना में दिमाग के लिए अच्छा है, पर इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. एच. एस. छाबड़ा के अनुसार कुछ स्टडी बताती हैं कि गाय के दूध से बेहतर है भैंस का दूध। उसमें कम कोलेस्ट्रॉल होता है और मिनरल ज़्यादा होते हैं।
भैंस का दूध
भैंस के दूध में प्रति ग्राम 0.65 मिली ग्राम कोलेस्ट्रॉल होता है। भैंस के दूध में गाय के दूध की तुलना में 92 फीसदी कैल्शियम , 37 फीसदी आयरन और 118 फीसदी फॉस्फोरस ज़्यादा होता है।
पैकिट वाला दूध
इस तरह का दूध मदर डेयरी, अमूल, पराग जैसी कंपनियां वितरण करती हैं। इसमें विटामिन ए, आयरन और कैल्शियम ऊपर से भी मिलाया जाता है। इसमें भी कई तरह के जैसे फुल क्रीम, टोंड, डबल टोंड और फ्लेवर्ड मिल्क मिलते हैं। फुल क्रीम में फैट सबसे अधिक होता है। इन सभी की अपनी उपयोगिता है, पर डॉक्टरों की राय है कि बच्चों के लिए फुल क्रीम दूध बेहतर है तो बड़ों के लिए कम फैट वाला दूध।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ दूध के बारे में सबकुछ... (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 जनवरी, 2011।